Khamoshi Shayari in Hindi – यहाँ पर बेहतरीन खामोशी पर शायरी का संग्रह दिया गया हैं. यह सभी Shayari on Khamoshi को हमारे लोकप्रिय और प्रसिद्ध शायरों द्वारा लिखी गई हैं. आप इन सभी Khamoshi Par Shayari की मदद से अपने मनोभाव को प्रकट कर सकते हैं.
सभी खामोशी के पीछे कोई न कोई कहानी होती हैं. आदमी जब खामोश होता हैं. तब वह अपने आप से बात कर रहा होता हैं. यदि आपके अंदर सकारात्मक विचार चल रहें हैं. तो आप सफलता की और अग्रसर होते हैं. और यदि आपके अंदर कोई नकारत्मक विचार चल रहें हैं तो आपके बर्बादी का कारण भी बन सकते हैं.
जीवन में कुछ ऐसा समय भी आता हैं. जिसे हम सोच भी नहीं सकते हैं. वह घटना हमें खामोश कर देती हैं. दोस्तों इस खामोशी की अपनी ताकत बनाइए और जीवन में आगे बढ़िए।
अब आइए यहाँ पर कुछ Khamoshi Shayari in Hindi में दी गई हैं. इसको पढ़ते हैं. हमें उम्मीद हैं. की यह सभी खामोशी पर शायरी आपको पसंद आएगी। इस Shayari on Khamoshi को अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें।
खामोशी पर शायरी, Khamoshi Shayari in Hindi
(1) जब कोई बाहर से खामोश होता है,
तो उसके अंदर बहुत ज्यादा शोर होता हैं.
(2) ख़ामोश शहर की चीखती रातें,
सब चुप हैं पर, कहने को है हजार बातें.
(3) जज्बात कहते हैं, खामोशी से बसर हो जाएँ,
दर्द की ज़िद हैं कि दुनिया को खबर हो जाएँ.
(4) चुभता तो बहुत कुछ हैं मुझे भी तीर की तरह,
लेकिन खामोश रहता हूँ तेरी तस्वीर की तरह.
(5) वक्त तुम्हारे ख़िलाफ़ हो तो खामोश हो जाना,
कोई छीन नहीं सकता जो तेरे नसीब में है पाना।
(6) जब खामोशी कमजोरी बन जाती है,
तो खूबसूरत रिश्तों में दरारे आ जाती है.
(7) दर्द हद से ज्यादा हो तो आवाज छीन लेती है,
ऐ दोस्त, कोई खामोशी बेवजह नहीं होती है.
(8) उसने कुछ इस तरह से की बेवफाई,
मेरे लबो को खामोशी ही रास आई.
Khamoshi Par Shayari
(9) तेरी खामोशी, अगर तेरी मजबूरी है,
तो रहने दे इश्क कौन सा जरूरी है.
(10) बातों को कोई न समझे
बेहतर है खामोश हो जाना।
(11) मैंने अपनी एक ऐसी दुनिया बसाई है,
जिसमें एक तरफ खामोशी और दूसरी तरफ तन्हाई है.
(12) लोग कहते है कि वो बड़ा सयाना है,
उन्हें क्या पता खामोशी से उसका रिश्ता पुराना है.
(13) बोलने से जब अपने रूठ जाए,
तब खामोशी को अपनी ताकत बनाएं।
(14) मुझे अपने इश्क़ की वफ़ा पर बड़ा नाज था,
जब वो बेवफा निकला, मैं भी खामोश हो गया.
(15) उसने कुछ कहा भी नहीं और मेरी बात हो गई,
बड़ी अच्छी तरह से उसकी खामोशी से मुलाक़ात हो गई.
(16) राज खोल देते हैं,
नाजुक से इशारे अक्सर,
कितनी ख़ामोश
मोहब्बत की जुबान होती हैं.
Khamoshi Shayari Hindi
(17) चलो अब जाने भी दो,
क्या करोगे दास्ताँ सुनकर,
ख़ामोशी तुम समझोगे नहीं,
और बयाँ हम से होगा नहीं.
(18) हर ख़ामोशी का मतलब इन्कार नही होता,
हर नाकामी का मतलब हार नही होता,
तो क्या हुआ अगर हम तुम्हें पा न सके
सिर्फ पाने का मतलब प्यार नहीं होता.
