दो लाइन सैड शायरी, 2 Line Sad Shayari

2 Line Sad Shayari : दोस्तों आज इस पोस्ट में कुछ बेहतरीन और लोकप्रिय दो लाइन सैड शायरी का संग्रह दिया गया हैं. इसे पढ़ते हैं. हमें उम्मीद हैं की यह सभी Two Line Sad Shayari आपको पसंद आयगी. इसे अपने दोस्तों के साथ भ शेयर करें.

2 Line Sad Shayari

दो लाइन सैड शायरी, 2 Line Sad Shayari

(1) ये जो हालात है, यकीनन एक दिन सुधर जाएंगे,
पर अफसोस के कुछ लोग दिल से उतर जाएंगे

(2) रोते-रोते थककर जैसे कोई बच्चा सो जाता है
हाल हमारे दिल का अक्सर कुछ ऐसा ही हो जाता है

(3) कौन तोलेगा हीरों में अब तुम्हारे आंसू फ़राज़,
वो जो एक दर्द का ताजिर था दुकां छोड़ गया।

(4) लोग कहते है हर दर्द की एक हद होती है,
शायद उन्होंने मेरा हदों से गुजरना नहीं देखा।

(5) ज़ख्म दे कर ना पूछ तू मेरे दर्द की शिद्दत,
दर्द तो फिर दर्द है कम क्या ज्यादा क्या।

(6) अजीब सी थी वो,
मुझे बदल कर खुद बदल गई

(7) मोहब्बत ख़ूबसूरत होगी किसी और दुनिया में,
इधर तो हम पर जो गुज़री है हम ही जानते हैं।

(8) बड़ा गजब किरदार है मोहब्बत का,
अधूरी हो शायरी में बयान ऐ दिल,
कुछ लोग टूट जाते हैं
इसे अपनी दास्तान समझकर।

(9) पास जब तक वो रहे दर्द थमा रहता है,
फैलता जाता है फिर आँख के काजल की तरह।

(10) सोचा न था वो शख्स भी इतना जल्दी साथ छोड़ जाएगा
जो मुझे उदास देखकर कहता था.. मैं हूँ ना।

(11) ना चाहते हुए भी छोड़ना पड़ता है साथ कभी कभी,
कुछ मजबूरियां मुहब्बत से भी ज्यादा गहरी होती है

(12) कुछ तन्हाईयां बेवजह नहीं होती,
कुछ दर्द आवाज़ छीन लिया करते हैं

(13) मेरी कोशिश हमेशा से ही नाकाम रही
पहले तुझे पाने की अब तुझे भुलाने की

(14) दिल टूटा है संभलने मे कुछ, वक़्त तो लगेगा साहब,
हर चीज इश्क़ तो नहीं, की एक पल में हो जाए।

(15) बदल जाते है वह लोग वक़्त की तरह,
जिन्हें हद से ज्यादा वक़्त दिया जाए

Two Line Sad Shayari

(16) अब मेरे हाल चाल नहीं पूछते हो तो क्या हुआ
कल एक एक से पूछोगे की उसे हुआ क्या था

(17) कितने अजीब है जमाने के लोग
खिलौना छोड़ कर जज्बातों से खेलते है

(18) जितना बदल सकते थे बदल लिया खुद को..!
अब जिसको शिकायत हो वो अपना रास्ता बदल ले

(19) कब दर्द बदलते हैं कब हाल बदलता है
हर साल बदलने से बस साल बदलता है

(20) बुरा तो तब लगता है, जब हम एक ही इंसान से,
बात करना चाहते हो और वो हमे इग्नोर करता है।

(21) दर्द बनकर समा गया कोई
दिल में काँटे चुभा गया कोई

(22) किससे पैमाने वफ़ा बाँध रही है बुलबुल,
कल न पहचान सकेगी गुल-ए-तर की सूरत।

(23) हालात कह रहे है अब वो याद नही करेंगे
ओर उम्मीद कह रही है थोड़ा और इंतजार कर।

(24) खामोशियाँ कर देतीं बयान तो अलग बात है,
कुछ दर्द हैं जो लफ़्ज़ों में उतारे नहीं जाते।

(25) एक बात सिखाई है. तजुर्वे ने हमें,
एक नया दर्द ही पुराने दर्द की दवा है।

(26) मेरे साथ चलना है तो दर्द सहने के आदी बन जाओ
मेरा मसला है काँटों से खेलना और तुम फूल जैसी हो

(27) अगर मोहब्बत की हद नहीं कोई,
तो दर्द का हिसाब क्यूँ रखूं।

(28) आज क्यों तकलीफ होती है तुम्हें बेरुखी की
तुम्ही ने तो सिखाया है कैसे दिल जलाते हैं

