Mehnat Poem In Hindi – दोस्तों इस पोस्ट में कुछ मेहनत पर कविता का संग्रह दिया गया हैं. हमें उम्मीद हैं की यह सभी कविता आपको पसंद आएगी. इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें.
मेहनत पर कविता, Mehnat Poem In Hindi
1. मेहनत पर कविता
हाथों की ये लकीरें
तू बदल दे धीरे-धीरे,
मेहनत से ही है निकलें
धरती से चमकते हीरे।
बहुत हो गया अब तो
कोई राह बनानी होगी
इस जग को तुझे भी अपनी
आवाज सुनानी होगी,
बस तोड़ दे अब तू सारी
मजबूरी की जंजीरें
मेहनत से ही है निकलें
धरती से चमकते हीरे।
जो तंज कसे ये दुनिया
तो बहरे तुम बन जाओ
बस लक्ष्य के ही तुम अपने
अब गीत सुरीले गाओ,
बदल दो अमृत में तुम
लोगों के बोल जहरीले
मेहनत से ही है निकलें
धरती से चमकते हीरे।
कहीं बरसते बादल होंगे
कहीं धुप कड़कती होगी
पर फिर भी तेरे सीने में
उम्मीद धड़कती होगी,
फूलों से लगने लगेंगे
फिर पथ भी ये पथरीले
मेहनत से ही है निकलें
धरती से चमकते हीरे।
थोड़ी से थकावट होगी
थोड़ी होगी परेशानी
तब ही तो जाकर बनेगी
तेरी भी एक कहानी,
मत छोड़ हौसला तू रे
बदलेंगी ये तस्वीरें
मेहनत से ही है निकलें
धरती से चमकते हीरे।
हाथों की ये लकीरें
तू बदल दे धीरे-धीरे,
मेहनत से ही है निकलें
धरती से चमकते हीरे।
2. Mehnat Poem In Hindi
कड़ी मेहनत जब कर पाओगे,
जिंदगी में सफल तब बन पाओगे,
आलस से ना बनता काम,
ना बन पायेगा दुनियां में नाम,
जब किसान हल चलाता है,
तभी तो अनाज उग पाता है,
चिया जब जोड़े तिनका तिनका,
तभी तो घर बन पाता है उसका,
जो परिश्रम कर पाता है,
वही जग में जाना जाता है,
जन्म से ना कोई होता महान,
मेहनत करे वो पाता है नाम,
जो ना करे मेहनत कोई,
किस्मत सदा रहे उसकी सोई,
मेहनत ना करो बन जाओगे फ़कीर,
मेहनत से बनती है किस्मत की लकीर,
जब_जब मेहनत रंग लाती,
सोई किस्मत भी जग ज्याती,
जिसके पास मेहनत का हतियार,
सफलता मिले उसे बार_बार।
3. तन को आलसी ना बनाओ
तन को आलसी ना बनाओ,
तन से तुम मेहनत करवाओ,
जिसे तन में ताकत आए,
कठीन काम भी सरल हो जाए,
जब भी करो तुम कोई काम,
हर दम करो उसका समान,
जो काम में आलस करता है,
उसका फल नहीं मिलता है,
मेहनत अपना साथी बनाओ,
मुश्किल काम भी तुम कर पाओ,
मेहनत से हो डर जाए,
भविष्य उसका बिघड़ जाए,
प्रत्येक दिन करो वो काम,
जो लिखा वो लक्ष्य के नाम,
लक्ष्य के लिए अगर मेहनत करते हो,
उसका फल अवश्य पाते हो,
सारे संकट मिट जायेंगे,
भाग्य तुम्हारे निखर जायेंगे,
मेहनत का धन जिसके पास,
दुनिया में वही है खास।
4. बड़ी चीज़ करनी हो हासिल
बड़ी चीज़ करनी हो हासिल,
वक्त तो लग ही जायेगा,
कर कठिन परिश्रम तू,
मेहनत का फल तू पायेगा,
करो भविष्य की अभी से चिंता,
जीवन में सुख आयेगा,
मेहनत से ना कभी डरो तुम,
जो चाहा मिल जायेगा,
आज अगर ना करे मेहनत तू,
कल जरूर पछतायेगा,
अंधेरे से ना दर्द कभी तू,
नया सवेरा भी आयेगा,
लक्ष्य को हसिल करेगा जब तू
बड़ा सुकुन तब तू पायेगा,
ना होगी कभी चिंता,
मेहनत तू अगर आज करेगा,
जब खोदेगा मिट्टी को तू,
उस में शीतल जल मिलेगा,
कर कठिन परिश्रम तू,
मेहनत का फल तू पायेगा।
5. रख खुदपर भरोसा तू
रख खुदपर भरोसा तू,
मंज़िल तुझे गले लगायेगी
कर कठिन परिश्रम तू,
मेहनत तेरी रंग लायेगी,
सोच तुझे जीवन में क्या करना,
तभी लक्ष्य को तय कर पायेगा,
काम कर लक्ष्य को पाने,
तभी लक्ष्य को हासिल कर पायेगा,
कर दिलों जान से मेहनत तू,
कठीन समय बीत जायेगा,
कर निरंतक परिश्रम तू,
जो खोया है वो पायेगा,
तप तू परिश्रम के अग्नि में,
तभी खरा सोना बन पायेगा,
चला नाव समंदर के लहरों पर,
तभी नाविक कह लायेगा,
जब होगी मेहनत कठोर,
तकदीर तेरी निखर जायेगी,
