One Word Substitution in Hindi – इस पोस्ट में 500 से ज्यादा अनेक शब्दों के लिए एक शब्द दिए गए हैं. स्कूलों में भी बच्चों को Anek Shabdon Ke Liye Ek Shabd लिखने को कहा जाता हैं. यह पोस्ट उनलोगों के लिए काफी सहायक होगी जो स्कूलों में पढ़ते हैं. या किसी प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी करते हैं.
कम शब्दों में अपने भाव और विचार को अभिव्यक्त करना एक अच्छे वक्ता का गुण होता हैं. इसलिए ऐसे शब्दों का ज्ञान होना जरुरी होता हैं. जो एक शब्द पुरे एक शब्द समूह यानी वाक्यांशों का अर्थ देता हो. जैसे – जिसका अंत न हो. इसको एक शब्द में “अन्नंत” कह सकते हैं. इस तरह की शब्दों की रचना उपसर्ग – प्रत्यय एवं समास की मदद से की जाती हैं.
अब आइए One Word Substitution in Hindi को पढ़ते हैं. हमें उम्मीद हैं. की यह सभी Anek Shabdon Ke Liye Ek Shabd in Hindi में पसंद आयगी. इस अनेक शब्दों के लिए एक शब्द पोस्ट को अपने फ्रेंड्स के साथ भी शेयर करें.
अनेक शब्दों के लिए एक शब्द, One Word Substitution in Hindi
(1) – जिसके दर्शन प्रिय माने जाएँ – प्रियदर्शन
(2) – जिसकी इच्छा न की जाती हो – अनभिलषित
(3) – जिसके अंग–प्रत्यंग गल गए हों – गलितांग
(4) – जो प्रकाशयुक्त हो – भास्वर
(5) – जो बहुत छोटा न हो – नातिलघु
(6) – जो पुरुषत्वहीन हो जिसकी राह गलत हो – गुमराह
(7) – जो विश्वभर का भरण–पोषण करे – क्लीव
(8) – जिसकी परीक्षा ली जा चुकी हो – विश्वंभर
(9) – जिसका भाग्य बड़ा हो – परीक्षित
(10) – जिसकी सृष्टि की गई हो – बड़भागी
(11) – जिसे जीवन से विराग हो गया हो – वीतरागी
(12) – जिसे एक ही सन्तान होकर रह जाय – काकबन्ध्या
(13) – जिसका यौवन क्षत नहीं हुआ – अक्षत यौवन
(14) – जिसका आशय महान् हो – महाशय
(15) – जिस नारी की बोली कठोर हो – कर्कशा
(16) – जिसके नाखून सूप के समान हो – शूर्पणखा
(17) – जिसके द्वारा चित्र बनाया जाय – तूलिका
(18) – जिसपर चित्र बनाया जाय – चित्रपट
(19) – जिसके आधार पर रास्ता आनंदपूर्ण हो – संबल
(20) – जिसको पूर्व जन्म की बातें याद हैं – जातिस्मर
(21) – जहाँ घोड़े बाँधे जाते हैं – घुड़साल
(22) – जहाँ रुपये ढाले जाते हैं – टकसाल
(23) – जहाँ किताबें छपती हैं – छापाखाना
(24) – जल में रहनेवाली सेना – नौसेना
(25) – जहाँ से गंगा निकली – गंगोत्री
(26) – जवाहर बेचने/परखने वाला – जौहरी
(27) – छोटी चीज को बड़ी दिखानेवाला यंत्र – खुर्दबीन
(28) – स्थिर रहनेवाली वस्तु – स्थावर
(29) – घास खानेवाला – तृणभोजी
(30) – गणपति का उपासक – गाणपत्य
(31) – किसी काम में दखल देना – हस्तक्षेप
(32) – काला पानी की सजा पाया कैदी – दामुल कैदी
