अनुशासन पर कविता, Discipline Poem in Hindi

Discipline Poem in Hindi – दोस्तों यहाँ पर आपको कुछ बेहतरीन अनुशासन पर कविता दी गई हैं. हमारे जीवन में स्वानुशासन का बहुत ही बड़ा महत्व हैं. हमारा कोई भी कार्य की सफलता या असफलता अनुशासन पर ही निर्भर होती हैं. अनुशासित जीवन हमारे जीवन के सफलता का मूल मन्त्र माना गया हैं.

अनुशासन के बिना हमारा जीवन उस नाव की तरह हैं. जिस नाव पर कोई नाविक नहीं होता हैं. और वह नाव पानी के झोके से रास्ते भटक जाती हैं. इसलिए हमारे जीवन में अनुशासन का होना जरुरी हैं. जो हमें आंतरिक प्रेरणा देकर सही राह पर चलने के लिए प्रेरित करती हैं. जिससे हमें अपनी मंजिल को पाने में आसानी होती हैं. और हम जीवन में सफल हो पाते हैं.

अब आइए नीचे कुछ Discipline Poem in Hindi में दिए गए हैं. इसको पढ़ते हैं. यह सभी Anushasan Poem in Hindi हमें एक अनुशासित जीवन जीने के लिए प्रेरित करती हैं.

अनुशासन पर कविता, Discipline Poem in Hindi

अनुशासन पर कविता

1. Discipline Poem in Hindi – अनुशासन में बंधे हुए हैं

अनुशासन में बंधे हुए हैं,
ग्रह-उपग्रह और सब तारे,
अनुशासन की सीमा में हैं,
बंधे हुए जड़-चेतन सारे.
अगर समय से सूर्य न निकले,
दूर न होगा अंधियारा,
कैसे जीवन मिले जगत को,
कैसे हो फिर उजियारा!
अगर समय पर चांद न निकले,
शीतलता न मिलेगी,
चारु चंद्र की चंचल किरणें,
फिर कैसे सुख देंगी?
एक नियम से घूम रही है,
धरती प्यारी-प्यारी,
तभी टिके हम एक जगह पर,
टलती उलझन भारी.
वृक्षों से फल नीचे गिरते,
कभी न ऊपर जाते,
विद्या पाकर गुणी पुरुष हैं,
और नम्र हो जाते.
यह है अनुशासन की महिमा,
भुला इसे मत देना,
इससे शिक्षा लेकर अपना,
जन्म सफल कर लेना.

2. अनुशासन पर कविता – स्वयं पर स्वयं का शासन

स्वयं पर स्वयं का शासन
कहलाता है अनुशासन।
यह कोई पराधीनता नहीं
ना ही है कोई बंधन
यह है नियमों का अनुसरण
बनता है जिससे आदर्श जीवन।
अनुशासन चेतना का परिष्करण है
अनुशासन सिद्धांतों का अनुकरण है
अनुशासन सुसंस्कार है
सफल जीवन का यही आधार है।
अच्छे विद्यालय ही
अनुशासन के निर्माता है
सुसंस्कृत परिवार में ही बालक
अनुशासन पाता है।
अनुशासित विद्यार्थी
बढ़ाते हैं देश का मान
जो दिखाते हैं अनुशासनहीनता
नहीं पाते कहीं भी सम्मान।
समाज में बढती अव्यवस्था
अनुशासनहीनता का परिणाम है
नियमों को जो करते हैं दरकिनार
बुद्धिमान नहीं वे नादान है।
अनुशासन राष्ट्र हित में जरुरी है
ना सोचो कि यह कोई मजबूरी है
कर्तव्यों का पालन हमारी जिम्मेदारी है
अनुशासित रहना ही सच्ची समझदारी है।
अनुशासन सफलता की धुरी है
प्रशासन, स्कूल, समाज और परिवार
सबकी सफलता के लिए
अनुशासन जरुरी है।
अनुशासन परिवार, समाज और राष्ट्र की आवश्यकता है
बिना अनुशासन कोई भी आगे नहीं बढ़ सकता है
अनुशासन से ही समस्यायों का समाधान है
अनुशासन में ही विकसित होता ज्ञान है।
अनुशासन जीवन का प्राण है
सफलता के लिए अनुशासन रामबाण है
अनुशासन पशुता से ऊपर उठाता है
अनुशासन ही मानव को मानव बनाता है।

