Gurmeet Karyalvi Poem in Hindi – यहाँ पर Gurmeet Karyalvi Famous Poems in Hindi का संग्रह दिया गया हैं. गुरमीत कड़ियालवी का जन्म 23 दिसम्बर 1968 को पंजाब के मोगा जिला के गांव कड़ियाल में हुआ था.
आइए अब यहाँ पर Gurmeet Karyalvi ki Kavita in Hindi में दिए गए हैं. इसे पढ़ते हैं.
गुरमीत कड़ियालवी की प्रसिद्ध कविताएँ, Gurmeet Karyalvi Poem in Hindi
पुस्तक बनूंगा मैं
तू समुद्र क्यों नहीं हो जाता?
लहर-लहर होता
नदियों को कलावे मैं भरता
मुझे खारापन अच्छा नहीं लगता
न जिंदगी में
न रिश्तो में
आकाश क्यों नहीं बन जाता?
विशाल-असीम- अनंत
पहुंच से पार
मैं कहता
अच्छी नहीं होती सवारी करनी
अंह के घोड़े की
ना अर्थहीन सपनों की
तो पताल जैसे हो जाओ
गहरे -गहरे
मीलों में फैले
मैं कहता
पताल में तो गिठ मुठ के लोग रहते झुकी गर्दनों वाले
क्या बनोगे?
तुम्हारे मस्तिष्क पर प्रश्न चिह्न उखरा
पुस्तक बनूंगा
पढ़ोगी तो मचल पड़ेंगे
तुम्हारे भीतर के जज़्बात
हज़ारों- हज़ार तारे टिमटिमाएंगे तुम्हारी निद्रालु आंखों में
लेटे-लेटे पढ़ोगी
नींद के आगोश में आओगी तो
पुस्तक फैल जाएगी
तुम्हारे सारे वजूद पर
कविता के अक्षरों जैसे
सैकड़ों प्रशन तुम्हारे भीतर
हलचल मचाएंगे
तुम शब्दों से बातें करोगी
भला क्या:
धरती सब की मां होती है?
हवा सबके लिए एक समान चलती है?
सूर्य महलों -झुग्गियों में एक जैसा चमकता है?
गेहूं सभी के लिए रोटी बनती है ?
ऐसे सैकड़ों प्रश्न
तुम्हारे मन मस्तिष्क का द्वार खटखटा एंगे
इसीलिए कहता हूं
पुस्तक बनूंगा
पढ़ोगी तो मचल पड़ेंगे
भीतर के जज़्बात
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