Mausam Shayari – इस पोस्ट में आपको कुछ बेहतरीन Mausam Shayari in Hindi का संग्रह दिया गया हैं. प्रकृतिक ने हमें कई प्रकार के मौसम उपहार स्वरूप दिए हैं. और सभी मौसम का एक अपना ही मजा होता हैं. बहुत सारे लोगों को वर्षा का मौसम पसंद आता हैं. तो कुछ लोगों को गर्मी का मौसम अच्छा लगता हैं. तो कुछ लोगों को जाड़े का मौसम पसंद आता हैं.
अब आइए यहाँ पर कुछ रोमांटिक मौसम शायरी दिए गए हैं. इसे पढ़ते हैं. हमें उम्मीद हैं. की यह सभी मौसम शायरी हिंदी में आपको पसंद आएगी. इसे अपने फ्रेंड्स के साथ भी शेयर करें.
मौसम शायरी, Mausam Shayari in Hindi
(1) वो लोग मेरे बहुत प्यार करने वाले थे
गुज़र गए हैं जो मौसम गुज़रने वाले थे
जमाल एहसानी
(2) आती जाती है जा-ब-जा बदली
साक़िया जल्द आ हवा बदली
इमाम बख़्श नासिख़
(3) बैठे बैठे फेंक दिया है आतिश-दान में क्या क्या कुछ
मौसम इतना सर्द नहीं था जितनी आग जला ली है
ज़ुल्फ़िक़ार आदिल
(4) बिखरी ज़ुल्फ़ों ने सिखाई मौसमों को शाइ’री
झुकती आँखों ने बताया मय-कशी क्या चीज़ है
निदा फ़ाज़ली
(5) जैसा मूड हो वैसा मंज़र होता है
मौसम तो इंसान के अंदर होता है
अज़ीज़ एजाज़
(6) मेरे पास से उठ कर वो उस का जाना
सारी कैफ़िय्यत है गुज़रते मौसम सी
ज़ेब ग़ौरी
(7) सर्दी में दिन सर्द मिला
हर मौसम बेदर्द मिला
मोहम्मद अल्वी
(8) दूर तक छाए थे बादल और कहीं साया न था
इस तरह बरसात का मौसम कभी आया न था
क़तील शिफ़ाई
(9) जो उन मासूम आँखों ने दिए थे
वो धोके आज तक मैं खा रहा हूँ
फ़िराक़ गोरखपुरी
(10) तुम्हारे शहर का मौसम बड़ा सुहाना लगे
मैं एक शाम चुरा लूँ अगर बुरा न लगे
क़ैसर-उल जाफ़री
मौसम शायरी हिंदी
(11) मैं आख़िर कौन सा मौसम तुम्हारे नाम कर देता
यहाँ हर एक मौसम को गुज़र जाने की जल्दी थी
– राहत इंदौरी
(12) सुर्ख़ मौसम की कहानी तो पुरानी हो गई
खुल गया मौसम तो सारे शहर में चर्चा हुआ
– पी पी श्रीवास्तव रिंद
(13) तुम्हारे साथ ये मौसम फ़रिश्तों जैसा है
तुम्हारे बा’द ये मौसम बहुत सताएगा
– बशीर बद्र
(14) मिरी धूप में आने से पहले
कभी देखे थे मौसम ऐसे
– सरवत हुसैन
(15) पेड़ यहाँ कुछ सदा-बहार भी होते हैं
मौसम मौसम तुम भी फूला-फला करो
– क़तील शिफ़ाई
(16) मिरे मिज़ाज का मौसम अजीब मौसम है
कि जिस के ग़म ने भी हस्ती को रौनक़ें दी हैं
– फ़रहत अब्बास
(17) मौसम मौसम फैल रही है ख़ुश्बू
दूर से तुझ को आता देख रहा हूँ
– कुमार पाशी
(18) तुम्हारे साथ ये मौसम फ़रिश्तों जैसा है
तुम्हारे बाद ये मौसम बहुत सताएगा।
(19) मुझे मौसम का नहीं,
तेरे बदल जाने का डर है।
(20) मौसम मौसम फैल रही है ख़ुश्बू
दूर से तुझ को आता देख रहा हूँ।
सुहाना मौसम शायरी
(21) तुम्हारे शहर का मौसम बड़ा सुहाना लगे
मैं एक शाम चुरा लूँ अगर बुरा न लगे।
(22) मिरी धूप में आने से पहले
कभी देखे थे मौसम ऐसे।
(23) कम से कम अपनी जुल्फे तो बाँध लिया करो।
कमबख्त. बेवजह मौसम बदल दिया करते हैं।।
(24) सुहाने मौसम में दिल भी कहीं भटक जाता है
उस गली में ही कहि फिर से दिल अटक जाता है
(25) जब तुम यूँ मुस्कुराते हुए आते हो,
तो संग मौसम बाहर का लाते हो.
(26) कोई मुझ से पूछ बैठा ‘बदलना’ किस को कहते हैं?
