Halat Shayari – यहाँ पर Halat Shayari in Hindi का संग्रह दिया गया हैं. यह सच हैं की हमारे जीवन में कब हालात बदल जाते हैं. यह हमारे बस में नहीं होता हैं. अगर हालात अच्छी नहीं हैं. तो उस समय हमें ईमानदारी से मेहनत करनी चाहिए. बुरे वक्त हालात की एक अच्छाई हैं. की यह हमें जीवन की सच्चाईयों से रूबरू करा देता हैं. शायरों ने वक्त और हालात को आधार मानकर बहुत सारे शायरी लिखी हैं.
अब आइए यहाँ पर कुछ वक्त और हालात शायरी 2 लाइन दी गई हैं. इसको पढते हैं. हमें उम्मीद हैं की यह सभी हालात पर शायरी आपको पसंद आएगी. इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें.
हालात पर शायरी, Halat Shayari in Hindi
(1) हालात संवरने में ज़रा देर लगेगी
इस ज़ख़्म के भरने में ज़रा देर लगेगी
– मेहर ज़र्रीं
(2) तूफ़ानी हालात भी देखो
डाल से टूटे पात भी देखो
– बिल्क़ीस ख़ान
(3) मैं बदलते हुए हालात में ढल जाता हूं
देखने वाले अदाकार समझते हैं मुझे
– शाहिद ज़की
(4) हालात ने किसी से जुदा कर दिया मुझे
अब ज़िंदगी से ज़िंदगी महरूम हो गई
– असद भोपाली
(5) मिरे हालात को बस यूं समझ लो
परिंदे पर शजर रक्खा हुआ है
– शुजा ख़ावर
(6) इतने मायूस तो हालात नहीं
लोग किस वास्ते घबराए हैं
– जां निसार अख़्तर
(7) यही हालात इब्तिदा से रहे
लोग हम से ख़फ़ा ख़फ़ा से रहे
– जावेद अख़्तर
(8) ज़िंदगी ऐसे भी हालात बना देती है
लोग सांसों का कफ़न ओढ़ के मर जाते हैं
– शकील जमाली
(9) वक़्त और हालात पर क्या तब्सिरा कीजे कि जब
एक उलझन दूसरी उलझन को सुलझाने लगे
– चन्द्रभान ख़याल
(10) हालात क्या ये तेरे बिछड़ने से हो गए
लगता है जैसे हम किसी मेले में खो गए
– मंसूर उस्मानी
(11) कभी ख़ुद पे कभी हालात पे रोना आया
बात निकली तो हर इक बात पे रोना आया
– साहिर लुधियानवी
(12) हालात से ख़ौफ़ खा रहा हूं
शीशे के महल बना रहा हूं
– क़तील शिफ़ाई
(13) ये धूप तो हर रुख़ से परेशाँ करेगी
क्यूँ ढूँड रहे हो किसी दीवार का साया
– अतहर नफ़ीस
(14) मिरे हालात को बस यूँ समझ लो
परिंदे पर शजर रक्खा हुआ है
– शुजा ख़ावर
(15) फैल जाता तिरे होंटों पे तबस्सुम की तरह
काश हालात का पहलू कभी हो ऐसा
– ताब असलम
(16) जी चाहता है जीना जज़्बात के मुताबिक़
हालात कर रहे हैं हालात के मुताबिक़
– इफ़्तिख़ार राग़िब
(17) सुब्ह होते ही निकल आते हैं बाज़ार में लोग
गठरियाँ सर पे उठाए हुए ईमानों की
– अहमद नदीम क़ासमी
(18) हर कड़े वक़्त में संगीन चटानों की तरह
तुंद हालात के तूफ़ान से टकराया हूँ
– नरेश कुमार शाद
(19) हालात ने लिबास तो मेला किया मगर
किरदार फिर भी रक्खा है हम ने सँवार कर
– क़ैसर ख़ालिद
(20) अपनी सोचों के मुताबिक़ कुछ भी कर सकता नहीं
आदमी हालात के हाथों बहुत मजबूर है
– मुनव्वर हाशमी
(21) रुख़ फेर दिया तुंद हवाओं का किसी ने
हालात से अपने कोई मजबूर रहा भी
– महेश चंद्र नक़्श
(22) नज़रें मिला मिला के नज़र फेर फेर के
मजरूह और दिल के न हालात कीजिए
– नौशाद अली
(23) हमारा हाल तुम्हारी समझ में आ जाता
अगर किसी से मोहब्बत ज़रा हुई होती
– अनवर शऊर
(24) कैसे मानूँ कि ज़माने की ख़बर रखती है
गर्दिश-ए-वक़्त तो बस मुझ पे नज़र रखती है
ताहिर फ़राज़
(25) कुछ इस तरह अपना ख्याल रखा करो,
कम से कम एक शौक बेमिसाल रखा करो,
जिंदगी में हालात कैसे भी हो मेरे दोस्त
होठों पर हमेशा प्यारी-सी मुस्कान रखा करो.
