Poem on Politician in Hindi – दोस्तों इस पोस्ट में कुछ नेताओं पर कविता का संग्रह दिया गया हैं. हमें उम्मीद हैं की यह सभी कविता आपको पसंद आएगी. इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें.
नेताओं पर कविता, Poem on Politician in Hindi
1. नेताओं पर कविता
अगर कहीं मैं नेता होता
खादी कुरता धुला पहनता
हाथ जोड़कर वोट मांगता
सच्ची बात सुनो कहता हूँ
अगर कहीं मैं नेता होता
खुल्लम खुल्ला झूठ बोलता
वादा पूरा कभी न करता
उसको तो हरदम पिटवाता
जिस पर मेरा मन गुस्साता
धर्म बेचता, कर्म बेचता
बरसों तक ईमान बेचता
भाई भाई को लडवाकर
अपना स्वारथ पूरा करता
नहीं नहीं मैं झूठ कह गया
जितनी बात कही हैं मैंने
सबका बिलकुल उल्टा करता
अगर कहीं मैं नेता होता
2. Poem on Politician in Hindi
पांच साल में एक बार हैं,
दर्शन देने आते,
घूमे अकसर पहने खादी,
नेता हैं कहलाते।
लेकर वोट हमारी वो तो,
हमें हमेशा लूटें,
देश अमीर बनाने वाले,
सपने सारे टूटे।
झूठे देकर भाषण सारे,
चोर बने हैं राजा,
सारे बजा रहे जनता का,
बिना बैंड के बाजा।
बड़े-बड़े प्रोजेक्ट बनाते,
अपने अनपढ़ नेता,
बिना सिफारिश पढ़े लिखे को,
काम न कोई देता।
कहते कर देंगे दुश्मन के,
दांत सभी हम खट्टे,
मगर एक ही थाली के सब,
नेता चट्टे-बट्टे।
दोष लगाओ वोट कमाओ,
यही रीत अपनाते,
शोर शराबा करते-करते,
ये सरकार बनाते।
भ्रष्टाचार मिटा देंगे हम,
कहते भ्रष्टाचारी,
पैसे बिन कोई काम नहीं,
होता अब सरकारी।
कुर्सी मिलते खून हमारा,
सारा ये चूसेंगे,
पांच साल में कहीं दुबारा,
हमको ना पूछेंगे।
चिकनी चुपड़ी बातों करके
हमको हैं बहलाते
घूमे अकसर पहने खादी,
नेता हैं कहलाते।
पांच साल में एक बार हैं,
दर्शन देने आते,
घूमे अकसर पहने खादी,
नेता हैं कहलाते।
3. नेता अपना चतुर चालक
नेता अपना चतुर चालक
सीधी ना होने वाली दुम
मीठे मीठे वादे करके
हुए 5 साल को गुम
अब ढूंढ रहे लालटेन लेके
जो वादा किया पूरा कीजिए
मिले तो प्रेम से पास बिठाया
बोले ठंडे होके चाय पीजिये
बोलके पकड़ाया चाय का डिस्पोजल
दुखड़ा सुन बोले पूरा करेंगे कल
फेंका डिस्पोजल गए ख़ुशी से झूम
पलट के देखा नेता गुम
—– Lokesh Indoura
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