Inspiring Poem in Hindi – दोस्तों आज इस पोस्ट में कुछ बेहतरीन जीवन जीने की प्रेरणा देने वाली कविता हिंदी में दिया गया हैं. यह प्रेरणादायक कविता का संग्रह पढ़कर आपका मन जोश से ओत प्रोत हो जायगा.
जब कभी आप स्वयं को निराशा के भंवर में पाते हैं. तो इस Inspired Poem in Hindi कविता को पढने के बाद आप के मन के अन्दर प्रेरक भवनाओं का संचार हो जाता हैं.
आज के समय में इस भागदौर भरी जिंदगी में प्रेरणा का बहुत ही अभाव हैं. इस समय लोग एक दुसरे को निचे दिखाने और गिराने में लगे हैं. कोई किसी का मदद करने वाला नहीं हैं. बिना सोचें समझे लिए गए निर्णयों के कारण से होने वाली असफलता से निराश हो जाते हैं.
दोस्तों असफलता का सामना जीवन में सभी को करना पड़ता हैं. लेकिन जो इन्सान प्रयास जारी रखता हैं. वह एक असली सफल इन्सान बनता हैं. यहाँ पर दी गई कुछ Inspiring Hindi Poem की पढ़कर जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलेगी.
अब आइए निचे कुछ Inspiring Poem in Hindi में दिया गया हैं. इसको पढ़ते हैं. हमें उम्मीद हैं की आपको यह सभी प्रेरणादायक कविता पसंद आयगी. इस Inspiring Hindi Poems को अपने दोस्तों के साथ शेयर भी करें.
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1. Inspiring Hindi Poem – लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती
लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती
नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चढ़ती है
चढ़ती दीवारों पर सौ बार फ़िसलती है
मन का विश्वास रगों में साहस भरता है
चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना न अखरता है
मेहनत उसकी बेकार नहीं हर बार होती
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती
डुबकियाँ सिंधु में गोताखोर लगाता है
जा-जा कर खाली हाथ लौट कर आता है
मिलते न सहज ही मोती गहरे पानी में
बढ़ता दूना विश्वास इसी हैरानी में
मुट्ठी उसकी खाली हर बार नहीं होती
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती
असफ़लता एक चुनौती है, स्वीकार करो
क्या कमी रह गई देखो और सुधार करो
जब तक न सफल हो, नींद-चैन को त्यागो तुम
संघर्षों का मैदान छोड़ मत भागो तुम
कुछ किये बिना ही जय-जयकार नहीं होती
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती
2. Inspiring Poem in Hindi – कोशिश कर, हल निकलेगा
कोशिश कर, हल निकलेगा
आज नहीं तो, कल निकलेगा.
अर्जुन के तीर सा सध
मरूस्थल से भी जल निकलेगा.
मेहनत कर, पौधों को पानी दे
बंजर जमीन से भी फल निकलेगा.
ताकत जुटा, हिम्मत को आग दे
फ़ौलाद का भी बल निकलेगा
जिंदा रख, दिल में उम्मीदों को
गरल के समंदर से भी गंगाजल निकलेगा.
कोशिशें जारी रख कुछ कर गुजरने की
जो है आज थमा-थमा सा, चल निकलेगा
आनंद परम
3. प्रेरणादायक कविता – राह में मुश्किल होगी हजार
राह में मुश्किल होगी हजार,
तुम दो कदम बढाओ तो सही,
हो जाएगा हर सपना साकार,
तुम चलो तो सही, तुम चलो तो सही।
मुश्किल है पर इतना भी नहीं,
कि तू कर ना सके,
दूर है मंजिल लेकिन इतनी भी नहीं,
कि तु पा ना सके,
तुम चलो तो सही, तुम चलो तो सही।
एक दिन तुम्हारा भी नाम होगा,
तुम्हारा भी सत्कार होगा,
तुम कुछ लिखो तो सही,
तुम कुछ आगे पढ़ो तो सही,
तुम चलो तो सही, तुम चलो तो सही।
सपनों के सागर में कब तक गोते लगाते रहोगे,
तुम एक राह चुनो तो सही,
तुम उठो तो सही, तुम कुछ करो तो सही,
तुम चलो तो सही, तुम चलो तो सही।
