Poem on Water in Hindi – दोस्तों इस पोस्ट में आपको कुछ बेहतरीन Save Water Poems in Hindi का संग्रह दिया गया हैं. हमारे कवियों ने पानी के संक्षरण के लिए अनेकों पानी पर कविता लिखी हैं. जिससे लोग कुछ सीख ले सके. और प्रकृति के इस अनमोल उपहार को संरक्षित कर सके.
धरती पर सबसे ज्यादा पानी मौजूद हैं. पृथ्वी का तीन हिस्सा पर पानी मौजूद हैं. लेकिन यह सभी पानी हमारे पीने योग्य नहीं हैं. धरती पर पीने योग्य पानी की मात्रा धीरे – धीरे कम होती जा रही हैं. हमारे ही देश में अनेकों ऐसे क्षेत्र हैं. जहाँ पानी मुश्किल से लोगों को मील पाता हैं. वहाँ दैनिक कार्य के लिए भी पानी मुश्किल से लोग जुटा पाते हैं. और कुछ ऐसा क्षेत्र हैं. जहाँ पर पानी की मात्रा पर्याप्त हैं. वहाँ लोग पानी का जरुरत से ज्यादा बर्बाद करते हैं.
दोस्तों यदि हम लोग जल्दी नहीं चेते तो आने वाले समय में संकट और गहराता जायगा. हमें पानी को बर्बाद और प्रदूषित होने से बचाना पड़ेगा. सरकार भी जल बचाने के लिए अनेक प्रकार के कार्यक्रम और योजना चलाई हैं. जिससे लोगों को पानी बर्बाद होने से बचाने के लिए जागरूक किया जा सके.
अब आइए कुछ निचे Poem on Water in Hindi में दी गई हैं. इसे पढ़ते हैं. हमें उम्मीद हैं की यह सभी Save Water Poems in Hindi आपको पसंद आयगी. इस पानी पर कविता को अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें.
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1. Poem on Water in Hindi – पानी की महिमा धरती पर
पानी की महिमा धरती पर, है जिसने पहचानी ।
उससे बढ़कर और नहीं है, इस दुनिया में ज्ञानी ।।
जिसमें ताकत उसके आगे, भरते हैं सब पानी ।
पानी उतर गया है जिसका, उसकी खतम कहानी ।।
जिसकी मरा आँख का पानी, वह सम्मान न पाता ।
पानी उतरा जिस चेहरे का, वह मुर्दा हो जाता ॥
झूठे लोगों की बातें पानी पर खिंची लकीरें ।
छोड़ अधर में चल देंगे वे, आगे धीरे-धीरे । ।
जिसमें पानी मर जाता है, वह चुपचाप रहेगा ।
बुरा-भला जो चाहे कह लो, सारी बात सहेगा ।।
लगा नहीं जिसमें पानी, उपज न वह दे पाता ।
फसल सूख माटी में मिलती, नहीं अन्न से नाता ।।
बिन पानी के गाय-बैल, नर नारी प्यासे मरते ।
पानी मिल जाने पर सहसा गहरे सागर भरते ।।
बिन पानी के धर्म-काज भी, पूरा कभी न होता ।
बिन पानी के मोती को, माला में कौन पिरोता ।।
इस दुनिया से चल पड़ता है, जब साँसों का मेला ।
गंगा-जल मुँह में जाकर के, देता साथ अकेला । ।
उनसे बचकर रहना जो पानी में आग लगाते ।
पानी पीकर सदा कोसते, वे कब खुश रह पाते ।।
पानी पीकर जात पूछते हैं केवल अज्ञानी।
चुल्लू भर पानी में डूबें, उनकी दुखद कहानी ॥
चिकने घड़े न गीले होते, पानी से घबराते ।
बुरा-भला कितना भी कह लो, तनिक न वे शरमाते ॥
नैनों के पानी से बढ़कर और न कोई मोती ।
बिना प्यार का पानी पाए, धरती धीरज खोती ।।
प्यार ,दूध पानी-सा मिलता है जिस भावुक मन में ।
उससे बढ़कर सच्चा साथी, और नहीं जीवन में ।।
जीवन है बुलबुला मात्र बस, सन्त कबीर बतलाते ।
इस दुनिया में सदा निभाओ, प्रेम -नेम के नाते ।।
रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
2. Save Water Poems in Hindi – जल ही जीवन है
जल ही जीवन है
जल से हुआ सृष्टि का उद्भव जल ही प्रलय घन है
जल पीकर जीते सब प्राणी जल ही जीवन है।।