(33) – कुएँ के मेढ़क के समान संकीर्ण बुद्धिवाला – कूपमंडुक
(34) – कलम की कमाई खानेवाला – मसिजीवी
(35) – ईश्वर द्वारा भेजा गया दूत – पैगम्बर
(36) – इस्लाम पर विश्वास न करनेवाला – काफिर
(37) – पुत्री का पुत्र – दौहित्र/नाती
(38) – अमावस्या की रात – कुहू
(39) – पूर्णिमा की रात – राका
(40) – जिसके सभी दाँत झड़ चुके हों – पोपला
(41) – सोना, चाँदी पर किया गया रंगीन काम – मीनाकारी
(42) – जो प्रायः कहा जाता है – प्रायोवाद
(43) – जिसके सिर पर बाल न हो – खल्वाट
(44) – द्वीप में जनमा – द्वैपायन
(45) – अधिक रोएँ वाला – लोमश
(46) – केवल वर्षा पर निर्भर – बारानी
(47) – बेरों के जंगल में जनमा – बादगयण
(48) – अस्तित्वहीन वस्तु का विश्लेषण – काकदन्तपरीक्षण
(49) – जिसे मन पवित्र मानता है – मनःपूत
(50) – जो सम नहीं है, उसे सम करना – समीकरण
(51) – पृथ्वी को धारण करनेवाला – महीधर
(52) – वर्षा के जल से पालित। – देवमातृक
(53) – जिसके दोनों ओर जल है – दोआव
(54) – जिसका घर्षण कठिनता से हो – दुर्घर्ष
(55) – लम्बी भुजाओं वाला – दीर्घबाहु
(56) – जो विषय विचार में आ जाय – विचारागम्य
(57) – पर्दे में रहनेवाली नारी – पर्दानशीं
(58) – किसी के पास रखी हुई दूसरे की सम्पत्ति – थाती/न्यास
(59) – पके हुए अन्न की भिक्षा – मधुकरी
(60) – हाथ की सफाई – हस्तलाघव
(61) – जिस समय मुश्किल से भिक्षा भी मिले – दुर्भिक्ष
(62) – जिसकी पत्नी साथ नहीं हो – विपत्नीक
(63) – रोंगटे खड़े करनेवाला – लोमहर्षक
(64) – बहुत सी भाषाओं को जाननेवाला – बहुभाषाविद्
(65) – बहुत–सी भाषाओं को बोलनेवाला – बहुभाषा–भाषी
(66) – जो शत्रु की हत्या करे – शत्रुघ्न
(67) – जो अपने से उत्पन्न हुआ हो – स्वयंभू
(68) – जो दिन में एकबार आहार करे – एकाहारी
(69) – जो सहज रूप से न पचे (देर से पचने वाला) – गुरुपाक
(70) – सब कुछ खानेवाला – सर्वभक्षी
(71) – जो पापरहित हो – निष्पाप
(72) – जिसको लाँघना कठिन हो – दुर्लध्य
(73) – जिसका दमन करना कठिन हो – दुर्दम्य
(74) – सिर पर धारण करने योग्य – शिरोधार्य
(75) – खाली या रिक्त करानेवाला – रिक्तक/रेचक
(76) – वृद्धावस्था से घिरा हुआ – जराक्रान्त
(77) – तीन प्रहरों वाली रात – त्रियामा
(78) – कुएँ की जगत – वीनाह
(79) – केंचुए की स्त्री – शिली
(80) – अंडों से निकली छोटी मछलियों का समूह – पोताधान
(81) – मछली मारने का काँटा – वडिश
(82) – मछली रखने का पात्र – कुवेणी
(83) – नाव से पार करने योग्य नदी – नाव्य
(84) – बालुकामय किनारा – सैकत
(85) – पानी से उठा हुआ किनारा – पुलिन
(86) – धोखायुक्त बात–चीत – विप्रलम्भ
(87) – नाटक का आदरणीय पात्र – मारिष
(88) – बिना तार की वीणा – कोलंबक
