Chahat Shayari – दोस्तों आज के इस पोस्ट में आपको कुछ Chahat Shayari in Hindi का संग्रह दिया गया हैं. आइए इसे पढ़ते हैं. हमें उम्मीद हैं की आपको यह सभी चाहत शायरी पसंद आयगी. इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें.
चाहत शायरी, Chahat Shayari in Hindi
(1) तू बहते पानी सी है, हर शक्ल में ढल जाती है
मैं रेत सा हूं…मुझसे कच्चे घर भी नहीं बनते…
-हकीम
(2) तमाम जिस्म को आंखें बना के राह तको
तमाम खेल मोहब्बत में इंतिज़ार का है
-मुनव्वर राणा
(3) मेरी हस्ती है मेरी तर्ज़-ए-तमन्ना ऐ दोस्त
ख़ुद मैं फ़रियाद हूँ मेरी कोई फ़रियाद नहीं
-जिगर मुरादाबादी
(4) हमारी खुशियों में वो शामिल होतें हैं जिसे हम चाहतें हैं,
लेकिन हमारे दुःखों में वो शामिल होतें है जो हमे चाहते है।
(5) उनकी चाहत में हम कुछ यूँ बंधे हैं
कि वो साथ भी नहीं और हम अकेले भी नहीं
(6) कोई शर्त नहीं है कोई शिकायत नहीं है तुमसे,
बस सीधी सी मुहब्बत है दीदार की चाहत है तुमसे।
(7) तुम्हारी चाहत को में इनकार नही कर सकता हद
है, जो प्यार की उसे कभी पार नही कर सकता ।।
(8) वो खुद पे इतना गुरूर करते हैं तो इसमें हैरत की बात नहीं,
बाबू जिन्हें हम चाहते हैं वो आम कभी हो ही नहीं सकते।
(9) एक चाहत होती है जनाब अपनों के साथ जीने की
वरना पता तो हमें भी है कि ऊपर अकेले ही जाना है।
(10) दिल में चाहत का होना जरूरी है जनाब,
याद तो उधार लेने-देने वाले भी करते हैं।
Chahat Shayari in Hindi
(11) चाहत बन गये हो तुम या आदत बन गये
हो तुम हर सांस में यू आते जाते हो जैसे
मेरी इबादत बन गये हो तुम।
(12) मेरी मौत पर तुम भी आना,
में अपने जनाज़े पर रौनक चाहता हूँ।
(13) ना जाने क्यों तुझे देखने के बाद भी।
तुझे ही देखने की चाहत रहती है।।
(14) मैं कुछ लिखू और तेरा ज़िक्र न हो,
वो तो मेरी चाहत की तौहीन होगी |
(15) चाहता तो हूँ कि अब चूम लूँ तुम्हारे इन गालों को मैं,
पर अपने ही लबों से ख़ुद जल भी तो मैं ही जाता हूँ।
(16) तेरी चाहत के सिवा अब ना कोई आरज़ू रही तू रहा,
तेरी ख़्वाहिश रही और बस तेरी आशिकी रही
(17) तेरे ख़त की इबारत की मैं स्याही बन गया
होता तो चाहत की डगर का मैं भी राही बन गया होता !
(18) इस महफिल में किसी को महसूस मत होने देना।
कि तुम्हारी चाहत से मेरी साँसे चलती है।
(19) जरूरी नही तुम मेरा हर कहना मानो,
दहलीज पर रख दी चाहत अब आगे तुम जानो।
(20) एक ख्वाब एक ख़याल एक हकीक़त है तू,
जिंदगी में पाने वाली हर ज़रूरत है तू,
जिसको रोज़ प्यार करने का दिल करे,
अरे यार वही प्यारी सी चाहत है तू…!!
Bepanah Chahat Shayar
(21) एक चाहत थी तेरे साथ जीने की।
वरना, मोहब्बत तो किसी से भी हो सकती थी
(22) हमारे बाद नहीं आएगा तुम्हें चाहत का
ऐसा मज़ा तुम लोगों से कहते फ़िरोगे
मुझे चाहो उस की तरह !
