Aukat Shayari – दोस्तों आज के इस पोस्ट में आपके लिए कुछ औकात शायरी इन हिंदी का संग्रह दिया गया हैं. आइए इसे पढ़ते हैं. हमें उम्मीद हैं की आपको यह सभी Aukat Shayari in Hindi में पसंद आयगी. इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें.
औकात शायरी, Aukat Shayari in Hindi
(1) तेरी औकात ही क्या है मेरे इस दिल में बसने की,
हम तो शायरी से लोगों की रुह में बस जाते हैं।
(2) आँखों से कहो औकात में रहे जनाब,
बिना मुझसे पूछे पढ़ लेती है रूह मेरी।
(3) अपनी आँखों से लड़ कर जो हमने दिन रात देखा था,
ऐसा औकात से बढ़ कर हम ने इक ख़्वाब देखा था।
(4) जरा संभल कर,
कहीं तुम्हारी औकात तुम्हे,
और नीचे न गिरा दे।
(5) कितनी भी शिद्दत से निभा लो रिश्तें,
लोग औकात दिखा ही जाते है।
(6) झूठ इसलिए बिक जाता है,
सच को खरीदने की सबकी औकात नहीं होती।
(7) किसी का भला कितना ही कर लो,
आखिर में वो अपनी औकात दिखा देता है।
(8) चीज़ों से पहचान हो रही है आदमी की,
औकात अब हमारी बज़ार रहा है।
(9) कभी जात कभी समाज तो कभी औकात ने लुटा,
इश्क़ किसी बदनसीब गरीब की आबरू हो जैसे।
(10) गलती मेरी है तुझे इतनी अहमियत दे दी,
तुझे तो औकात दिखाने वाला आईना देना चाहिए था।
औकात शायरी इन हिंदी
(11) आँखें भी अक्सर अपनी औकात भूल जाती है,
खुद है दो पर सपने हजार लिए चली आती है।
(12) जूते फटे पहने आसमां पर पहुंचने चले थे,
सपने हमेशा हमारे औकात से बड़े थे।
(13) तेरी अकड़ देख ली मैंने,
क्या ही बड़ी बात है,
कुछ तो छूट मेरी दी है,
वरना तेरी क्या औकात है।
(14) औकात पे आ जाते हैं,
जब हम औकात की बात करते हैं।
(15) कहना चाहो तो कह लो तुम काफ़िर मुझे,
मैंने औकात से बाहर जाकर प्यार किया है।
(16) मैंने अपना ठिकाना नहीं बदला,
आज भी अपनी औकात में रहता हूँ।
(17) पैसा बहुत था पर वो अपनी औक़ात खो बैठा,
अमीरी के फेर में जब पिता का साथ खो बैठा।
(18) औकात मेरी हमेशा तेरे पैरों तक ही रही,
कोशिशें की मगर दिल तक न पहुंचे हम।
(19) किसी की क्या औकात बिगाड़ सके कुछ हमारा,
हमने तो अपना दामन खुद ही जला रखा है।
(20) ख़्वाहिश तो मेरी भी होती है तुम्हें अपना बनाने की,
मग़र तुम्हारे दीवार की ईंट भी मेरी औकात से ऊपर है।
दुश्मन की औकात शायरी
(21) कुछ लोग कहते हैं ,
मेरे सपने मेरी औकात से बड़े है,
और वही लोग मेरे खिलाफ खड़े है।
(22) मुझे लगता था कि इस मोहब्बत के शहर में,
मैं बहुत अमीर हुँ,
पर आज तेरे कारण मुझे मेरी औकात का पता चल गयी।
(23) किसी ने पूछा था मुझसे
कमा कितना लेते हो,
बस जेब या पेट नहीं,
औकात भर का कमा लेता हूं।
(24) चीर दूंगा मेरे जख्मी पैरों से इन लंबे रास्तों को,
वक्त मेरा बताएगा औकात इन हसीन चेहरों को।
(25) मैं मोहब्बत में ऐसे अल्फ़ाज़ लिख देता हूँ,
कलम उठा के उस बेवफा की औकात लिख देता हूं।
(26) मेरे औकात से बड़े मेरे सपने है,
और मेरे ही खिलाफ खड़े आज मेरे अपने है।
(27) फिर हुआ यूं के घड़ी खोल के रख दी हमने,
वक्त हर शख़्स की औकात बताये जा रहा था।
(28) मुझे मेरी ही नजरो में गिरा कर चली गई,
वो आईना बन कर आई थी,
मुझे मेरी औकात दिखा कर चली गई।
(29) मुझ से मिलने मेरी औकात आई है,
मकान कच्चा है और बरसात आई है।