Discipline Poem in Hindi

3. Short Poem on Discipline in Hindi – अनु का मतलब पालन है

अनु का मतलब पालन है,
शासन का मतलब नियम,
जीवन की नीव है अनुशासन,
इसके बिना छिन सकता है शासन,

नियम से चलने वाले की,
कभी ना होती झोली खाली,
अनुशासन में रहने वाला,
हरदम होता है सबसे बलशाली,

स्कूल में शिक्षक यही सिखते हैं,
की अनुशासन में कैसे रहते हैं,
मीठी वाणी में बोलो सबसे,
दिल जीतो अपनी बोली से अबसे,

अपने कार्यलय में नियम से जाओ,
प्रेम सहित्य नियम से काम कराओ,
सब करेंगे तब आपका गुण गान,
ये जीवन का सबसे बहुमूल्य ज्ञान,

हर जगह अनुशासन बहुत जरुरी है,
बिना इसके हर काम की पूर्ति अधूरी है,
लोगो का कहना है जो नहीं रहता अनुशासन में,
उसका जीवन भरा रहता है दुखों के आसन से,

आओ आज ग्रहण करे ये कसम,
अनुशासन का पालन करेंगे हरदम,
सबको अनुशासन का ज्ञान करायेंगे,
सबके जीवन को सुखमय बनायेंगे,

Aruna Gupta

4. Anushasan Poem in Hindi – मन को वश में करो

“मन को वश में करो
फिर चाहे जो करो
कर्ता तो और है
रहता हर ठौर है
वह सबके साथ हैं
दूर नहीं पास हैं
तुम उसका ध्यान धरो
फिर चाहे जो करो
सोच मत बीते को
हार मत जीते को
गगन कब झुकता है
समय कब रूकता है
समय से मत लड़ो
फिर चाहे जो करो
रात वाला सपना
सवेरे कब अपना
रोज यह होता है
व्यर्थ क्यों रोता है
डर के मत मरो
फिर चाहे जो करो”

5. Anushasan Par Kavita – नित्य चलती चीटी ना थकती

नित्य चलती चीटी ना थकती,
सदा करती अनुशासन की भक्ति।
स्वयं से अधिक बोझ उठाकर,
गगन को अपना को ध्येय बनाकर।
हर क्षण आगे बढ़ती जाती,
निरंतर कर्म हमें सिखलाती
विरला दृढ आदर्श है उसके,
साथी कभी राह ना भूले।
पक्का निश्चय कर वों बलखाती,
स्नेह भाव से लाइन बनाती।
हर क्षण आगे बढ़ाती जाती,
निरंतर कर्म हमें सिखलाती।
लिखे हर दिन ऐसी गाथा,
ठोक रहा था भूपति माथा।
हर बार पराजय उसके हाथ,
मिला राजा को चीटी का साथ।
पक्का निश्चय कर कदम बढ़ाया,
सफलता स्वयं उसकी कर आया।
यही शिक्षा वह हमकों बताती,
लक्ष्य प्रतिपल उसको भाती।
हर क्षण आगे बढ़ाती जाती,
निरंतर कर्म हमें सिखलाती

6. Discipline Poem in Hindi – घनी धुंध मे लिपटे

घनी धुंध मे लिपटे
sपेड़ /पर्वत कितने सुंदर लगते हैं
जैसे कुदरत ने
चादर ओढ़-ली हो
सुबह की ठण्ड से |
इन पर पड़ी ओस की बूदो से
खुल जाती है इनकी निद्रा
साथ ही सूर्य के निकलते ही
ऐसा लगता है मानो
घर का कोई बड़ा बूढा
अपनी संतानों को जैसे जगा रहा हों |
तब ऐसा प्रतीत होता है की
कुदरत भी सिखाती हैं
सही ढंग से जीने के लिये
प्यार भरा अनुशासन |

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