Manane Wali Shayari – दोस्तों आज के इस पोस्ट में आपको कुछ मनाने वाली शायरी का संग्रह दिया गया हैं. आइए इसे पढ़ते हैं. हमें उम्मीद हैं की आपको यह सभी Manane Wali Shayari in Hindi में पसंद आयगी. इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें.
मनाने वाली शायरी, Manane Wali Shayari in Hindi
(1) अच्छा ख़ासा बैठे बैठे गुम हो जाता हूँ
अब मैं अक्सर मैं नहीं रहता तुम हो जाता हूँ
– अनवर शऊर
(2) अब तो मिलिए बस लड़ाई हो चुकी
अब तो चलिए प्यार की बातें करें
– अख़्तर शीरानी
(3) आरज़ू है कि तू यहाँ आए
और फिर उम्र भर न जाए कहीं
– नासिर काज़मी
(4) आख़री हिचकी तिरे ज़ानूँ पे आए
मौत भी मैं शाइराना चाहता हूँ
– क़तील शिफ़ाई
(5) तू रूठ जाता है, तो मेरा दिल रूठ जाता है,
तू खामोश हो जाता है, तो दिल टूट जाता है,
क्यों तू मुझे इतना सताता है,
इतना मनाने पर भी क्यों तू नहीं मानता है।
(6) तेरी आदाओं पर दिल निसार है,
मुझे तुझसे बेपनाह प्यार है,
तुम रूठ गई हो मुझसे,
तभी तो हुआ मेरा बुरा हाल है।
(7) तेरी अदा गजब ढा रही है,
तेरे रूठना की अदा दिल को जला रही है,
मान जाओ अब न तड़पाओ,
तेरी खामोशी मुझे तड़पा रही है।
(8) प्यार तुझसे बेपनाह है,
मेरा दिल बेगुनाह है,
मैंने तुझे नहीं सताया है,
तेरा रूठना बेवजह है।
(9) मेरी सांसें चलती है तुझसे,
मेरा जीवन है तुझसे,
अब मान भी जाओ,
गलती हो गई थी मुझसे।
(10) तेरी नाराजगी को दूर करना है,
तुझसे और नहीं लड़ना है,
सारी गलती मेरी ही है,
मुझे उसका पश्चताप करना है।
(11) तुझे क्यों लगता है कि तेरी परवाह नहीं है,
तुझे क्यों लगता है कि तुझसे प्यार नहीं है,
तेरा ऐसा सोचना बिल्कुल भी सही नहीं है,
तेरे होने से है मेरा होना, तू नहीं तो मेरी जान नहीं है।
(12) सांसें रुक सी जाती हैं तेरे जाने से,
अब न तड़पाओ आ जाओ बहाने से,
मैं जीता हूं तुमसे ही,
मान जाओ न इतना मानाने से।
(13) रूठे को मानना मुझे आता है,
प्यार जाताना मुझे आता है,
तेरे बिना मुझसे,
एक पल भी रहा नहीं जाता है।
(14) तुझे देखे बिना दिन नहीं गुजरता,
तुम्हें देखे बिना शाम नहीं ढलती,
पूरा एक दिन हो गया रूठे तुम्हें,
तुमसे बात किए बिन मेरा दिन शुरू नहीं होता।
(15) इस दिल का धड़कना तुमसे है,
शरीर में रक्त का बहना तुमसे है,
तुम यूं रूठ जाओगी तो जान चली जाएगी,
मेरी सांसों का चलना तुमसे है।
(16) तुम रूठ जाती हो तो दिल टूट जाता है,
जब तक तुम नहीं मानती तब तक कुछ नहीं भाता है,
तुम्हारे रूठने पर बेचैनी दिल को सताती है,
जो अक्सर आंसू बनाकर आंखों में आ जाती है।
(17) मेरे शब्दों से तेरा दिल दुखता है,
शब्दों पर मेरा काबू नहीं रहता है,
चाहता हूं तुझे टूटकर,
दिल नहीं दुखाऊंगा भूलकर।
(18) भरोसा कर मेरे प्यार पर,
यकीन रख अपने यार पर,
रूठ जाएगी तो मैं माना लूंगा,
देख ले एक बार और रूठ कर।
(19) रूठना-मनाना तो चलता रहेगा,
इससे दोनों में प्यार बढ़ता रहेगा,