(19) मेरी ख़ामोशी में सन्नाटा भी हैं और शोर भी हैं,
तूने गौर से नहीं देखा, इन आखों में कुछ और भी हैं.
(20) ख़ामोशी को इख़्तियार कर लेना,
अपने दिल को थोड़ा बेकरार कर लेना,
जिन्दगी का असली दर्द लेना हो तो
बस किसी से बेपनाह प्यार कर लेना.
(21) दिल की धड़कने हमेशा कुछ-न-कुछ कहती हैं,
कोई सुने या न सुने ये ख़ामोश नहीं रहती हैं.
(22) जब इंसान अंदर से टूट जाता हैं,
तो अक्सर बाहर से खामोश हो जाता हैं.
(23) जब कोई ख्याल दिल से टकराता हैं,
दिल ना चाह कर भी, ख़ामोश रह जाता हैं,
कोई सब कुछ कहकर प्यार जताता हैं,
कोई कुछ ना कहकर भी, सब बोल जाता हैं.
(24) जब ख़ामोश आखों से बात होती हैं,
ऐसे ही मोहब्बत की शुरूआत होती हैं.
(25) इंसान की अच्छाई पर सब खामोश रहते हैं,
चर्चा अगर उसकी बुराई पर हो तो गूँगे भी बोल पड़ते हैं.
Khamoshi Shayari
(26) ख़ामोश फ़िजा थी कोई साया न था,
इस शहर में मुझसा कोई आया न था,
किसी जुल्म ने छीन ली हमसे हमारी मोहब्बत
हमने तो किसी का दिल दुखाया न था.
(27) कभी ख़ामोश बैठोगे, कभी कुछ गुनगुनाओगे,
हम उतना याद आयेंगे, जितना तुम मुझे भुलाओगे.
(28) मेरी जिंदगी में मेरे दोस्तों ने मुझको खूब हँसाया,
घर की जरूरतों ने मेरे चेहरे पर सिर्फ खामोशी ही लाया।
(29) दोस्त की ख़ामोशी को मैं समझ नहीं पाया,
चेहरे पर मुस्कान रखी और अकेले में आंसू बहाया।
(30) किताबों से ये हुनर सिखा है हमने
सब कुछ छिपाए रखो खुद में मगर ख़ामोशी से !!!
(31) भूल गए हैं लफ्ज़ मेरे लबों का पता जैसे
या फिर खामोशियों ने जहन में पहरा लगा रखा है!
(32) जब से उसकी सच्चाई हमारे पास आई
हमारे होठों को तब से खामोशी पसंद है!
(33) जब से ये अक्ल जवान हो गयी
तब से ख़ामोशी ही हमारी जुबान हो गयी!
(34) खामोशियां तेरी मुझसे बातें करती है
मेरा हर दर्द और हर आह समाजति है
पता है मजबूर है तू और में भी
फ़िर भी आंखें तेरे दीदार को तरस्ती है!
(35) हम उनसे मुहब्बत नहीं बता पाए हल-ए-दिल कभी
और उसे समझ में नहीं आता कि यह चुप्पी क्या है!
खामोशी पर शायरी
(36) दुनिया के लोगों ने हमारे कारनामों का शोर मचाया है
जब भी हमने कुछ किया है, मौन में किया है!
(37) कभी सावन के शोर ने मदहोश किया था मौसम
आज पतझड़ में हर दरख़्त खामोश खड़ा है!
(38) ख़ामोशी छुपाती है ऐब और हुनर दोनों
शख्सियत का अंदाज़ा गुफ्तगू से होता है!
(39) एक उम्र ग़ुज़ारी हैं हमने तुम्हारी ख़ामोशी पढते हुए
एक उम्र गुज़ार देंगे तुम्हें महसूस करते हुए!
(40) तन्हाइयों से परहेज़ कुछ यूँ भी है
की ख़ामोशी में तेरी आवाज़ सुनाई देती है !
(42) मुझे खामोश देखकर तुम इतने हैरान क्यों हो?
कुछ हुआ नहीं है, सिर्फ भरोसा करके धोखा दिया है!
(43) हम लबों से कह न पाये उन से हाल ए दिल कभी
और वो समझे नहीं ये ख़ामोशी क्या चीज़ है!
(44) ख़ामोशी में चाहे जितना बेगाना पन हो
लेकिन इक आहट जानी पहचानी होती है!