(30) चलो हकीक़त से थोड़ी मुलाक़ात करते हैं,
जितनी औकात बस उतनी ही बात करते हैं।
Aukat Shayari 2 Line
(31) कोशिशे लाख आजमाई तुम्हारा साथ निभाने में,
एक पल भी न लगा तुम्हे औकात दिखाने में।
(32) चाँद तारों पर पहुंचने का क्यों गुमां करता है तू ए इंसान,
मत भूल कभी के दो मुठ्ठी रेत से ज्यादा तेरी औकात नहीं।
(33) औकात जो नाप रहे हो ज़ुबान की धार से,
ज़रा ख़ुद में झाँक लो ज़मीर के दीदार से।
(34) औकात तो उनकी मुंह लगाने की भी ना थी,
हम तो उनसे दिल लगा बैठे थे।।
(35) जो इन्तिकाम लेने उतरूँ मैं,
तो अपनी कलम से तेरी औकात बता दूं।
(36) वो छोड़ के गए तो एक सबक सीखा गए,
अबके कोई आये तो उसे औकात में रखा जाए।
(37) मालूम है मुझे मेरी औक़ात,
हर बार क्यों दिखाते हो,
छोड़ना है तो छोड़ ही जाओ न,
यूँ हर बार क्यों सताते हो।
(38) कुछ लोग इस तरह जीने का सलीका सिखाते है,
औकात में रहूं इसीलिए औकात दिखाते है।
(39) बुरे वक़्त के साथ जो मैंने अपनी मुलाकात देख ली,
किसी की सच्चाई और किसी की औकात देख ली।
(40) वो बार बार औकात की बात करता है,
इसे वक़्त के बारे में बता दो कोई।
Aukat Shayari in Hindi
(41) सब की औकात है बस सफ़ेद चादर,
और वो भी खुद से ओढ़ने की ताकत न होगी।
(42) खूब हौसला बढ़ाया आँधियों ने धुल का,
मगर दो बून्द बारिश ने औकात बता दी।
(43) झूठ इसलिए बिक जाता है क्योंकि,
सच को खरीदने की सबकी औकात नहीं होती।
(44) तेरी तो इतनी भी औकात नहीं
की तुझसे नफरत करूँ,
ना जाने कैसे मोहब्बत हो गई।
(45) उसकी औकात का उसे एहसास जरुरी था,
शीशा था, टूटना जरुरी था।
(46) औकात दिखा देती है एक दिन मोहब्बत भी,
इसलिए खुद से ज्यादा चाहत किसी की मत रखना।
(47) मैं क्यूँ कुछ सोच कर दिल छोटा करूँ,
वो उतनी ही कर सकी वफ़ा जितनी उसकी औकात थी।
(48) अक्सर वही लोग उठाते हैं हम पर उँगलियाँ,
जिनकी हमे छुने की औकात नहीं होती।
(49) बेवजह ही नहीं होती आंखों से बरसात,
दौलत ने पूछी होगी दिलवालों की औकात।
(50) लोग बातों ही बातों में
हालात पूछ लेते हैं,
कितना कमा लेते हो कहकर,
औकात पूछ लेते हैं।
(51) बुरे वक्त में लड़ना अच्छे से जानता हूं
अकड़ वाले सावधान रहे
मैं उन्हे तोड़ना अच्छे से जानता हूं.!!
(52) आजकल वो लोग भी औकात की बात करते है
जो खुद अपने बाप की हैसियत पर पलते है.!!
(53) हमसे औकात की
बात करने वाले सुन ले
खोटे सिक्के हीरे की
कीमत नही लगा सकते है..!
(54) झुंड में भोकते कुत्तो की
औकात ही कितनी होती है
शोहरत की महफिल में
कद्र सिर्फ खुद्दारो की होती है..!
(55) अपनी औकात मे रहना सीख बेटा
वरना जो हमारी आंखो मे खटकते है
वह शमशान मे भटकते है !
(56) औकात उतनी ही दिखा जितनी तेरी
कहानी है तेरा ईगो तो दो दिन की कहानी
है मेरी औकात तो खानदानी है !
(57) औकात तो उनकी मुंह लगाने की भी
ना थी हम तो उनसे दिल लगा बैठे थे !
(58) कहना चाहो तो कह लो तुम काफ़िर मुझे
मैने औकात से बाहर जाकर प्यार किया है!
(59) इश्क करो वफा करो अगर फिर
भी वह औकात दिखाएं तो दफा करो !
(60) सूखा हुआ पत्ता शाखो से टूट जाता
है औकात की बात मत कर सब कुछ
यही छूट जाता है !
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