Poem On Bharat Mata In Hindi : दोस्तों इस पोस्ट में कुछ बेहतरीन और लोकप्रिय भारत माता पर कविता का संग्रह दिया गया हैं. यह अखंड भारत के गुणगान गाती हुयी देशभक्ति कविता को आप स्वतंत्रता और गणतन्त्र दिवस के मोके पर होने वाले आयोजनों में सुना सकते हैं.
अब आइए नीचे कुछ Bharat Mata Poem In Hindi में दिए गए हैं. इसे पढ़ते हैं. हमें उम्मीद हैं की यह सभी भारत माता पर कविता आपको पसंद आएगी. इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें.
भारत माता पर कविता
1. भारत माता की जय
संस्कार जहां का दुनिया में ,उजियाला फैलाता है .
इस दुनिया में सबसे सुंदर , मेरी भारत माता है.
कोई अतिथि आए तो, हमें मेहमान नवाजी आता है.
इस दुनिया में सबसे सुंदर ,मेरी भारत माता है.
देश की रक्षा के लिए, जहां वीर हजारों जन्म लिए.
निर्भीक होकर युध्दों में, प्राणों का भी बलिदान किए.
उन वीरों की वीरता पर, अभिमान मुझे तो आता है.
इस दुनिया में सबसे सुंदर ,मेरी भारत माता है .
संत कबीर हुए यहां, मानवता का दिया संदेश.
स्वामी विवेकानंद जी के, भाषण पर मुग्ध हुआ विदेश.
हर बेटा भारत माता का, दुनिया को प्रेम सीखाता है.
इस दुनिया में सबसे सुंदर ,मेरी भारत माता है.
दुनिया को योग सीखाया,जिससे दुनिया रहे निरोग.
भारत के ग्यान विग्यान से, प्रभावित हैं दुनिया के लोग.
यहां पेड़ से लेकर घांस भी, रोगों को दूर भगाता है .
इस दुनिया में सबसे सुंदर, मेरी भारत माता है.
Gunsagar Yadav
2. भारत माता
भारत माता है वंदन तेरा ,
हम सब करे अभिनंदन तेरा ।
ऊँचे -ऊँचे पर्वतों पर ,
भोले शंकर के त्रिशूल है ।
नीची – नीची घाटियों में ,
अदभुत सुंदर फूल है ।
असम और गुजरात है ,
हाथो के कंगन तेरे ।
हम सब करे अभिनंदन तेरा ।
भारत माता है ,वंदन तेरा ।
हम सब करे अभिनंदन तेरा ।।
राम -रावण का युद्ध हुआ यहाँ,
फिर विजय पताका फहराया ,
रावण कुल का नाश हुआ फिर,
धर्म ध्वजा फहराया ।
आज भी लंका डाले,
चरणों में डेरा ।
हम सब करे अभिनंदन तेरा ।
भारत माता है वंदन तेरा ,
हम सब करें अभिनंदन तेरा ।।
– मंजू चौहान
3. जय भारती
हिम तुंग शिखर से आच्छादित,
भारत का स्वर्ण मुकुट चमके।
माता के पावन चरणों में,
हिन्द नील का जल दमके।
पश्चिम में कच्छ की विशाल भुजा,
पूरब में मेघ की गागर है।
उत्तर में है कश्मीरी केसर,
दक्षिण में हिन्द का सागर है।
भारत अविचल और सनातन,
सब धर्मों का सम्मान यहां।
बाइबिल, गीता और कुरान की,
शिक्षाओं का गुणगान यहां।
भारतमाता की जय कहना,
अपना सौभाग्य समझता हूं।
मातृभूमि पर शीश चढ़ाना,
जीवन लक्ष्य समझता हूं।
मीरा की भक्ति का भारत,
सीता की त्याग कहानी है।
पन्ना धाय की है ये भूमि,
बलिदानों की अमर कहानी है।
आजाद, भगतसिंह के सीने से,
हुंकार उठी आजादी की।
बिस्मिल, अशफाक ने पूरी की,
कसम अंग्रेजों की बर्बादी की।
आजादी को हमने पाकर,
उसका मूल्य नहीं जाना है।
मनमानी को ही हमने अब तक,
अपनी स्वतंत्रता माना है।
बलिदानों की बलिवेदी पर,
हम शीश चढ़ाना क्या जानें?
भारतमाता के शुभ्र भाल पर,
आरक्त चढ़ाना हम क्या जाने?