(26) लोग बुरे नहीं होते है साहब,
सिर्फ हालात बदल जाते है,
उम्र बढ़ने के साथ-साथ सिर्फ
लोगो के ख़्यालात बदल जाते है.
(27) नासमझ है वो अभी मेरी बात नहीं समझेगा,
मेरी जगह नहीं है ना, मेरे हालात नहीं समझेगा।
(28) लोग गूंगों से जानबूझकर सवाल पूछते है
लोग बुरे हालातों में ही हाल पूछते हैं
(29) हालात कहकर नही आते है
वक्त के साथ हालात भी बदल जाते है
(30) बदल जाते है लोग ऐसा नहीं है
बस कुछ हालातों के सताए हुए होते हैं
(31) किस उम्र तक पढ़ा जाए, और किस उम्र से कमाया जाए
यह शौक नहीं बल्कि, हालात तय करते हैं
(32) वक्त और हालात कहकर नही आते
वरना इंसान टुटकर पहले ही बिखर जाते
(33) हालात ऐसे ना बनाएं कि आप हौसला बदल दें
बल्कि हौसला ऐसा बनाएं रखें कि कैसे भी हालातों को बदल दें
(34) घुटने टेक दिए हैं अब मैंने आगे हालातों के
एक रोशन सवेरे का इंतज़ार करता हूँ मैं सभी काली रातों में
(35) आज ये जो हालात हे मेरे, वो एक दिन बदल ही जायेंगे
लेकिन तब तक कई लोग, मेरे दिल से उतर जायेंगे
(36) मेरे हालात के आगे तो लोग भी बदल गए
ऐसे ही चलती है दुनिया अब हम भी समझ गए
(37) बुरे वक्त में हिम्मत और
अच्छे वक्त में रवैया नहीं बदला करते
(38) जो वक्त की राह देखते है
वो हालातों में कुछ नही कर पाते है
(39) हालातों ने तोड़ दी वो जंजीरें
वरना वक्त के साथ कब की मिल जाती मंजिलें
(40) अब तो रंजिसे मिलने भी नहीं देती उम्र भर
रूठ जाने की अदा तक ले गए हालात और वक़्त
(41) मुश्किलों से कह दो उलझा न करें हमसे
हमें हर हालात में जीने का हुनर आता है
(42) वक़्त लगेगा जिंदगी को बदलने में ऐसा लगता था
लेकिन क्या पता था हमें, बदलता हुआ वक़्त जिंदगी बदल देगा
(43) मेरी इस हालात की वजह पूछते हो
मुझे पता होता तो मैं इस हाल में ना होता
(44) ऐसा नहीं है कि सब लोग बदल जाते हैं
कुछ लोग हालात के साँचे में ढल जाते हैं
(45) हालातों ने जगाया है मुझे कितनी रातों को
मगर कोई सुनने वाला ही नहीं था मेरी बातों को
(46) हालात से हारा हूँ मैं किसी इंसान से नहीं
मत करो मेरी बेइज़्ज़ती की मैंने मेहनत जी जान से नहीं की
(47) हालात सिखाते हैं बातें सुनना और सहना
वरना हर व्यक्ति स्वभाव से बादशाह ही होता है
(48) गरीबी सीखा गई उस बच्चे को घर चलाने का हुनर
जो कुछ साल पहले ही चलना सीखा था
(49) हालात ने तोड़ दिया हमें कच्चे धागे की तरह
वरना हमारे वादे भी कभी ज़ंजीर हुआ करते थे
(50) यूँ ही नहीं पड़ता कोई पैरों में किसी के
कोई हालतों के हाथो इतना मजबूर हो जाता है
(51) किसी को जज करने से पहले एक बात जान लेते
उसके कपडे गंदे है जानने से पहले उसके हालात जान लेते
(52) लोग बुरे नहीं होते है साहब, सिर्फ हालात बदल जाते है
उम्र बढ़ने के साथ-साथ सिर्फ लोगो के ख़्यालात बदल जाते है
(53) ज़िन्दगी तुझे जी – जी कर मर रहा हूँ में, खुद को खुद से दूर कर रहा हूँ में
सुना है हालात मजबूर करते हे इंसान को, यहाँ तो हालात को मजबूर कर रह हु में
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