शीत स्पर्शी शुचि सुख सर्वस
गन्ध रहित युत शब्द रूप रस
निराकार जल ठोस गैस द्रव
त्रिगुणात्मक है सत्व रज तमस
सुखद स्पर्श सुस्वाद मधुर ध्वनि दिव्य सुदर्शन है ।
जल पीकर जीते सब प्राणी जल ही जीवन है ।।
भूतल में जल सागर गहरा
पर्वत पर हिम बनकर ठहरा
बन कर मेघ वायु मण्डल में
घूम घूम कर देता पहरा
पानी बिन सब सून जगत में, यह अनुपम धन है ।
जल पीकर जीते सब प्राणी जल ही जीवन है ।।
नदी नहर नल झील सरोवर
वापी कूप कुण्ड नद निर्झर
सर्वोत्तम सौन्दर्य प्रकृति का
कल-कल ध्वनि संगीत मनोहर
जल से अन्न पत्र फल पुष्पित सुन्दर उपवन है ।
जल पीकर जीते सब प्राणी जल ही जीवन है ।।
बादल अमृत-सा जल लाता
अपने घर आँगन बरसाता
करते नहीं संग्रहण उसका
तब बह॰बहकर प्रलय मचाता
त्राहि-त्राहि करता फिरता, कितना मूरख मन है ।
जल पीकर जीते सब प्राणी जल ही जीवन है ।।
शास्त्री नित्यगोपाल कटारे
3. पानी पर कविता – सदा हमें समझाए नानी
सदा हमें समझाए नानी,
नहीं व्यर्थ बहाओ पानी ।
हुआ समाप्त अगर धरा से,
मिट जायेगी ये ज़िंदगानी ।
नहीं उगेगा दाना-दुनका,
हो जायेंगे खेत वीरान ।
उपजाऊ जो लगती धरती,
बन जायेगी रेगिस्तान ।
हरी-भरी जहाँ होती धरती,
वहीं आते बादल उपकारी ।
खूब गरजते, खूब चमकते,
और करते वर्षा भारी ।
हरा-भरा रखो इस जग को,
वृक्ष तुम खूब लगाओ ।
पानी है अनमोल रत्न,
तुम एक-एक बूँद बचाओ ।
श्याम सुन्दर अग्रवाल
4. Pani Par Kavita – अमृतधारा सा पानी
पानी पानी पानी,
अमृतधारा सा पानी
बिन पानी सब सूना सूना
हर सुख का रस पानी
पावस देख पपीहा बोल
दादुर भी टर्राये
मेह आओ ये मोर बुलाये
बादर घिर-घिर आये
मेघ बजे नाचे बिजुरी
और गाये कोयल रानी।
रुत बरखा की प्रीत सुहानी
भेजा पवन झकोरा
द्रुमदल झूमे फैली सुरभि
मेघ बजे घनघोरा
गगन समन्दनर ले आया
धरती को देने पानी।
बाँध भरे नदिया भी छलकीं
खेत उगाये सोना
बाग बगीचे, हरे भरे
धरती पर हरा बिछौना
मन हुलसे पुलकित तन झंकृत
खुशी मिली अनजानी।
उपवन कानन ताल तलैया
थे सूखे दिल धड़कें
जाता सावन ज्योंलही लौटा
सबकी भीगी पलकें
क्या बच्चे क्याै बूढे नाचे
सब पर चढ़ी जवानी।
पानी पानी पानी।
गोपाल कृष्णा भट्ट ‘आकुल’
5. Poem in Hindi on Water – मत करो मुझको बर्बाद
मत करो मुझको बर्बाद, इतना तो तुम रखो याद,
प्यासे ही तुम रह जाओगे, मेरे बिना न जी पाओगे।
कब तक बर्बादी का मेरे, तुम तमाशा देखोगे,
संकट आएगा जब तुम पर, तब मेरे बारे में सोचोगे।
संसार में रहने वालों को, मेरी जरूरत पड़ती है,
मेरी बर्बादी के कारण, मेरी उम्र भी घटती है।
ऐसा न हो इक दिन मैं, इस दुनिया से चला जाऊं,
खत्म हो जाए खेल मेरा, लौट के फिर न वापस आऊं।
पछताओगे-रोओगे तुम, नहीं बनेगी कोई बात,
सोचो-समझो करो फैसला, अब तो ये है तुम्हारे हाथ।
मेरे बिना इस दुनिया में, जीना सबका मुश्किल है,
अपनी नहीं भविष्य की सोचो, भविष्य भी इसमें शामिल है।
मुझे ग्रहण कर सभी जीव, अपनी प्यास बुझाते हैं,
कमी मेरी पड़ गई अगर तो, हर तरफ सूखे पड़ जाते हैं।
सतर्क हो जाओ बात मान लो, मेरी यही कहानी है।
करो फैसला मिलकर आज, मत करो मुझको बर्बाद,
इतना तो तुम रखो याद।
6. Save Water Par Kavita – पानी जीवों के लिए कितनी ख़ास होती हैं
पानी जीवों के लिए कितनी ख़ास होती हैं,
प्यास लगने पर पानी की तलाश होती हैं,
धरती-अम्बर को जोड़ने का एक प्रयास होती हैं.