(45) हर इल्जाम का हकदार वो हमे बना जाते है
हर खता कि सजा वो हमे सुना जाते है
हम हर बार खामोश रह जाते है
क्योकि वो अपना होने का हक जता जाते है!
Shayari on Khamoshi
(46) ख़ामोशी का राज़ खोलना भी सीखो
आँखों की ज़बाँ से बोलना भी सीखो!
(47) वो अब हर एक बात का मतलब पूछता है मुझसे फ़राज़
कभी जो मेरी ख़ामोशी की तफ्सील लिखा करता था!
(48) हमारी मोहब्बत जरूर अधूरी रह गयी होगी पिछले जन्म मे
वरना इस जन्म की तेरी ख़ामोशी मुझे इतना बेचैन न करती!
(49) हजारों जवाब से अच्छी मेरी खामोशी
न जाने कितने सवालों की आबरू रख ली।
(50) हजारों जवाब से अच्छी मेरी खामोशी
न जाने कितने सवालों की आबरू रख ली।
(51) हजारों जवाब से अच्छी मेरी खामोशी
न जाने कितने सवालों की आबरू रख ली।
(52) इश्क़ के चर्चे भले ही सारी दुनिया में
होते होंगे पर दिल तो ख़ामोशी से ही टूटते हैं!
(53) खामोशी बयां कर देती है सब कुछ
जब दिल का रिश्ता जुड़ जाता है किसी से!
(54) तूफान से पहले की खामोशी की तरह
मिरी बस्ती में आज है ऐसा सन्नाटा!
(55) हम एक लंबी चुप्पी से गुजरे हैं
किसी से कुछ कहने की कोशिश !!
Khamoshi Shayari in Hindi
(56) चुप्पी के तहत भ्रम छुपाएं
क्योंकि शोर कभी भी मुश्किलों को कम नहीं करता !!
(57) हम ख़ामोशी से देते हैं ख़ामोशी का जवाब
कौन कहता हैं अब हम बात नहीं करते!
(58) बड़ी ख़ामोशी से गुज़र जाते हैं
हम एक दूसरे के करीब से
फिर भी दिलों का शोर सुनाई दे ही जाता है!
(59) चेहरा पढ़ोगे तो जान जाओगे
मौन का क्या अर्थ है?
(60) चुप रहो, यह अलग बात है कुछ दर्द ऐसे होते हैं
जिन्हें शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता।
(61) जब से ग़मों ने मेरी जिंदगी में
अपनी दुनिया बसाई है
दो ही साथी बचे हैं अपने
एक ख़ामोशी और दूसरी तन्हाई है!
(62) हकीकत में खामोशी कभी भी चुप नहीं रहती
कभी तुम ग़ौर से सुनना बहुत किस्से सुनाती है
(63) सारी दुनिया के रूठ जाने से मुझे कोई फर्क नहीं
बस एक तेरा खामोश रहना मुझे तकलीफ देता है !
(64) दर्द हद से ज्यादा हो तो आवाज छीन लेती है
ऐ दोस्त कोई खामोशी बेवजह नहीं होती है !
(65) खामोशियां तेरी मुझसे बातें करती है,
मेरा हर दर्द और हर आह समझती है !
(66) खामोश बैठे हैं तो लोग कहते हैं उदासी अच्छी नहीं
और ज़रा सा हंस लें तो लोग मुस्कुराने की वजह पूछ लेते हैं !
(67) मोहब्बतें मे नुमाइश की जरूरत नहीं होती
ये तो वो जज्बा है जिसमे खामोशी भी गुनगुनाती है !
(68) मेरे चुप रहने से नाराज ना हुआ करो
गहरा समंदर हमेशा खामोश होता है !
(69) जज्बात कहते हैं, खामोशी से बसर हो जाएँ,
दर्द की ज़िद हैं कि दुनिया को खबर हो जाएँ.
(70) खामोशियाँ वही रही ता-उम्र दरमियाँ,
बस वक़्त के सितम और हसीन होते गए।
यह भी पढ़ें:-
राधा कृष्ण शायरी
माँ के लिए शायरी
Shayari On Khubsurti
परिवार पर बेहतरीन शायरी
पापा पर शायरी
आपको यह खामोशी पर शायरी पोस्ट कैसी लगी अपने Comments के माध्यम से ज़रूर बताइयेगा। इसे अपने Facebook दोस्तों के साथ Share जरुर करे।