कर कठिन परिश्रम तू,
मेहनत तेरी रंग लायेगी।
6. लक्ष्य की तरफ जब तू भागेगा
लक्ष्य की तरफ जब तू भागेगा,
असफलता भी पायेगा,
उठकर तू खड़ा हो फिर से,
मेहनत कर हल निकलेगा,
मुश्किलें हजारों भी आयेगी,
हिम्मत भी टूट जायेगी,
अंधेरे को जब पार करेगा तू,
नई उम्मीद की किरण नज़र आयेगी,
ख़ुद की राहों पे तू जब चलेगा,
खुदको तू तनहा पायेगा,
हिम्मत रख चल अपनी राहों पर,
मंज़िल अपनी तू तब पायेगा,
वक्त की तू जब कद्र करेगा,
वक्त के तू जब साथ चलेगा,
सही समय पर जो करता अपना काम,
जो चाहा है सब पायेगा,
कठीन परिश्रम तू जब कर पायेगा,
लक्ष्य को हासिल कर पायेगा,
हौसले को तू न खोने देना,
मेहनत कर हल निकलेगा।
7. खोदेगा जब मिट्टी तू
खोदेगा जब मिट्टी तू,
धरती से तब जल मिलता है,
थक हार कर क्यों बैठा तू,
मेहनत से सब मिलता है,
चीटिया जब ढूंढे जब खाना,
तभी उनको भोजन मिलता है,
पक्षी जब जोड़े तिनका,
तभी उनको आशियाना मिलता है,
मधुमक्खी जब ढूंढे फूलों को,
तभी मीठा शहद बनता है,
किसान जब करे मेहनत,
तभी तो हमें अनाज मिलता है,
शेर जब करे शिकार,
तभी उसको भोजन मिलता है,
हिरण जब बचाए आपनी जान,
तभी उसे जीवन दान मिलता है,
तिनका तिनका जोड़ कर,
तभी विशाल वृक्ष बनता है,
थक हार कर क्यों बैठा तू,
मेहनत से सब मिलता है।
8. आलस को तू छोड़ अभी
आलस को तू छोड़ अभी,
मेहनत का तू हाथ पकड़,
झुक जायेगी दुनियां ये भी,
मेहनत से तू आगे बड़,
हर दिन कर निच्छय मन का,
वक्त को ना व्यर्थ गवा,
लक्ष्य को तू रख सामने,
मेहनत ही है सफलता की दवा,
बैठे गा अगर हाथ पर हाथ रखें,
कुछ हासिल ना कर पाएगा,
मेहनत ही ना कर पाएगा तो,
मिट्टी में मिल जाएगा,
बातें ना कर तू बड़ी_बड़ी
सोच विचार कर तू लक्ष्य बना,
लक्ष्य को करने हासिल,
मेहनत से तू अपनी राह बना,
बन जाए तू कितना भी बड़ा
पैसे का ना कर घमंड,
आलस को तू छोड़ अभी,
मेहनत का तू हाथ पकड़।
9. लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती
लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।
नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है,
चढ़ती दीवारों पर, सौ बार फिसलती है।
मन का विश्वास रगों में साहस भरता है,
चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना न अखरता है।
आख़िर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।
डुबकियां सिंधु में गोताखोर लगाता है,
जा जा कर खाली हाथ लौटकर आता है।
मिलते नहीं सहज ही मोती गहरे पानी में,
बढ़ता दुगना उत्साह इसी हैरानी में।
मुट्ठी उसकी खाली हर बार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।
असफलता एक चुनौती है, इसे स्वीकार करो,
क्या कमी रह गई, देखो और सुधार करो।
जब तक न सफल हो, नींद चैन को त्यागो तुम,
संघर्ष का मैदान छोड़ कर मत भागो तुम।
कुछ किये बिना ही जय जय कार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।
– हरिवंश राय ‘बच्चन
10. मेहनत करो आज तुम
मेहनत करो आज तुम
कल मीठा फल मिलेगा
दुःख होंगे जरूर आज
पर कल खुशियाँ भी होंगी |
गरीब हो अगर आज तुम
कल अमीर बन जाओगे
आज अगर मेहनत कर
समय के साथ कदम बढ़ाओ|
प्यासे हो अगर तुम तो
न कोई तुम्हे पानी पिलाएगा
भूखे हो अगर तुम तो
न कोई तुम्हे खाना खिलाएगा |
जो करना बस तुम्हे
अपने दम्पर करना है
आगे बढ़ना है तो
कठिन परिश्रम करना है|
अपने लक्ष्य को पहचान कर
लक्ष्य की ओर कदम बढ़ाओ
मेहनत करते रहो दिन – रात
हिम्मत न कभी हारो |
अपनी मंजिल तक एक दिन तुम
अपनी मेहनत के दमपर पहुँचोगे
खुशियाँ ही खुशियाँ होंगी तब
ओर तुम मेहनत का उदाहरण बन जाओगे|
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