भारतमाता क्या होती है,
तुम पूछो वीर भगतसिंह से।
त्याग अगर करना चाहो तो,
सीखो शहीद नृसिंहों से।
जिस रज में मैंने जन्म लिया,
तन-मन उसको धारे है।
भारतमाता की रक्षा में,
प्राण समर्पण सारे हैं।
4. भारत माता की गौरव गाथा
भारत वर्ष की गौरव गाथा
हम चारों ओर फैलाएंगे
कण कण में यहाँ राम बसे हैं
जय श्री राम हम गायेंगे,
हर शख्स यहाँ मनमौजी है
जो परेशानियों में भी हँसता है
हर कन्या देवी का रूप यहाँ
हर घर में शिवालय बसता है,
देश प्रेम की हर जन के मन में
हम ज्वाला नयी जलाएंगे
भारत माता की गौरव गाथा
हम चारों ओर फैलाएंगे।
चाहें हैं हम सदा इस देश में
सौहार्दपूर्ण परिवेश रहे
आपस में रहें सब मिलजुल कर
रहे प्रेम भाव न द्वेष रहें,
कभी न फूट पड़े ह्रदयों में
सब मिल कर ऐसा प्रयास करें
धर्म- मजहब का भेद मिटाकर
बस बुराई का हम नाश करें,
मानवता का पाठ पढ़ाकर
अपना कर्तव्य निभाएंगे
भारत माता की गौरव गाथा
हम चारों ओर फैलाएंगे।
आये जो कोई आँच देश पर
हम अपनी जान लुटा देंगे
शान की खातिर देश की अपना
हम अस्तित्व मिटा देंगे,
दुश्मन कोई जो सरहद पर
बुरी नजर से झांकेगा
ऐसी करेंगे हालत उसकी
वो डर से थर-थर कांपेगा,
मान की खातिर भारत माँ की
अपना पूर्ण शौर्य दिखलायेंगे
भारत माता की गौरव गाथा
हम चारों ओर फैलाएंगे।
करे ले कोई लाख कोशिशें
मान न इसका मिटने देंगे
जान है जब तक इस शरीर में
दुश्मन को न टिकने देंगे,
गद्दारों को मिट्टी में मिलाकर
हम उन को धूल चटाएंगे
स्व-प्राणों की लगाकर बाजी
भारत माँ की शान बढ़ाएंगे,
होकर कुर्बान इस मिटटी में
हम अपना जीवन धन्य बनायेंगे
भारत माता की गौरव गाथा
हम चारों ओर फैलाएंगे।
करते हैं वंदन इस माटी का
रक्त तिलक हम करते हैं
वचन प्रबद्ध गीता के हम हैं
अपने वतन पर मरते हैं,
सौगंध हमे इस मातृभूमि की
वंदन इसका नित गायेंगे
इस शरीर के अन्त तलक
हम अपना फर्ज निभाएंगे,
देश के हर गद्दारों को अब
जहन्नुम की राह दिखलायेंगे
भारत माता की गौरव गाथा
हम चारों ओर फैलाएंगे।
देश रक्षा हित बलिदान हुए जो
हम महिमा उनकी गाते हैं
उनके ही पद चिह्नों पर
हम अपने कदम बढ़ाते हैं,
सिंह के दांत गिने जिसने
उसके नाम से भारत देश हुआ
अहंकार से नहीं हम स्वाभिमान से
इस देश को गौरवशील बनाएंगे,
मात पिता का आशीष पाकर
इस देश का मान बचाएंगे
भारत माता की गौरव गाथा
हम चारों ओर फैलाएंगे।
तपोभूमि यह ऋषि मुनियों की
कर्म भूमि भगवान कृष्ण की है
हर मंदिर पावन धाम यहाँ का
जहाँ बजती मधुर धुन सी है
पूर्व से सूर्य उदय होता
पश्चिम में अस्त हो जाता है
गुणगान मेरी इस धरती का
सारा ही विश्व गाता है
गंगा यमुना सरस्वती की
पावन कथाएं हम गायेंगे
भारत माता की गौरव गाथा
हम चारों ओर फैलाएंगे।
5. भारत माँ की शान
मम्मी मम्मी मुन्ना बोला
बच्चे गर ना होते
बोझ बड़े बस्ते का इतना
क्या दादा जी ढोते
मम्मी बोली मुन्ने राजा
तुम ऐसा ना कहना
जीवन सफल बनाने का तो
है यह अमूल्य गहना
बस्ते को तुम बोझ न समझो
यह तो भाग्य तुम्हारा
पाटी पुस्तक पेन बिना तो
सूना जीवन सारा
रही बात बच्चों की तो
तुम से है संसार
स्वर्ग सरीखी धरती का
अपना है साकार
बिन बच्चों के कैसी दुनिया
घर आंगन वीरान
बच्चों से ही बनती है
भारत माँ की शान
यह भी पढ़ें:–
चूहे पर कविता
सूरज पर कविता
पेड़ पर कविता
सड़क सुरक्षा पर कविता
आपको यह Poem On Bharat Mata In Hindi में कैसी लगी अपने Comments के माध्यम से ज़रूर बताइयेगा। इसे अपने Facebook दोस्तों के साथ Share जरुर करे.