तुझे पता है तेरे पास मानाने वाला है,
इसलिए तू रूठता रहेगा।
(20) दोस्त रूठना नहीं चाहिए,
दोस्ती टूटनी नहीं चाहिए,
दूरी को कम करने के लिए
बातें होती रहना चाहिए।
(21) अगर किसी का प्यार रूठ जाए तो माना लेना,
अपने हिस्से की खुशी उसके नाम कर देना,
हर किसी को मोहब्बत नहीं मिलती है दोस्त,
अगर प्यार हो गया है, तो उसे बता देना।
(22) तुझे देखे बिना रहा नहीं जाता है,
दिल मेरा हर वक्त घबराता है,
रूठ जाती है जब तू मुझसे,
तब ये बेचैन हो जाता है।
(23) प्यार में मुझे सजा न दो,
हो गई खता माफ कर दो,
मुझसे यूं रूठ कर न बैठो,
प्यार से दो बात कर लो।
(24) तुम्हें नाराज करके मैं चैन से नहीं रह सकता,
तुझसे बात किए बिना एक दिन नहीं रह सकता,
तू है और तू ही रहेगी मेरी जिंदगी,
ये मैं पूरी दुनिया से हूं कह सकता।
(25) तुझमें ही मेरी दुनिया बसती है,
जब तू हंसती है बहुत खूबसूरत लगती है,
तेरे रूठने पर मेरा दिल रूठ जाता है,
मेरी दिल की यही बात मुझे डराती है।
(26) तेरे रूठने पर मुझे बहुत ज्यादा डर लगता है,
तू कही छोड़कर न चली जाए, इसलिए दिल डरता है,
मेरा दिल मुझसे भी ज्यादा, तेरी परवाह करता है,
तेरे लिए ही तो ये अक्सर मुझसे लड़ता है।
(27) तुम्हें कभी भूल नहीं सकता,
तेरे बिना मैं रह नहीं सकता,
हर पल तेरी जरूरत होती है,
तेरे बिना ये जिंदगी चला नहीं सकता।
(28) तुम्हें हर पल याद करता हूं,
मान जाओ मुझसे ऐसी,
खुदा से फरियाद करता हूं।
(29) हर वक्त याद करता हूं तुम्हें,
तेरी बहुत जरूरत है मुझे,
तुझसे ही तो धड़कता है दिल,
जिंदा रहने के लिए जरूरत है तेरी मुझे।
(30) अक्सर तुम रूठ जाती हो,
मनाने पर भी नहीं मानती हो,
मुझे तुझसे बेइंतेहा प्यार है,
ये तुम बखूबी जानती हो।
(31) मैं अपना हर वक्त तुम्हें देना चाहता हूं,
हर वक्त तेरे पास रहना चाहता हूं,
जब भी तुम मुझसे रुठोगी,
तब मैं तुम्हें प्यार से मनाना चाहता हूं।
(32) तुम्हें कभी याद न कर पाऊं, तो मुझे माफ कर देना,
मेरी सांसें तेरा ही नाम लेती हैं, ये जान लेना,
कभी रूठ जाएगी तो मैं माना लूंगा,
मेरी मोहब्बत सच्ची है ये विश्वास कर लेना।
(33) दिल के एक कोने में जगह दे देना,
रूठ जाऊं मैं कभी तो माना लेना,
बेइंतेहा प्यार है तुझसे,
अपने हिस्से का गम मेरे नाम कर देना।
(34) तू नाराज होगी तो मैं मना लूंगा,
तेरे साथ हसीन यादें बना लूंगा,
जब तक सीने में दिल धड़केगा,
तब तक मैं सिर्फ तेरा रहूंगा।
(35) तेरी आंखों में आंसू देख नहीं सकता,
तेरी नाराजगी मैं सह नहीं सकता,
मान भी जाओ अब मेरी जान,
तेरे बगैर एक पल रह नहीं सकता।
(36) तुम्हें उदास देख मैं भी उदास हो जाता हूं,
मुझे कोई नहीं मनाता, इसलिए खुद से मान जाता हूं।
(37) तेरे जाने से अधूरा लग रहा हूं,
तेरे साथ मैं पूरा लगता हूं,
माना मुझसे गलती हो गई है,
मैं उन गलतियों की माफी मांगता हूं।
(38) हर मुसीबत में साथ रहूंगा,
