Judai Shayari in Hindi : दोस्तों आज इस पोस्ट में कुछ बेहतरीन और लोकप्रिय जुदाई शायरी का संग्रह दिया गया हैं. मिलना और बिछरना तो जीवन का एक हिस्सा हैं. पर जब आपका कोई अपना आपसे जुदा होता हैं. तो दिल पर क्या गुजरता हैं. वह वही जानता हैं.
अब आइए यहाँ पर कुछ Judai Shayari in Hindi में दी गई हैं. इसको पढते हैं. हमें उम्मीद हैं की यह सभी जुदाई शायरी आपको पसंद आएगी. इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें.
जुदाई शायरी, Judai Shayari in Hindi
(1) मुझ से बिछड़ के तू भी तो रोएगा उम्र भर
ये सोच ले कि मैं भी तिरी ख़्वाहिशों में हूँ
– अहमद फ़राज़
(2) वो शख़्स जिस को दिल ओ जाँ से बढ़ के चाहा था
बिछड़ गया तो ब-ज़ाहिर कोई मलाल नहीं
– बशीर बद्र
(3) महीने वस्ल के घड़ियों की सूरत उड़ते जाते हैं
मगर घड़ियाँ जुदाई की गुज़रती हैं महीनों में
– अल्लामा इक़बाल
(4) बदन में जैसे लहू ताज़ियाना हो गया है
उसे गले से लगाए ज़माना हो गया है
– इरफ़ान सिद्दीक़ी
(5) फ़िराक़-ए-यार ने बेचैन मुझ को रात भर रक्खा
कभी तकिया इधर रक्खा कभी तकिया उधर रक्खा
– अमीर मीनाई
(6) जुदाइयों के ज़ख़्म दर्द-ए-ज़िंदगी ने भर दिए
तुझे भी नींद आ गई मुझे भी सब्र आ गया
– नासिर काज़मी
(7) याद है अब तक तुझ से बिछड़ने की वो अँधेरी शाम मुझे
तू ख़ामोश खड़ा था लेकिन बातें करता था काजल
– नासिर काज़मी
(8) रुके रुके से क़दम रुक के बार बार चले
क़रार दे के तिरे दर से बे-क़रार चले
– गुलज़ार
(9) कुछ ख़बर है तुझे ओ चैन से सोने वाले
रात भर कौन तिरी याद में बेदार रहा
– हिज्र नाज़िम अली ख़ान
(10) यूँ लगे दोस्त तिरा मुझ से ख़फ़ा हो जाना
जिस तरह फूल से ख़ुशबू का जुदा हो जाना
– क़तील शिफ़ाई
जुदाई शायरी इन हिंदी
(11) मिलना था इत्तिफ़ाक़ बिछड़ना नसीब था
वो उतनी दूर हो गया जितना क़रीब था
– अंजुम रहबर
(12) कितनी लम्बी ख़ामोशी से गुज़रा हूँ
उन से कितना कुछ कहने की कोशिश की
– गुलज़ार
(13) जिस की आँखों में कटी थीं सदियाँ
उस ने सदियों की जुदाई दी है
– गुलज़ार
(14) वो आ रहे हैं वो आते हैं आ रहे होंगे
शब-ए-फ़िराक़ ये कह कर गुज़ार दी हम ने
– फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
(15) अब जुदाई के सफ़र को मिरे आसान करो
तुम मुझे ख़्वाब में आ कर न परेशान करो
– मुनव्वर राना
(16) जिनसे खफा तक नहीं होते थे,
उनी से जुदा हो गये है आज हम !
(17) हर एक बात पर वक़्त का तकाजा हुआ,
हर एक याद पर दिल का दर्द ताजा हुआ,
सुना करते थे गजलों में जुदाई की बातें,
खुद पे बीती तो हकीकत का अंदाजा हुआ !
(18) जुदा भी हो के वो एक पल कभी जुदा न हुआ,
ये और बात है कि देखे उसे ज़माना हुआ। !
(19) अब तो बस उनकी तस्वीरे,
हमारी ज़िन्दगी का सहारा है,
जब जब कही नाम सुनते हैं उनका,
मत पूछो कैसे वो पल हमने गुज़ारा है !
(20) मजबूरी में जब कोई किसी से जुदा होता है,
ये तो ज़रूरी नहीं कि वो बेवफ़ा होता है,
देकर वो आपकी आँखों में जुदाई के आँसू,
तन्हाई में वो आपसे भी ज्यादा रोता है !
Dard Bhari Judai Shayari
(21) सब के होते हुए भी तन्हाई मिलती है,
यादों में भी गम की परछाई मिलती है,
जितनी भी दुआ करते हैं किसी को पाने की,
उतनी ही ज्यादा जुदाई मिलती है !
