Poem on July in Hindi – दोस्तों इस पोस्ट में कुछ जुलाई पर कविता का संग्रह दिया गया हैं. हमें उम्मीद हैं की यह सभी कविता आपको पसंद आएगी. इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें.
जुलाई पर कविता, Poem on July in Hindi
1. जुलाई पर कविता
आया है माह जुलाई का
गर्मी की छुट्टी बीत गई
होती है अब हर बात नई
खुल गए हमारे विद्यालय
होता आरंभ पढ़ाई का
आया है माह जुलाई का
कक्षा में नई प्रवेश मिला
सबके ही मन का कमल खिला
फिर से मिल गये सभी साथी
कैसा आनंद बधाई का
आया है माह जुलाई का
है लिया खरीद नया बस्ता
चाहे महंगा हो या सस्ता
कापियाँ किताबें नई हुईं
होता है काम लिखाई का
पढ़ने लिखने के दिन आए
हम आगे ही बढ़ते जाए
सिर झुक जाए कठिनाई का
आया है माह जुलाई का
2. Poem on July in Hindi
मई-जून की घूब घुमाई-
लो, फिर से आ गई जुलाई।
खुलने को है अपनी शाला,
रंग जमेगा शिक्षा वाला,
कानों में स्वर पड़े सुनाई।
नए दोस्तों से मिलना है,
फूलों के जैसा खिलना है,
शिक्षक आए, राम दुहाई।
पढ़ने-लिखने से क्या डरना,
काम समय पर अपना करना,
आएगी फिर नहीं रुलाई।
डाल हाथ में हाथ बढ़ेंगे,
जीवन का वह लक्ष्य पढ़ेंगे,
छोड़-छाड़ प्रत्येक बुराई।
3. उत्सव और तरंगें होतीं
उत्सव और तरंगें होतीं
एक जुलाई को
मन में बड़ी उमंगें होतीं
एक जुलाई को
बहुत सवेरे हम उठते थे
एक जुलाई को
पैदल ही स्कूल निकलते
एक जुलाई को
कंधे पर झोला होता था
एक जुलाई को
नया-नया चोला होता था
एक जुलाई को
आस-पास हरियाली होती
एक जुलाई को
बादल होते बारिश होती
एक जुलाई को
संदीप तिवारी
4. आमों से सिंहासन छीनने लगे हैं जामुन
आमों से सिंहासन छीनने लगे हैं जामुन
कैलेंडर के पलटे हुए पन्नों में
दब गई हैं कोयल
ताज़े खिले फूल हैं किताबें
सफ़ेद पंखुड़ियों की सुगंध से
निढाल पड़े विद्यालयों की चेतना लौटी है
धूप वैशाख के खंडहर की ध्वस्त खिड़की
प्रवासी पक्षियों की तरह आए हैं बादल
यह उनके प्रजनन का समय है
युवा ख़ून की तरह बहता पानी
जुलाई की नसों में
हर्ष से विस्मित रोम है घास
राष्ट्रीय रंग की तरह पसरा है ‘हरा’
छत पर बंधी रस्सियाँ
कर्फ़्यूग्रस्त सड़कें हैं
बूंदों के अंडों से निकलते हैं
मेंढकों के बच्चे
बारिश जुलाई का आवास है।
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