(29) बड़ी हसरत थी कोई हम्हे टूट कर चाहे
लेकिन हम ही टूट गए किसी को चाहते चाहते

(30) तुझे शिकायत है की मुझे बदल दिया वक़्त ने
कभी खुद से भी सवाल कर क्या तू वही है

Sad Shayari 2 Line Hindi

(31) ना तो अनपढ़ रहे न ही काबिल हुऐ हम
खामखा ऐ इश्क तेरे स्कूल में दाखिल हुए हम

(32) रात फिर आएगी फिर जेहन के दरवाज़े पर
कोई मेंहदी में रंगे हाथ से दस्तक देगा

(33) नफरत करोगे तो भी आउंगा तेरे पास
देख तेरे बगैर रहने की आदत नहीं मुझे

(34) कौन कहता है नफ़रतों मैं दर्द होता है
कुछ मोहब्बत बड़ी कमाल की होती है

(35) हवा से लिपटी हुयी सिसकियों से लगता है,
मेरी कहानी फिर किसी आशिक ने दोहराई है।

(36) फिर ऐसा हुआ कि सब्र की उंगली पकड़कर हम
इतना चले की रास्ते हैरान रह गए

(37) दर्द हल्का है साँस भारी है
जिए जाने का कैसा रस्म जारी है

(38) जान गया वो हमें दर्द में भी मुस्कुराने की आदत है,
इसलिए वो रोज़ नया दुःख देता है मेरी ख़ुशी के लिए।

(39) नाराजगी चाहे कितनी भी क्यों ना हो,
पर तुझे छोड़ देने का ख्याल हम आज भी नहीं रखते

(40) मौसम भी इशारा करके बदलता है
लेकिन तुम अचानक बदले हो हमें यक़ीन नहीं आता

(41) चेहरे अजनबी हो जाये तो कोई बात नही !
रवैये अजनबी हो जाये तो बडा दर्द होता है

(42) अंधेरे मांगने आए थे रोशनी की भीख
हम अपना घर ना जलाते तो और क्या करते

(43) कितनी मोहब्बत से तुम्हे चाहा था
और किस अकीदत से हार मांनी है

(44) तुम बदलो तो मजबूरियां हैं बहुत
हम बदले तो बेवफा हो गये

(45) जिंदगी में अक्सर कुछ लोग ऐसे भी मिल जाते हैं,
जिनको सिर्फ चाहा जा सकता है पाया नही..
क्यूँ के वो किसी ओर की किस्मत में होते है

(46) किसी का दिल इतना भी मत दुखाओ कि…
वो खुदा के सामने तुम्हारा नाम लेकर रो पड़े

(47) दर्द महसूस भी होता है, दिल आज भी तड़पता है
तेरी एक झलक के लिए दिल आज भी तरसता है

(48) आँखों में उमड़ आता है बादल बन कर,
दर्द एहसास को बंजर नहीं रहने देता।

(49) मरता नहीं कोई किसी के बगैर ये हकीकत है
लेकिन सिर्फ सांस लेने को जीना तो नहीं कहते

(50) कुछ रिश्तों को मुलाकातों की जरुरत नहीं होती
दिल से ही याद करो वो निखर आया करतें हैं

2 Line Heart Touching Shayari

(51) फुर्सत थी उनकी बातों में,
मेरा तो उनके बिना बिताए हर लम्हे की तड़प थी

(52) कभी-कभी जिंदगी इस कदर तनहा कर देती है
फिर जिन्दगी से प्यारी मौत लगने लगती है

(53) वफ़ा करके भी कुछ हासिल न हुआ
फिर भी दिल देता है उनको हज़ारो दुआ

(54) अक्सर दिखावे का प्यार ही शोर करता है
सच्ची मोहब्बत तो इशारों में ही सिमट जाती है

(55) ये प्यार का भी अलग दस्तूर है साहब
एक तर्फे से शुरू हो के बेवफाई पर खत्म होता है

(56) उन्हें क्या पता जो कहते है हर वक़्त रोया ना करो
मैं कैसे समझाऊं कुछ दर्द सहने के काबिल नही होते

(57) वफ़ा करके भी कुछ हासिल न हुआ,
फिर भी दिल देता है उनको हज़ारो दुआ

(58) हर रोज़ करते है तुम्हारे लौट आने की तमन्ना
इसलिए दिन रात रहने लगे अब चौकन्ना

(59) बेशक नजरों से दूर हो
पर तुम मेरे सबसे करीब हो

(60) ऐसा नही की आपकी याद आती नही
ख़ता सिर्फ़ इतनी है के हम बताते नही

(61) नाकामयाब मोहब्बत ही सच्ची होती है
मयाब होने के बाद मोहब्बत नहीं बचती

(62) कुछ बेगाने है इसलिए चुप हैं
कुछ चुप है इसलिए बेगाने है

(63) दर्द ने दिल से बात करके कहा,
जा बेमौत मर अब वो तेरा न रहा

(64) दुश्मन के सितम का खौफ नहीं हमको
हम तो दोस्तों के रूठ जाने से डरते हैं

(65) कोशिश तो बहुत की मगर उनका साथ न मिला,
यादो में बनाना चाहता था जिनके लिए एक किला