खुद से ज्यादा तुम्हें प्यार करूंगा,
अब लौट आओ वापस,
मैं फिर से गलती नहीं करूंगा।
(39) जो भी बात है मुझसे न छुपाओ,
हमारे बीच में दूरी न बढ़ाओ,
काफी समय से हो रूठी तुम,
अब तो प्लीज मान जाओ।
(40) मेरी बातों का बुरा न मानना,
मुझे पराया न समझना,
मैं तो अपना समझ के डांट देता हूं
मेरी बातों से कभी न रूठना।
(41) टूटकर बिखर गया हूं तेरे जाने से,
अब तो टूटा दिल जुड़ेगा तेरे आने से,
मैं माफी मांगता हूं अपनी गलतियों की,
अब आ भी जाओ न किसी बहाने से।
(42) अपने प्यार का एहसास कैसे दिलाऊं,
तेरी उदासी को मैं कैसे मिटाऊं,
एक बार मेरी खता को माफ कर दे,
जिंदगी भर तेरा साथ मैं निभाऊं।
(43) मुझे प्यार में मिली है सजा,
तुमने मुझसे नहीं की वफा,
दिल तोड़ा है तुमने मेरा हर दफा,
इसलिए हो गई हूं मैं तुमसे खफा।
(44) इस कदर हम यार को मनाने निकले
उसकी चाहत के हम दिवाने निकले..
जब भी उसे दिल का हाल बताना चाहा
उसके होठों से वक़्त न होने के बहाने निकले..
(45) नाकाम थीं मेरी सब कोशिशें उस को मनाने की
पता नहीं कहां से सीखी जालिम ने अदाएं रूठ जाने की
(46) देखा है
आज मुझे भी गुस्से की नज़र से,
मालूम नहीं आज
वो किस-किस से लड़े है।
(47) उफ़ —उसके रूठने की अदाये भी गजब
की थी…
बात बात पे कहना की
”सोच लो फिर बात नहीं करुँगी”
(48) तू जो रूठ्ने लगा है
दिल टूटने लगा है
अब सब्र का भी दामन
मुझसे छूटने लगा है।
(49) मनाने को खुशियो का यह दौर है
पर हम जानते है हकीकत कुछ और है।
(50) दिल से तेरी याद को जुदा तो नहीं किया,
रखा जो तुझे याद कुछ बुरा तो नहीं किया,
हम से तू नाराज़ हैं किस लिये बता जरा,
हमने कभी तुझे खफा तो नहीं किया
(51) यूँ तो….. प्यार की हर अदा निराली हैं
पर रुठने मनाने की अदा सबसे आली हैं
(52) हम रूठे भी तो किसके भरोसे रूठें,
कौन है जो आयेगा हमें मनाने के लिए,
हो सकता है तरस आ भी जाये आपको,
पर दिल कहाँ से लायें आपसे रूठ जाने के लिये !
(53) सांसे रुक सी गई है आपके जाने से
अब लौट भी आओ मेरी जान
किसी बहाने से !
(54) दिल से तेरी याद को मैंने जुदा तो नही किया
रखा जो तुझे याद कुछ बुरा तो नही किया
हम से तू नाराज़ है किस लिये बता तो जरा
हमने कभी तुझे खफा तो नहीं किया
(55) तुम रूठ गए तो हम मनाने
आ जाएंगे आप पर हम
अपना हक़ जताने आ जायेगे !
(56) उफ़ उसके रूठने की अदाये भी
गजब की थी बात बात पे कहना की
सोच लो फिर बात नही करुँगी !
(57) तुम हो मेरी धड़कन तुम हो
मेरी जान मान जाओ न अब
और कितना करेंगे हमें परेशान !
(58) तुम हँसते हो मुझे हँसाने के लिए
तुम रोते हो तो मुझे रुलाने के लिए
तुम एक बार रूठ कर तो देखो
मर जायेगे तुम्हें मनाने के लिए !
(59) ज़माने से रुठने की जरूरत ही क्यो है
जब मेरे अपने ही मेरे बने रकीब है !
(60) तू जो रूठ्ने लगा है
दिल टूटने लगा है
अब सब्र का भी दामन
मुझसे छूटने लगा है !
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