(89) – पक्षियों का कलरव – वाशित
(90) – वस्त्रों या पत्तों की रगड़ से उत्पन्न आवाज – मर्मर
(91) – झूठी प्रशंसा करना – श्लाघा
(92) – दुःख, भय आदि के कारण उत्पन्न ध्वनि – काकु
(93) – काला पीला मिला रंग – कपिश
(94) – सफेदी लिए हुए लाल रंग – पाटल
(95) – कमल के समान गहरा लाल रंग – शोण
(96) – कच्चे मांस की गंध – विम्न
(97) – मुख को सुगंधित करनेवाला पान – मुखवासन
(98) – दूर से मन को आकर्षित करनेवाली गंध – निर्हारी
(99) – मनोहर गन्ध – परिमल
(100) – अशुभ विचार – व्यापाद
(101) – सोलहो कलाओं से युक्त चाँद – राका
(102) – अँधेरी रात – तमिम्रा
(103) – अगस्त्य की पत्नी – लोपामुद्रा
(104) – कुबेर का विमान – पुष्पक
(105) – कुबेर का पुत्र – नलकूबर
(106) – कुबेर का बगीचा – चैत्ररथ
(107) – वर्षा सहित तेज हवा – झंझावात
(108) – इन्द्र का महल – वैजयन्त
(109) – शिव की जटाएँ – कपर्द
(110) – विष्णु का छोटा भाई – गद
(111) – विष्णु का सारथि – दारुक
(112) – विष्णु का धनुष – शांर्ग
(113) – विष्णु का मणि – कौस्तुभ
(114) – विष्णु की तलवार – नन्दक
(115) – विष्णु की गदा – कौमोदकी
(116) – विष्णु का चक्र – सुदर्शन
(117) – विष्णु का शंख – पाञ्चजन्य
(118) – वासुदेव के पिता – वसुदेव
(119) – पीने की इच्छा – पिपासा
(120) – मेघ की तरह गरजनेवाला – मेघनाद
(121) – जीने की इच्छा – जिजीविषा
(122) – तरने की इच्छा – तितीर्षा
(123) – करने की इच्छा – चिकीर्षा
(124) – देखने की इच्छा – दिदृक्षा
(125) – जान से मारने की इच्छा – जिघांसा
(126) – किसी काम में दूसरे से बढ़ने की इच्छा – स्पर्धा
(127) – खाने की इच्छा – बुभुक्षा
(128) – लाभ की इच्छा/पाने की इच्छा – लिप्सा
(129) – जीतने की इच्छा – जिगीषा
(130) – जिसका तेज निकल गया है – निस्तेज
(131) – जिसने चित्त किसी विषय में दिया है – दत्तचित्त
(132) – वह जिसकी प्रतिज्ञा दृढ़ हो – दृढ़ प्रतिज्ञ
(133) – जिसकी बुद्धि कुश के अग्रभाग में समान हो – कुशाग्रबुद्धि
(134) – जिसकी बुद्धि झट सोच ले – प्रत्युत्पन्नमति
(135) – तेजी से चलने वाला – द्रुतगामी
(136) – यात्रा करनेवाला – यात्री
(137) – युग का निर्माण करनेवाला – युगनिर्माता
(138) – जो पुरुष लोहे की तरह बलिष्ठ हो – लौहपुरुष
(139) – द्रुपद की पुत्री – द्रौपदी
(140) – जो पांचाल देश की हो – पांचाली
(141) – जो व्याख्या करे – व्याख्याता
(142) – जहाँ दवा दान स्वरूप मिले – दातव्य औषधालय
(143) – जहाँ खाना (भोजन) मुफ्त मिले – सदाव्रत
(144) – पुत्र का पुत्र – पौत्र
(145) – पुत्र की वधू – पुत्रवधू
(146) – रात और संध्या के बीच की बेला – गोधूलि
(147) – जो राजगद्दी का अधिकारी हो – युवराज