(66) काश उनको कभी फुर्सत में ये ख़याल आए
कि कोई याद करता है उन्हें जिंदगी समझकर

(67) तेरे बाद किसी को प्यार से ना देखा हमने
हमें इश्क का शौक है आवारगी का नही

(68) बे-फिजूली की जिंदगी का सिल-सिला ख़त्म
जिस तरह की दुनिया उस तरह के हम

(69) टूट तो हम तब जाते है ,
जब हमारे दर्द की खबर गैरों से ली जाती है

(70) लोग कहते है की बिना मेहनत कुछ पा नही सकते
ना जाने ये गम पाने के लिये कौन सी महेनत कर ली हमने

(71) कभी फुरसत मिले तो देख लेना एक बार
किसी नज़र को तेरा इंतजार आज भी है

(72) ये प्यार का भी अलग दस्तूर है शाहब ,
एक तर्फे से शुरू हो के बेवफाई पर खत्म होती है

(73) दिल की तमन्ना इतनी है कुछ ऐसा मेरा नसीब हो
मैं जहाँ जिस हाल में रहुँ बस तू ही तू मेरे करीब हो

(74) हम उस तकदीर के सबसे पसंदीदा खिलौना हैं
वो रोज़ जोड़ती है मुझे फिर से तोड़ने के लिए

(75) आपके ज़िक्र के बिना कैसे अपनी पूरी कहानी लिखूँ
बताइये आपको वफ़ा लिखूँ या अपनी जिन्दगानी लिखूँ

(76) इकरार करनी है वो दिल दे अरमाँ,
दिल का यूँ उलझे रहना अब सहा नहीं जाता

(77) वक़्त के एक दौर में इतना भूखा था मैं
कुछ न मिला तो धोखा ही खा गया

(78) अपने क़दमों के निशान मेरे रास्ते से हटा दो
कहीं ये ना हो कि मैं चलते चलते तेरे पास आ जाऊं

(79) ज़ालिम हो चूका है युग,
न फ़िक्र किसी है अपनों की
कलयुग पापी ज़माने में,
कतल हो रही हर सपनों की

(80) कोई ख़ुद-कुशी की तरफ़ चल दिया,
उदासी की मेहनत ठिकाने लगी।

(81) अगर नींद आ जाये तो सो भी लिया करो,
यूँ रातों को जागने से मोहब्बत लौटा नहीं करती।

(82) मेरी मुस्कराहट को हकीकत ना समझ ऐ दोस्त,
दिल में झांक कर देख कितने उदास हैं हम।

(83) ये शुक्र है कि मेरे पास तेरा ग़म तो रहा,
वगर्ना ज़िंदगी भर को रुला दिया होता।
– गुलज़ार

(84) वास्ता नहीं रखना तो नजर क्यों रखते हो
किस हाल में हूँ जिंदा,
ये खबर क्यों रखते हो।

(85) आदत मेरी अंधेरों से डरने की डाल कर,
एक शख्स मेरी ज़िन्दगी को रात कर गया।

(86) अब न खोलो मेरे घर के उदास दरवाज़े,
हवा का शोर मेरी उलझनें बढ़ा देता है।

(87) कहता था तू ना मिला मुझे तो मैं मर जाऊंगा,
वो आज भी जिंदा है यही बात किसी और से कहने के लिए।

(88) इश्क अधुरा हो तो ही बयाँ होता है, “साहब”,
मुक्कमल मोहब्बत के, शायर सुने नहीं मैंने।

(89) तुमने समझा ही नहीं और ना समझना चाहा,
हम चाहते ही क्या थे तुमसे “तुम्हारे सिवा”।

(90) खामोशियां बोल देती है जिनकी बाते नहीं होती,
इश्क वो भी करते हैं जिनकी मुलाकाते नहीं होती।

(91) सुपुर्द कर के उसे चाँदनी के हाथों में
मैं अपने घर के अँधेरों को लौट आऊँगी
– परवीन शाकिर

(92) ऐ मोहब्बत तू शर्म से डूब मर,
तू एक शख्स को मेरा ना कर सकी।

(93) मुझे छोड़कर वो खुश है तो शिकायत कैसी?
अब मैं उन्हें खुश भी ना देखूं तो मोहब्बत कैसी?