सोच में पड़ गया हूँ मिसाल किस की दूँ? “मौसम” की या “अपनों” की!
(27) तपिश और बढ़ गई इन चंद बूंदों के बाद,
काले स्याह बादल ने भी बस यूँ ही बहलाया मुझे।
(28) रुका हुआ है अज़ब धुप छाँव का मौसम,
गुज़र रहा है कोई दिल से बादलों की तरह..!!
(29) जो आना चाहो हज़ारों रास्ते
न आना चाहो तो हज़ारों बहाने।
मिज़ाज-ऐ-बरहम , मुश्किल रास्ता
बरसती बारिश और ख़राब मौसम।।
(30) मौसम का मिजाज समझ में नही आता है,
यह भी इंसानों की तरह बेवफा हो जाता है.
रोमांटिक मौसम शायरी
(31) अपने किरदार को मौसम से बचाए रखना !
लौट कर फूलों में वापस नहीं आती खुशबू.”
(32) बरसती बारिशों से बस इतना ही कहना है
के इस तरह का मौसम मेरे अंदर भी रहता है
(33) तुम्हारे शहर का मौसम बड़ा सुहाना लगे।
मैं शाम चुरा लूँ अगर बुरा न लगे।।
(34) सुहाने मौसम से मैं आज भी डरता हूँ,
उसे भूलने की कोशिश आज भी करता हूँ.
(35) जैसा मूड़ हो वैसा मंजर होता है..
मौसम तो इंसान के अंदर होता है…
(36) आ देख मेरी आँखों के, ये भीगे हुए मौसम,
ये किसने कह दिया कि तुम्हें भूल गये हम.
(37) टूटे दिल से मत पूछों कौन-सा मौसम अच्छा लगता है,
जब वो साथ होता है तो हर मौसम अच्छा लगता है.
(38) तुम मौसम की तरह बदल रही हो,,
मैं फसल की तरह बरबाद हो रहा हूँ..!!
(39) कुछ आपका अंदाज है कुछ मौसम रंगीन है,
तारीफ करूँ या चुप रहूँ, जुर्म दोनो संगीन है।।
(40) हँसाना नहीं बस रुलाना जानता है
ये मौसम भी ना बस औरों को फसाना जानता है।
Mausam Shayari in Hindi
(41) दूर तक छाए थे बादल और कहीं साया न था,
इस तरह बरसात का मौसम कभी आया न था.
(42) मौसम की मिसाल दूँ या तुम्हारी
कोई पूछ बैठा है बदलना किसको कहते हैं।।
(43) हर किसी के जीवन में एक ऐसा वक़्त आता है,
जिसे दिल से चाहों वो मौसम की तरह बदल जाता है.
(44) महबूब के बिना हर मौसम उदास सा लगता है,
महबूब हो पास तो हर मौसम ख़ास सा लगता है.
(45) शहर देखकर ही अब हवा चला करती है।
अब इंसान की तरह होशियार मौसम होते हैं।।
(46) छु कर निकलती है जो हवाएँ तेरे चेहरे को,
सारे शहर का मौसम गुलाबी हो जाता है।।
(47) दिल खुश हो जाता था जिसके मुस्कुराने से,
ये मौसम बेरंग हो गया है उसके छोड़ जाने से.
(48) बरसात के मौसम में खुद को भिगा दें,
दिल बहुत रोया है, आखों को भी रूला दें.
(49) हँसाना नहीं बस रुलाना जनता है
हाय ये गर्मी का मौसम बस … जलाना जानता है
(50) किसने जाना है बदलते हुए मौसम का मिज़ाज।
उसको चाहो तो समझ पाओगे फ़ितरत उसकी।।
(51) अच्छा सुनो तुम अपना जरा ध्यान रखना,
अभी मौसम बीमारी का भी हैं और इश्क का भी।।
(52) ये मौसम कहीं गुजर ना जाए,
तूझे जी भर के देख लू बरसात से पहले…!
(53) मौसम बाहर का आए तो दिल दुखता है,
काश वो समंझ पाते इस दूरी के एहसास को…!
(54) अजीब ही था वो सक्स,
बरसात की तरह आया,
और मौसम की तरह छा गया…!
(55) इस बारिश में ऐसा काम कर जायेंगे,
अपना सबकुछ मौसम के नाम कर जायेंगे…!
(56) उजड़ जाति हैं बस्तियां,
मौसम जरा सा खराब होने पर…!
(57) भीगना मुझे भी पसंद है,
अगर बारिश का कोई मौसम हो…!
(58) जब आसमान पर घाटा काली नजर आती है,
तो पेड़ो के पत्तो पर हरियाली नजर आती है…!
(59) तेरे प्यार की जरूरत है मुझे,
ये मौसम मुझे तेरी ओर खींचता है…!
(60) ये बारिश का मौसम जब जब आता है,
अपने साथ सुहाने पल भी लाता है
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