Khubsurti Ki Tareef Shayari in Hindi – इस पोस्ट में कुछ बेहतरीन खूबसूरती पर शायरी का संग्रह दिया गया हैं. यहाँ पर दिए गए सभी Shayari On Khubsurti पर बहुत ही लोकप्रिय हैं. एवं यह सभी Tareef Shayari in Hindi को हमारे लोकप्रिय शायरों द्वारा लिखी गई हैं.
ईश्वर और प्राकृतिक ने जो भी कुछ इस दुनिया में बनाया हैं. उनमे कुछ अच्छाई तो कुछ बुराई भी होती हैं. जब हमें किसी की कुछ अच्छाई हमारे मन को भाती हैं. तब हमें उसके प्रति आकर्षित होते हैं. एवं हमें एक खुशी की अनुभूति होती हैं. और हम उसके तारीफ में कुछ कहना चाहते हैं. जिससे उसके प्रति हमें अपनेपन का अनुभव हो. इसी तारीफ को आधार मानकर हमारे लोकप्रिय शायरों ने शायरी लिखी हैं. जिससे किसी की तारीफ में पढ़कर उसके प्रति अपने मन की बात को बता सकें. और उसे आकर्षित भी कर सकें.
अब आइए यहाँ पर कुछ नीचे Khubsurti Ki Tareef Shayari in Hindi को पढ़ते हैं. हमें उम्मीद हैं. की यह सभी Shayari On Khubsurti आपको पसंद आएगी. इस Tareef Shayari in Hindi को अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें.
Khubsurti Ki Tareef Shayari in Hindi, Shayari On Khubsurti
(1) मिल जाएँगे हमारी भी तारीफ़” करने वाले.
कोई हमारी मौत की “अफ़वाह” तो फैलाओ यारों
(2) क्या लिखूँ तेरी सूरत – ए – तारीफ मेँ, मेरे हमदम
अल्फाज खत्म हो गये हैँ, तेरी अदाएँ देख-देख के
(3) ये इश्क़ बनाने वाले की मैं तारीफ करता हूं
मौत भी हो जाती है और क़ातिल भी पकड़ा नही जाता
(4) ये सोचकर रोक लेता हूँ कलम को,
तेरी तारीफ लिखते लिखते,
की कहीं इन लफ़्ज़ों को सबसे बेहतरीन ..
होने का गुमान ना हो जाये
(5) ख्वाहिश ये बेशक नही कि “तारीफ” हर कोई करे
मगर “कोशिश” ये जरूर है कि कोई बुरा ना कहे.
Khubsurti Pe Shayari
(6) हिजर में कैफ-ऐ-इज़्तेराब न पूछ
खून -ऐ -दिल भी शराब होना था
(7) एक लाइन में क्या तेरी तारीफ़ लिखू
पानी भी जो देखे तुझे तो प्यासा हो जाये
(8) सभी तारीफ करते हैं,
मेरी शायरी की लेकिन
कभी कोई सुनता नहीं,
मेरे अल्फाज़ो की सिसकियाँ.
(9) उनकी तारीफ़ क्या पूछते हो उम्र सारी गुनाहों में गुजरी
अब शरीफ बन रहे है वो ऐसे जैसे गंगा नहाये हुए है
(10) सोचता हु हर शायरी पे तेरी तारीफ करु
फिर खयाल आया कहीँ पढ़ने वाला भी तेरा दीवाना ना हो जाए।
Tareef Shayari in Two Lines
(11) तेरा हुस्न जब से मेरी आँखों में समाया है,
मेरी पलकों पे एक सुरूर सा छाया है,
(12) मेरे चेहरे को हसीन नूर देने वाले,
ये तेरे दीदार के लम्हों का सरमाया है!
(13) तेरी तारीफ मेरी शायरी में जब हो जाएगी
चाँद की भी कदर कम हो जाएगी
(14) उसने तारीफ़ ही कुछ इस अंदाज से की मेरी,
अपनी ही तस्वीर को सौ दफ़े देखा मैंने!
(15) खुशबु आ रही है कहीं से ताज़े गुलाब की..
शायद खिड़की खुली रह गई होगी उनके मकान की..