कुछ ना मिला तो कुछ सीख जाओगे,
जिंदगी का अनुभव साथ ले जाओगे,
गिरते पड़ते संभल जाओगे,
फिर एक बार तुम जीत जाओगे।
तुम चलो तो सही, तुम चलो तो सही।
नरेंद्र वर्मा
4. Inspiring Hindi Poems – नहीं बनाया किसी ने टाटा, बिरला, अंबानी
नहीं बनाया किसी ने टाटा, बिरला, अंबानी,
खुद ही बने है सब अपने सपनों के सौदागर।
राह नहीं थी बनी बनाई, ना ही है कोई बड़ा ज्ञानी,
सब ने करी है कड़ी मेहनत, फिर है मेहनत रंग लाई।
एक पल में नहीं बनता सब कुछ,
पल पल मेहनत करके सब ने मंजिल है पाई।
कल क्या होगा ना ध्यान दिया, बस काम किया,
राह में मुश्किल उनके भी आई।
मुश्किल था मंजिल को पाना, बना दिया रास्ता,
चल दिए बिना किए किसी की परवाह।
सुना है उन्होंने भी ताना बाना,
लेकिन फितूर चढ़ा था कुछ पाने का।
तोड़ दिया सब का भ्रम, कर दिया सपनों को साकार,
ताना देने वालों ने ही हँसकर सत्कार किया।
5. Inspired Poem in Hindi – वह प्रदीप जो दीख रहा है झिलमिल, दूर नहीं है
वह प्रदीप जो दीख रहा है झिलमिल, दूर नहीं है;
थककर बैठ गये क्या भाई! मंजिल दूर नहीं है।
चिनगारी बन गई लहू की
बूँद गिरी जो पग से;
चमक रहे, पीछे मुड़ देखो,
चरण – चिह्न जगमग – से।
शुरू हुई आराध्य-भूमि यह,
क्लान्ति नहीं रे राही;
और नहीं तो पाँव लगे हैं,
क्यों पड़ने डगमग – से?
बाकी होश तभी तक, जब तक जलता तूर नहीं है;
थककर बैठ गये क्या भाई! मंजिल दूर नहीं है।
अपनी हड्डी की मशाल से
हॄदय चीरते तम का,
सारी रात चले तुम दुख
झेलते कुलिश निर्मम का।
एक खेय है शेष किसी विधि
पार उसे कर जाओ;
वह देखो, उस पार चमकता
है मन्दिर प्रियतम का।
आकर इतना पास फिरे, वह सच्चा शूर नहीं है,
थककर बैठ गये क्या भाई! मंजिल दूर नहीं है।
दिशा दीप्त हो उठी प्राप्तकर
पुण्य-प्रकाश तुम्हारा,
लिखा जा चुका अनल-अक्षरों
में इतिहास तुम्हारा।
जिस मिट्टी ने लहू पिया,
वह फूल खिलायेगी ही,
अम्बर पर घन बन छायेगा
ही उच्छवास तुम्हारा।
और अधिक ले जाँच, देवता इतना क्रूर नहीं है।
थककर बैठ गये क्या भाई ! मंजिल दूर नहीं है।
6. Inspiring Hindi Poem – देख कर बाधा विविध, बहु विघ्न घबराते नहीं
देख कर बाधा विविध, बहु विघ्न घबराते नहीं।
रह भरोसे भाग के दुख भोग पछताते नहीं
काम कितना ही कठिन हो किन्तु उकताते नही
भीड़ में चंचल बने जो वीर दिखलाते नहीं।।
हो गये एक आन में उनके बुरे दिन भी भले
सब जगह सब काल में वे ही मिले फूले फले।।
आज करना है जिसे करते उसे हैं आज ही
सोचते कहते हैं जो कुछ कर दिखाते हैं वही
मानते जो भी है सुनते हैं सदा सबकी कही
जो मदद करते हैं अपनी इस जगत में आप ही
भूल कर वे दूसरों का मुँह कभी तकते नहीं
कौन ऐसा काम है वे कर जिसे सकते नहीं।।
जो कभी अपने समय को यों बिताते है नहीं
काम करने की जगह बातें बनाते हैं नहीं
आज कल करते हुए जो दिन गँवाते है नहीं
यत्न करने से कभी जो जी चुराते हैं नहीं
बात है वह कौन जो होती नहीं उनके लिये
वे नमूना आप बन जाते हैं औरों के लिये।।
व्योम को छूते हुए दुर्गम पहाड़ों के शिखर
वे घने जंगल जहां रहता है तम आठों पहर
गर्जते जल राशि की उठती हुई ऊँची लहर
आग की भयदायिनी फैली दिशाओं में लपट
ये कंपा सकती कभी जिसके कलेजे को नहीं
भूलकर भी वह नहीं नाकाम रहता है कहीं।
अयोध्या सिंह उपाध्याय हरिऔध
7. Inspiring Poem in Hindi – माना हालात प्रतिकूल हैं, रास्तों पर बिछे शूल हैं
माना हालात प्रतिकूल हैं, रास्तों पर बिछे शूल हैं
रिश्तों पे जम गई धूल है
पर तू खुद अपना अवरोध न बन
तू उठ…… खुद अपनी राह बना……………..