(23) बिन बात के ही रूठने की आदत है
किसी अपने का साथ पाने की चाहत है
आप खुश रहें मेरा क्या है मैं तो आइना हूँ
मुझे तो टूटने की आदत है।
(24) कैसी गहराई है तेरी चाहत में और मेरी
मोहब्बत में न डूबा हूँ अब तक न सतह
की कोई उम्मीद नज़र आती है !
(25) चाहते होती है जहां
दिल मिल ही जाते है वहां
ये तो प्यार के फूल है जो
पत्थर पर भी खिल जाते है..!
(26) तेरी चाहत मेरे संग अगर पूरी नही
तो मेरी चाहत भी तेरे बिना अधूरी नही..!
(27) तुझे पाने की उम्मीद नहीं फिर भी इंतज़ार है।
चाहत अधूरी ही सही पर तेरे लिए बेशुमार है।।
(28) जनाब ये इश्क मेरा उसे रास ना हुआ
उड़ाया था मजाक जिसने मेरा
उसे ही मेरी चाहत का एहसास ना हुआ.!!
(29) इंसान की चाहत है, उसे उड़ने के लिए पर मिले
और परिंदे सोचते है उन्हें रहने के लिए घर मिले
(30) इतनी चाहत के बाद भी तुझे एहसास ना हुआ।
जरा देख तो ले दिल की जगह पत्थर तो नहीं।
(31) इश्क़ का जहर भी पिया जाए और मौत भी
ना आए, ऐसी चाहत हो तो कोई इश्क़ कर लो हमसे
(32) मज़ा आ जाए गर हो जाए इतना अबकी
बारिश में हमारी चाहत के आँसू तुम्हारी
छत पे जा बरसे
Milne ki Chahat Shayari
(33) मेरी चाहत देखनी है तो, मेरे दिल पर अपना दिल रखकर देख।
तेरी धडकने न बढ़ जाये दिलबर, तो मेरी महोब्बत ठुकरा देना।
(34) अगर तुम समझ पाते मेरी चाहत की
इन्तहा तो हम तुमसे नही तुम हमसे मोहब्बत करते.
(35) चाहत से फतेह कर लो नजरों से करम फरमाओ
इश्क़ इबादत है मेरी हर दुआ में तुम नज़र आओ
(36) एक चाहत होती है जनाब अपनों के
साथ जीने की वरना पता तो हमें भी
है कि ऊपर अकेले ही जाना है।
(37) इतनी चाहत से न देखा कीजिए
महफ़िल में आप,शहर वालों से
हमारी दुश्मनी बढ़ जाएगी।
(38) अगर तुम समझ पाते मेरी चाहत की
इन्तहा तो हम तुमसे नही तुम हमसे
मोहब्बत करते.
(39) एक तो मेरी चाहत और दुसरा इश्क
का बुखार, शहर का तापमान 50
डिग्री ना हो तो क्या हो.
(40) हमें शायर समझ के यूं नजर अंदाज न
करिये, नजर हम फेर ले तो तेरी चाहतों
का बाजार गिर जायेगा।
(41) तेरी चाहत मे हम जमाना भूल गये,
किसी और को हम अपनाना भूल गये,
तूम से मोहब्बत हे सारे जहान को बताया,
बस एक तूझे ही बताना भूल गये.
(42) तेरी चाहत मेरी आँखों में है,
तेरी खुशबू मेरी सांसो में है।
मेरे दिल को जो घायल कर जाए,
ऐसी अदा सिर्फ तेरी बातो में है।।
(43) काश ये शाम कभी ढले ना,
काश ये शाम मोहब्बत का रुके ना,
हो जाए आज दिल की चाहते सारी पूरी
और दिल की कोई चाहत बचे ना.
(44) चाहत वो नहीं जो जान देती है
चाहत वो नहीं जो मुस्कान देती है
ऐ दोस्त चाहत तो वो है जो पानी में
गिरा आंसू पहचान लेती हैं.