पानी ईश्वर है जिससे जीवन की आस होती हैं.
नल-टोटी से बूँदों में गिरे तो क्यों नही खास होता है,
जब कोई पानी बर्बाद करे तो क्यों नहीं एहसास होता है,
सबका पानी बचाने के लिए क्यों नहीं प्रयास होता हैं,
पानी ही जीवन है ऐसा बोलने पर क्यों नहीं सबको विश्वास होता हैं.
प्यास को जो मिटायें वो पानी हैं,
जो तन-मन के मैल को हटायें वो पानी हैं,
पानी है तो जीवन में रवानी हैं
इसके बिना जीवन की नही कोई कहानी हैं.
7. Poem on Water in Hindi – भैया पानी नहीं बहाना
भैया पानी नहीं बहाना,
अब घंटे भर नहीं नहाना |
पानी बहुत हुआ है महंगा,
बड़ा कठिन है पानी लाना |
हम सबको है बड़ा जरुरी,
धरती का पर्यावरण बचाना |
पानी गन्दा आया नल में,
पिया बीमार हुआ दो पल में |
उसको उलटी दस्त हो गए,
हाथ पैर भी लस्त हो गए |
पानी(water) सदा साफ़ पीना है,
स्वस्थ रहो लम्बा जीना है |
गन्दा है तो रोज उबालो,
थोड़ा ज़रा फिटकरी डालो ||
पंडित दयाल श्रीवास्तव
8. Save Water Poems in Hindi – जल है जीवन का आधार
जल है जीवन का आधार,
जल को न फेंको बेकार |
जल से ही सब जीवन पाते,
जल बिन जीवित न रह पाते |
जल को क्यों फिर व्यर्थ बहाते,
बात सरल सी समझ न पाते |
बदल भाप अम्बर में जाता,
मेघो के घर में भर जाता |
वर्षा में धरती पर आता,
धरती से अम्बर तक जाता |
यही निरंतर चलता रहता,
यही जल चक्र कहलाता |
डॉ० अनामिका रिछारिया
9. पानी पर कविता – पानी रे पानी तेरा रंग कैसा
पानी रे पानी तेरा रंग कैसा
जिसमें मिला दो लगे उस जैसा
इस दुनिया में जीनेवाले ऐसे भी हैं जीते
रूखी-सुखी खाते हैं और ठंडा पानी पीते।
तेरे एक ही घूँट में मिलता जन्नत का आराम
पानी रे पानी तेरा रंग कैसा
भूखे की भूख और प्यास जैसा।
गंगा से जब मिले तो बनता गंगाजल तू पावन
बादल से तू मिले तो रिमझिम बरसे सावन
सावन आया सावन आया रिमझिम बरसे पानी
आग ओढ़कर आग पहनकर, पिघली जाए जवानी
कहीं पे देखो छत टपकती, जीना हुआ हराम
पानी रे पानी तेरा रंग कैसा
दुनिया बनाने वाले रब जैसा।
वैसे तो हर रंग में तेरा जलवा रंग जमाए
जब तू फिरे उम्मीदों पर तेरा रंग समझ ना आए
कली खिले तो झट आ जाए पतझड़ का पैगाम
पानी रे पानी तेरा रंग कैसा
सौ साल जीने की उम्मीदों जैसा।
संतोषानन्द
10. Pani Par Kavita – मुँह धोऊँगा पानी से
मुँह धोऊँगा पानी से
मुन्ना बोला नानी से
प्यासे पानी पीते हैं
पानी से हम जीते हैं
जाने कब से पानी है
कितनी बड़ी कहानी है
कहीं ओस है, बर्फ कहीं
पानी ही क्या भाप नहीं
सब रूपों में पानी है
कहती ऐसा नानी है
नदियाँ बहतीं कल-कल-कल
झरने गाते झल-छल-छल
तालों में लहराता जल
कुओं में आता निर्मल
धरती पर जीवन लाया
खेत सींचकर लहराया
करता है यह कितने काम
कभी नहीं करता आराम
पर जब बाढ़ें लाता है
भारी आफत ढाता है।
श्रीप्रसाद
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