(94) तुझसे अच्छे तो जख्म हैं मेरे,
उतनी ही तकलीफ देते हैं जितनी बर्दास्त कर सकूँ।

(95) अब तो कुछ भी याद नहीं है
हम ने तुम को चाहा होगा

(96) क्या बात है, बड़े चुपचाप से बैठे हो,
कोई बात दिल पे लगी है या दिल कही लगा बैठे हो।

(97) महफिल लगी थी बद-दुआओं की, हमने भी दिल से कहा,
उसे इश्क़ हो, उसे इश्क़ हो, उसे इश्क़ हो।

(98) बे-वक्त, बे-वजह सी बेरुखी तेरी,
फिर भी बे-इंतहा चाहने की बेबसी मेरी।

(99) आँखें थक गई है आसमान को देखते देखते,
पर वो तारा नहीं टूटता ,जिसे देखकर तुम्हें मांग लूँ।

(100) वो तेरे खत, तेरी तस्वीर और सूखे फूल,
उदास करती हैं मुझ को निशानियाँ तेरी।

(101) वैसे तो सभी ने मुझे बदनाम किया है,
तू भी कोई इल्ज़ाम लगाने के लिए आ।

(102) मुझसे खुशनसीब हैं मेरे लिखे ये लफ्ज,
जिनको कुछ देर तक पढ़ेगी निगाहे तेरी।

(103) अब तक ना समझ पाया कि उसकी हसरत क्या थी?
जब दूर ही जाना था तो पास आने की जरुरत क्या थी।

(104) चलो अब जाने भी दो, क्या करोगे दास्ताँ सुनकर,
ख़ामोशी तुम समझोगे नहीं और बयाँ हमसे होगा नहीं।

(105) हमने तुम्हें उस दिन से और भी ज़्यादा चाहा है,
जबसे मालूम हुआ तुम हमारे होना नही चाहते।

(106) ये मेरी “महोब्बत” और उसकी “नफरत” का मामला है,
ऐ मेरे नसीब तू बीच में दखल-अंदाज़ी मत कर।

(107) जब मिलो किसी से तो जरा दूर का रिश्ता रखना,
बहुत तङपाते है अक्सर सीने से लगाने वाले।

(108) जिसके नसीब मे हों ज़माने की ठोकरें,
उस बदनसीब से ना सहारों की बात कर।

(109) मुझे इश्क के लिए तेरी जरुरत नहीं।
कुछ यादें और कुछ तस्वीरे छुपा रखी है दिल में।

(110) नसीहत अच्छी देती है दुनिया,
अगर दर्द किसी ग़ैर का हो।

(111) रुठुंगा अगर तुजसे तो इस कदर रुठुंगा की,
ये तेरी आँखे मेरी एक झलक को तरसेंगी।

(112) मिजाज को बस तल्खियाँ ही रास आईं,
हम ने कई बार मुस्कुरा कर देख लिया।

(113) ना प्यार कम हुआ, ना प्यार का एहसास।
पर अब उसके बिना……..
जिंदगी गुजारने की कोशिश कर रहे हैं।

(114) उजड़ जाते हैं सर से पाँव तक वो लोग जो,
किसी बेपरवाह से बेपनाह मोहब्बत करते हैं।

(115) हर वक्त मिलती रहती है, मुझे अनजानी सी सजा,
मैं कैसे पूछूं तकदीर से कि, मेरा कसूर क्या है?

(116) रोज़ पिलाता हूँ एक ज़हर का प्याला उसे,
एक दर्द जो दिल में है मरता ही नहीं है।

(117) तुझे जब देखता हूँ तो खुद अपनी याद आती है,
मेरा अंदाज़ हँसने का कभी तेरे ही जैसा था।

(118) वह मेरा सब कुछ है पर मुक़द्दर नहीं,
काश वो मेरा कुछ न होता पर मुक़द्दर होता।

(119) वही कारवाँ वही रास्ते वही ज़िंदगी वही मरहले,
मगर अपने अपने मक़ाम पर कभी तुम नहीं कभी हम नहीं।
– शकील बदायुनी

(120) ऐ दिल…. थोड़ा इंतजार कर
उसे भी पता चल जायेगा,
उसने क्या खोया है ?

(121) क्या बेमिसाल प्यार था? मेरे यार का,
वादे किए मुझसे निभाए किसी और के साथ।

(122) रख लो दिल में संभाल कर थोड़ी सी यादें हमारी,
रह जाओगे जब तन्हा तब बहुत काम आएंगे हम।

(123) अगर मोहब्बत की हद नहीं कोई,
तो दर्द का हिसाब क्यूँ रखूं।

(124) एक ये ख्वाहिश के कोई ज़ख्म न देखे दिल का,
एक ये हसरत कि कोई देखने वाला तो होता।

(125) सुनो.. कोई टूट रहा है तुम्हे एहसास दिलाते- दिलाते,
सीख भी जाओ किसी की चाहत की कदर करना।

(126) तुमको देखूं तो मुझे प्यार बहोत आता है
ज़िंदगी इतनी हसीन पहले तो नही लगती थी

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