Tareef Shayari in Hindi
(16) धीरे से सरकती है रात,
उसके आँचल की तरह,
उसका चेहरा नजर आता है,
झील में खिले कमल की तरह।
(17) बिखर जाती है खुशबु सी,किसी की याद आते ही,
ना जाने कोन सावन बिन मौसम बरसता हैं ।
(18) अभी इस तरफ ना निगाहें कर,
मैं गज़ल की पलकें संवार लू,
मेरा लफ्ज लफ्ज हो आईना ,
तुझे आईने में उतार लू ।
(19) नींद से क्या शिकवा जो आती नही रात भर,
कसूर तो उस चहरे का है जो सोने नही देता।
(20) हम तो फना हो गए उनकी आँखें देख कर ग़ालिब,
ना जाने वो आईना कैसे देखते होंगे ।
Shayari On Khubsurti
(21) पता है क्यो हर शाम ,
चाँद आधा आता हैं ,
क्योंकि वो भी तेरी खूबसूरती को देख कर शर्माता हैं ।
(22) इस डर से कभी गौर से देखा नहीं तुझको,
कहते हैं कि लग जाती है अपनों की नज़र भी।
(23) तेरी आँखों के जादू से तू खुद नही हैं वाकिफ,
ये उसे भी जीना सीखा देता जिसे मरने का शौक हो ।
(24) तेरी तारीफ मेरी शायरी में जब हो जाएगी
चाँद की भी कदर कम हो जाएगी
(25) अल्फ़ाज नये है बात वही पुरानी है,
उनकी तारीफों में चल पड़ी कलम हमारी है.
Khubsurti Ki Tareef Shayari in Hindi
(26) ऐसी कोई तारीफ ही नहीं है,
जो तुम्हारी तारीफ कर सके.
(27) सुना है लोग उसे आँख भर कर देखते है,
तो उसके शहर में कुछ दिन ठहर कर देखते है.
(28) हसीं तो और हैं लेकिन कोई कहाँ तुझ सा
जो दिल जलाए बहुत फिर भी दिलरुबा ही लगे
बशीर बद्र
(29) उसने महबूब की तारीफ कुछ इस कदर की,
रात भर आसमान में चाँद भी दिखाई न दी.
(30) क्या लिखूं तेरी तारीफ-ए-सूरत में यार,
अलफ़ाज़ कम पड़ रहे हैं तेरी मासूमियत देखकर।
(31) हम पर यूँ बार बार इश्क का इल्जाम न लगाया कर,
कभी खुद से भी पूंछा है इतनी खूबसूरत क्यों हो
(32) गिरता जाता है चहरे से नकाब अहिस्ता-अहिस्ता,
निकलता आ रहा है आफ़ताब अहिस्ता-अहिस्ता।
(33) कौन कहता है कि आपकी तस्वीर बात नहीं करती…!!!
हर सवाल का जवाब देती है बस आवाज़ नहीं करती…!!
(34) आसमां में खलबली है सब यही पूछ रहे हैं,
कौन फिरता है ज़मीं पे चाँद सा चेहरा लिए।
(35) मुझे भी अब नींद की तलब नहीं रही अब रातों को जागना अच्छा लगता है…..
(36) इश्क़ के फूल खिलते है तेरी ख़ूबसूरत आँखों में,
जहाँ देखे तू एक नजर वहाँ खुशबू बिखर जाएँ.
(37) अल्फ़ाज नये है बात वही पुरानी है,
उनकी तारीफों में चल पड़ी कलम हमारी है.
(38) मैं इतनी अच्छी भी नहीं
जितनी तुम तारीफ कर जाते हो,
कही किसी और के हिस्से की
तारीफ चुरा के तो नहीं लाते हो.
(39) तेरी तारीफ में ये जुबान कभी थकती नहीं,
तेरी नजरों से ये नजरें अब हटती नहीं.
(40) तेरी खूबसूरती की तारीफ़ में क्या लिखूं,
कुछ खूबसूरत शब्दों की अभी तलाश है मुझे.
(41) दिल से कुछ लिखना चाहते हैं उनकी तारीफ में,
मगर लफ़्ज हैं कि फीके पड़ जाते हैं आज की तारीख में.
(42) मत मुस्कुराओ इतना,
कि फूलों को खबर लग जाए,
कि करे वो तुम्हारी तारीफ
और तुम्हें नजर लग जाएँ.
(43) खुशबू आ रही है कहीं से ताजे गुलाब की,
शायद खिड़की खुली रह गई होगी उनके मकान की.
(44) बड़ी फुर्सत से बनाया है तेरे खुदा ने तुझे,
वरना सूरत तेरी इस कदर ना चाँद से मिलती.
(45) चाँद की चमक भी फीकी लगती हैं,
तू परियों से ज्यादा खूबसूरत दिखती है.
(46) वो घर से बन संवर कर, जब कभी निकलते है
उनसे रौशनी लेकर सौ चिराग जलते है.
(47) मेरी निगाहें बार-बार आकर रुक जाती है,
उसके हुस्न-ए-दीदार से ना जाने क्यों ये थम जाती है.
(48) तुम्हारी आँखों की तौहीन है ज़रा सोचो
तुम्हारा चाहने वाला शराब पीता है
(49) तेरे हुस्न को किसी परदे की जरूरत ही क्या है,
कौन रहता है होश में… तुझे देखने के बाद.
(50) यूँ न निकला करों आज कल रात को,
चाँद छुप जाएगा देख कर आप को.
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