(22) तेरी जुदाई भी हमें प्यार करती है,
तेरी याद बहुत बेकरार करती है,
वह दिन जो तेरे साथ गुज़ारे थे,
नज़रें तलाश उनको बार-बार करती है !
(23) बहुत कुछ बदल गया मेरी ज़िंदगी में,
एक तेरे आने के बाद फिर जाने के बाद !
(24) किसी से जुदा होना इतना आसान होता तो,
जिस्म से रूह को लेने फरिश्ते नहीं आते !
(25) अगर मुझसे मोहब्बत नहीं तो रोते क्यों हो,
तन्हाई में मेरे बारे में सोचते क्यों हो,
अगर मंज़िल जुदाई है तो जाने दो मुझे,
लौट के कब आओगे पूछते क्यों हो !
Judai Shayari 2 Line
(26) कट ही गई जुदाई भी कब ये हुआ कि मर गए,
तेरे भी दिन गुजर गए मेरे भी दिन गुजर गए !!
(27) जुदा हो कर भी जी रहे हैं मुद्दत से,
कभी कहते थे दोनों कि जुदाई मार डालेगी !
(28) जिसकी आँखों में कटी थी सदियाँ,
उसी ने सदियों की जुदाई दी है !!
(29) हर मुलाकात का अंजाम जुदाई क्यों है,
अब तो हर वक्त यही बात सताती है हमें !
(30) अब के हम बिछड़े तो शायद कभी ख़्वाबों में मिलें
जिस तरह सूखे हुए फूल किताबों में मिलें
अहमद फ़राज़
(31) हुआ है तुझ से बिछड़ने के बा’द ये मा’लूम
कि तू नहीं था तिरे साथ एक दुनिया थी
अहमद फ़राज़
(32) मिलना था इत्तिफ़ाक़ बिछड़ना नसीब था
वो उतनी दूर हो गया जितना क़रीब था
अंजुम रहबर
(33) उस को रुख़्सत तो किया था मुझे मालूम न था
सारा घर ले गया घर छोड़ के जाने वाला
निदा फ़ाज़ली
(34) मुझ से बिछड़ के तू भी तो रोएगा उम्र भर
ये सोच ले कि मैं भी तिरी ख़्वाहिशों में हूँ
अहमद फ़राज़
(35) तेरी जुदाई का शिकवा करूँ भी तो किससे करूँ,
यहाँ तो हर कोई अब भी मुझे तेरा समझता है।
(36) है चाँद का मुँह भी उतरा उतरा,
तारों ने चमकना छोड़ दिया,
जिस दिन से जुदा वो हमसे हुए,
इस दिल ने धड़कना छोड़ दिया।
(37) भले लाख कर लूँ कोशिश भी मगर,
दिल की बात कही न जाएगी मुझसे,
ऐ मेरे हमदम न होना जुदा कभी,
तेरी जुदाई न सही जाएगी मुझसे।
(38) कोई वादा नहीं फिर भी इंतज़ार है,
जुदाई के बावजूद भी हमें तुझसे प्यार है,
तेरे चेहरे की उदासी दे रही है गवाही,
मुझसे बिछड़ कर तू भी बेकरार है।
(39) जुदा भी हो के वो एक पल कभी जुदा न हुआ,
ये और बात है कि देखे उसे ज़माना हुआ।
(40) जब कभी मेरे दिल को वो रिहाई देगा,
मेरे अंदर कोई तूफ़ान सुनाई देगा,
उस से मिलते ही यह एहसास हुआ था,
मुझको यही शख्स लम्बी जुदाई देगा।
(41) दिल से निकली ही नहीं शाम जुदाई वाली,
तुम तो कहते थे बुरा वक़्त गुज़र जाता है।
(42) मैं समझा था कि लौट आते हैं जाने वाले,
तू ने जाकर तो जुदाई मेरी क़िस्मत कर दी।
(43) हमने प्यार नहीं इश्क नहीं इबादत की है,
रस्मों से रिवाजों से बगावत की है,
माँगा था हमने जिसे अपनी दुआओं में,
उसी ने मुझसे जुदा होने की चाहत की है।
(44) कह के आ गए उनसे कि जी लेंगे तुम्हारी बिन,
उनके जुदा होते ही जान पे बन आई है।
(45) बेवफा वक़्त था?
तुम थे?
या मुकद्दर था मेरा?
बात इतनी ही है कि
अंजाम जुदाई निकला।
(46) आओ किसी शब मुझे टूट के बिखरता देखो,
मेरी रगों में ज़हर जुदाई का उतरता देखो,
किस किस अदा से तुझे माँगा है खुदा से,
आओ कभी मुझे सजदों में सिसकता देखो।
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