(148) – समुद्र की आग – वडवानाल
(149) – पेट या जठर की आग – जठरानल
(150) – जंगल की आग – दावानल
(151) – जो पढ़ने योग्य हो – पठनीय
(152) – जो तर्क द्वारा सम्मत हो – तर्कसम्मत
(153) – जो सुनने योग्य हो – श्रव्य
(154) – जो सुनने योग्य हो – पूजनीय
(155) – जो करने योग्य हो – कर्तव्य
(156) – जो पूछने योग्य हो – प्रष्टव्य
(157) – जो देखने योग्य हो – दर्शनीय
(158) – याचना करनेवाला – याचक
(159) – जो सबसे प्रिय हो – प्रियतम
(160) – जो मन को हर ले – मनोहर
(161) – गगन चूमनेवाला – गगनचुंबी
(162) – जो किसी विषय को विशेष रूप से जाने – विशेषज्ञ
(163) – यश देनेवाली – यशोदा
(164) – प्राण देनेवाली – प्राणदा
(165) – धन देनेवाला – धनद
(166) – हृदय का विदारण करनेवाला – हृदय–विदारक
(167) – बिक्री करनेवाला – विक्रेता
(168) – बिना अंकुश का – निरंकुश
(169) – जो विज्ञान जानता है – वैज्ञानिक
(170) – गृह बसाकर रहनेवाला – गृहस्थ
(171) – जो पत्नी की हत्या करे – पत्नीहंता
(172) – जो माता की हत्या करे – मातृहन्ता
(173) – जो पिता की हत्या करे – पितृहंता
(174) – जो शत्रु की हत्या करे – शत्रुघ्न
(175) – जो पोत युद्ध के लिए हो – युद्धपोत
(176) – जो जन्म से अंधा हो – जन्मान्ध
(177) – जो कला जानता हो लौटकर आया हुआ – प्रत्यागत
(178) – जो संगीत जानता हो – कलाविद्
(179) – जो मुकदमा दायर करे – संगीतज्ञ
(180) – सत्य के लिए आग्रह – वादी/मुद्दई
(181) – जो पहरा देता है – सत्याग्रह
(182) – जो देने योग्य हो – प्रहरी/पहरेदार
(183) – जो मुकदमा लड़ता हो – मुकदमेबाज
(184) – जो सरों (तालाब) में जन्म ले – सरसिज
(185) – जो वचन से परे हो – वचनातीत
(186) – जो अत्यन्त कष्ट से निवारित हो – दुर्निवार
(187) – जो क्षमा पाने के लायक हो – क्षम्य
(188) – जो स्त्री के स्वभाव का हो – स्त्रैण
(189) – नींद पर विजय प्राप्त करनेवाला – गुडाकेश
(190) – इन्द्रियों को जीतनेवाला – जितेन्द्रिय
(191) – जो बहुत बोले – वाचाल
(192) – जो अच्छे कुल में जन्म ले – कुलीन
(193) – जो तुरंत जन्मा है – सद्यःजात
(194) – जो नया जन्म हुआ हो – नवजात
(195) – जो नया आया हुआ हो – नवागन्तुक
(196) – अनुचित बातों के लिए आग्रह – दुराग्रह
(197) – जिसकी गर्दन सुन्दर हो – सुग्रीव
(198) – जिसके आर–पार देखा जा सके – पारदर्शी
(199) – सामूहिक आजादी – स्वाधीनता
(200) – व्यक्तिगत आजादी – स्वतंत्रता
(201) – महान् व्यक्तियों की मृत्यु – निधन
(202) – नीति को जाननेवाला – नीतिज्ञ
(203) – तमो गुण का – तामसिक
(204) – रजो गुण का – राजसिक
(205) – सतो गुण का – सात्त्विक
(206) – कुसंगति के कारण चरित्र पर दोष – कलंक