(45) एक अजनबी से मुझे इतना प्यार क्यों है
इंकार करने पर चाहत का इकरार क्यों है
उसे पाना नहीं मेरी तकदीर में शायद
फिर हर मोड़ पे उसी का इंतज़ार क्यों है.
(46) बड़े ही बेदर्द निकले हमारे चाहने वाले,
चाहत के दिए जलाकर अंधेरों की लत लगा दी.
(47) तुझे पाने की उम्मीद नहीं फिर भी इंतज़ार है
चाहत अधूरी ही सही पर तेरे लिए बेशुमार है।
(48) तेरी चाहतो पर मुझे ऐतबार है,
इसलिए मुझे तुमसे खुद से ज्यादा प्यार है.
(49) मेरी चाहत का ये कैसा सिला दिया है,
मेरी हर खुशी को मिट्टी में मिला दिया है.
(50) हर कोई पाने की ज़िद में हैं, शायद मुझे कोई
आज़माने की ज़िद में है। जिसकी चाहत है
मुझे बेइंतेहा वो मुझे भूल जाने की ज़िद में है।
(51) ढूढने चला था एक शख्स की चाहत
खुद को भी खो दिया उसकी मोहब्बत मे !
(52) हमारे बाद नहीं आएगा तुम्हें चाहत का
ऐसा मज़ा तुम लोगों से कहते फ़िरोगे
मुझे चाहो उस की तरह !
(53) छिछोरा था पहले
अब ये दिल बेचारा हो गया
राबता कुछ नही था तुमसे
फिर भी ये दिल तुम्हारा हो गया.!!
(54) जनाब ये इश्क मेरा उसे रास ना हुआ
उड़ाया था मजाक जिसने मेरा
उसे ही मेरी चाहत का एहसास ना हुआ.!!
(55) लम्हों की पंखुड़ियां बिखरने लगी है
अब तेरी यादो की चाहत निखरने लगी है..!
(56) बिन बात के ही रूठने की आदत है
किसी अपने का साथ पाने की चाहत है
आप खुश रहें मेरा क्या है मैं तो आइना हूँ
मुझे तो टूटने की आदत है।
(57) हमारी गलतियों से कही टूट न जाना
हमारी शरारत से कही रूठ न जाना
तुम्हारी चाहत ही हमारी जिंदगी हैं
इस प्यारे से बंधन को भूल न जाना।
(58) सिलसिला ये चाहत का दोनो तरफ से था
वो मेरी जान चाहती थी और मैं जान से ज्यादा उसे !
(59) बहुत कुछ बदला हैं मैने अपने आप में
लेकिन तुम्हें वो टूट कर चाहने की
आदत अब तक नहीं बदली !
(60) तेरी चाहत के सिवा अब ना कोई आरज़ू
रही तू रहा तेरी ख़्वाहिश रही और बस तेरी आशिकी रही !
(61) खोने का ग़म और पाने की चाहत ना होती, तो आज,
ना खुदा होता कोई, और ना ही इबादत होती ।।
(62) वो वक़्त और था जब तुझे पाने की हसरत थी
अब तो तू खुदा बन के आये भी तेरा सजदा ना करू ।।
(63) कैसे छुपाऊँ तुम्हे अब में, मेरी रूह में भी तुम
ही बसी हो ।।
(64) खोजने चला था एक शख्श की चाहत को,
खुद को ही खो दिया उसकी मोहब्बत में ।।
(65) एक आरजू है मेरी आओ ख़्वाब में एक बार
दुआ है, उस रात कभी सुबह ना हो ।।
(66) इस जमाने मे कोई किसी का नही है, लाश को
श्मशान में रखकर अपने लोग ही पूछते है, और
कितना ‘टाइम’ लगेगा ।।
(67) तुम्हे चाहने वाले तो बहुत मिलते रहेंगे, लेकिन तू
जिसे कभी भूल ना पाएं वो चाहत यकीनन हमारी
होगी ।।
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