माना सूरज अँधेरे में खो गया है……
पर रात अभी हुई नहीं, यह तो प्रभात की बेला है
तेरे संग है उम्मीदें, किसने कहा तू अकेला है
तू खुद अपना विहान बन, तू खुद अपना विधान बन……..
सत्य की जीत हीं तेरा लक्ष्य हो
अपने मन का धीरज, तू कभी न खो
रण छोड़ने वाले होते हैं कायर
तू तो परमवीर है, तू युद्ध कर – तू युद्ध कर…………..
इस युद्ध भूमि पर, तू अपनी विजयगाथा लिख
जीतकर के ये जंग, तू बन जा वीर अमिट
तू खुद सर्व समर्थ है, वीरता से जीने का हीं कुछ अर्थ है
तू युद्ध कर – बस युद्ध कर…
8. प्रेरणादायक कविता – यह हार एक विराम है
यह हार एक विराम है
जीवन महासंग्राम है
तिल-तिल मिटूँगा पर दया की भीख मैं लूँगा नहीं।
वरदान माँगूँगा नहीं।।
स्मृनति सुखद प्रहरों के लिए
अपने खंडहरों के लिए
यह जान लो मैं विश्वख की संपत्ति चाहूँगा नहीं।
वरदान माँगूँगा नहीं।।
क्यान हार में क्याो जीत में
किंचित नहीं भयभीत मैं
संधर्ष पथ पर जो मिले यह भी सही वह भी सही।
वरदान माँगूँगा नहीं।।
लघुता न अब मेरी छुओ
तुम हो महान बने रहो
अपने हृदय की वेदना मैं व्य र्थ त्यांगूँगा नहीं।
वरदान माँगूँगा नहीं।।
चाहे हृदय को ताप दो
चाहे मुझे अभिशाप दो
कुछ भी करो कर्तव्यो पथ से किंतु भागूँगा नहीं।
वरदान माँगूँगा नहीं।।
शिवमंगल सिंह ‘सुमन’
9. Inspiring Hindi Poems – भूल गया है तू अपना पथ
भूल गया है तू अपना पथ
और नही पँखो मे भी गति
किंतु लौटना पीछे पथ पर
अरे मौत से भी है बदतर
मत डर प्रलय झकोरो से तू
बढ़ आशा हलकोरो से तू
छण मे अरि दल मिट जाएगा
तेरे पँखो से पीसकर
यदि तू लौट पड़ेगा थक कर
अंधर, काल, बवंडर से डर
प्यार तुझे करने वाले ही
देखेंगे तुझको हंस हंस कर
और यदि मिट गया चलते चलते
मंज़िल पथ तय करते करते
खाक चढ़ाएगा जाग
उन्नत भाल और आँखो पर
खग उड़ते रहना जीवन भर
गोपालदास नीरज
10. Inspired Poem in Hindi – नर हो न निराश करो मन को
नर हो न निराश करो मन को
कुछ काम करो कुछ काम करो
जग में रहके निज नाम करो
यह जन्म हुआ किस अर्थ अहो
समझो जिसमें यह व्यर्थ न हो
कुछ तो उपयुक्त करो तन को
नर हो न निराश करो मन को ।
संभलो कि सुयोग न जाए चला
कब व्यर्थ हुआ सदुपाय भला
समझो जग को न निरा सपना
पथ आप प्रशस्त करो अपना
अखिलेश्वर है अवलम्बन को
नर हो न निराश करो मन को ।
जब प्राप्त तुम्हें सब तत्त्व यहाँ
फिर जा सकता वह सत्त्व कहाँ
तुम स्वत्त्व सुधा रस पान करो
उठके अमरत्व विधान करो
दवरूप रहो भव कानन को
नर हो न निराश करो मन को ।
निज गौरव का नित ज्ञान रहे
हम भी कुछ हैं यह ध्यान रहे
सब जाय अभी पर मान रहे
मरणोत्तर गुंजित गान रहे
कुछ हो न तजो निज साधन को
नर हो न निराश करो मन को ।
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