(207) – अपना मतलब साधनेवाला – स्वार्थी
(208) – जो हमेशा बदलता रहे – परिवर्तनशील
(209) – जो सबको प्रिय हो – सर्वप्रिय
(210) – अपना नाम स्वयं लिखना – हस्ताक्षर
(211) – जिस शब्द के दो अर्थ हों – श्लिष्ट
(212) – पाप करने के अनन्तर स्वयं दंड पाना – प्रायश्चित
(213) – इतिहास को जाननेवाला – इतिहासज्ञ
(214) – किसी का पक्ष लेनेवाला – पक्षपाती
(215) – जो राजा/राज्य से द्रोह करे – राजद्रोही
(216) – मोक्ष या मुक्ति की इच्छा रखनेवाला – मुमुक्षु
(217) – जो प्रतिदिन नहाता हो – नित्यस्नायी
(218) – जो मोह नहीं करता है – निर्मोही
(219) – वह पहाड़ जिससे आग निकले – ज्वालामुखी
(220) – जो आकाश में विचरण करे – खेचर
(221) – समान समय में होनेवाला – समसामयिक
(222) – जिसमें कोई विकार न आता हो – निर्विकार
(223) – जिसमें कपट न हो – निष्कपट
(224) – जो प्रशंसा के योग्य हो – प्रशंसनीय
(225) – जिसमें दया नहीं हो – निर्दय
(226) – जिसमें दया हो – दयालु
(227) – जिसका आचरण अच्छा नहीं हो – दुराचारी
(228) – जिसका आचरण अच्छा हो – सदाचारी
(229) – बुरे मार्ग पर चलनेवाला – कुमार्गगामी
(230) – अच्छा बोलनेवाला – वाग्मी/सुवक्ता
(231) – जिसका रूप अच्छा हो – सुरूप
(232) – किए गए उपकार को न माननेवाला – कृतघ्न
(233) – किए गए उपकार को माननेवाला – कृतज्ञ
(234) – दिन में होनेवाला – दैनिक
(235) – जो काम कठिन हो – दुष्कर
(236) – जिस सेना में हाथी, घोड़े, रथी और पैदल हों – चतुरंगिणी
(237) – जहाँ नाटक का अभिनय किया जाय – रंगमंच
(238) – पर्वत के नीचे की समभूमि (तराई) – उपत्यका
(239) – मरने के करीब – मुमूर्षु/मरणासन्न
(240) – सीपी, बाँसी, सूकरी, करी, धरी और नरसल से बनी माला – बैजयन्तीमाला
(241) – लताओं से आच्छादित रमणीय स्थान – निकुंज
(242) – मध्य रात्रि का समय – निशीथ
(243) – ईश्वर या स्वर्ग का खजाँची – कुबेर
(244) – इन्द्र का हाथी – ऐरावत
(245) – इन्द्र का बाग – नन्दन
(246) – इन्द्र का पुत्र – जयन्त
(247) – इन्द्र का घोड़ा – उच्चैःश्रवा
(248) – इन्द्र का सारथि – मातलि
(249) – जहाँ शिव का निवास है – कैलाश
(250) – शिव के धनुष – पिनाक
(251) – शिव के गण – प्रमथ
(252) – जिस स्त्री के सन्तान न होती हो – बाँझ
(253) – जिसका उद्धरण दिया गया हो – उद्धृत
(254) – जिसका उदाहरण दिया गया हो – उदाहृत
(255) – जो सम्पूर्ण लोक में हो – सार्वलैकिक
(256) – जो सब कालों में एक समान हो – सार्वकालिक
(257) – सबके साथ मिलकर गाया जानेवाला गान – सहगान
(258) – विमान चलानेवाला – वैमानिक
(259) – जेर से उत्पन्न होनेवाला – जरायुज
(260) – जिसका जन्म पसीने से हो – स्वेदज
(261) – जो वेदों से संबंध रखता हो – वैदिक
(262) – जो पुराणों से संबंध रखता हो – पौराणिक
(263) – जिसका नाश अवश्यंभावी हो – नश्वर
(264) – लोगों में परंपरा से चली आई कथा – दन्तकथा
(265) – किसी कलाकार की कलापूर्ण रचना – कलाकृति
(266) – साधारण लोगों में कही जानेवाली बात – किंवदंती
(267) – पृथ्वी से संबंध रखनेवाला – पार्थिव
(268) – भूगोल से संबंध रखनेवाला – भौगोलिक
(269) – गोद ली संतान – दत्तक
(270) – जो अपनी इच्छा से सेवा करे – स्वयंसेवक
(271) – पिता से प्राप्त सम्पत्ति आदि – पैतृक
(272) – जो दो बार जन्म ले – द्विज
(273) – जो रोग एक से दूसरे को हो – संक्रामक
(274) – जो सब जगह व्याप्त हो। – सर्वव्यापक
(275) – जो सबको समान रूप से देखे – समदर्शी
(276) – जिसके गर्भ में रत्न हो – रत्नगर्भा
(277) – वीरों द्वारा भोगी जानेवाली – वीरभोग्या
(278) – वीर पुत्रों को जन्म देनेवाली – वीरप्रसूता
(279) – गिरने से कुछ ही बची इमारत – ध्वंसावशेष
(280) – दो बातों या कामों में से एक – वैकल्पिक
(281) – जो किसी की ओर से बोले – प्रवक्ता
(282) – कम बोलनेवाला – मितभाषी
(283) – जो तरह–तरह के रूप बना सके – बहुरूपिया
(284) – पूर्वी देशों से संबंध रखनेवाला – पूर्वीय
(285) – हाथ की लिखी पुस्तक या मसौदा – पांडुलिपि
(286) – जो किसी काम की जिम्मेदारी ले – जवाबदेह
(287) – जो हर काम देर से करे – दीर्घसूत्री
(288) – जिसका इलाज न हो – लाइलाज
(289) – जिसका जवाब न हो – लाजवाब
(290) – जो कठिनाई से मिले – दुर्लभ
(291) – जो आसानी से मिल जाय – सुलभ
(292) – जो सुगमता से साधा जाय – सुसाध्य
(293) – जो कठिनाई से साधा जाय – दुःसाध्य
(294) – इतिहास से संबंधित – ऐतिहासिक
(295) – जो बात साफ–साफ करे – स्पष्टवादी
(296) – विनोबा के मत को माननेवाला – सर्वोदयी
(297) – जो बुद्ध के मत को माने – बौद्ध
(298) – जो जिन के मत को माने – जैनी
(299) – जो तत्त्व सदा रहे – शाश्वत
(300) – शक्ति का उपासक – शाक्त
(301) – विष्णु का उपासक – वैष्णव
(302) – शिव का उपासक – शैव
(303) – जिसे तनिक भी लज्जा न हो – निर्लज्ज
(304) – व्याकरण जाननेवाला – वैयाकरण
(305) – जो नाप–तौलकर खर्च करे – मितव्ययी
(306) – जो बहुत बातें बनाए – बातूनी
(307) – लेने की इच्छा – लिप्सा
(308) – जिसके होश ठिकाने न हो – मदहोश
(309) – सौ वर्षों का समूह – शताब्दी
(310) – दस वर्षों का समूह – दशक
(311) – सोने–जैसे रंगवाला – सुनहला
(312) – जो चाँदी–जैसा सफेद हो – परुहला
(313) – शासन हेतु नियमों का समूह – संविधान
(314) – जो शाक–सब्जी खाए – शाकाहारी
(315) – केवल फल खाकर रहनेवाला – फलाहारी
(316) – समाज से संबंध रखनेवाला – सामाजिक
(317) – जो देर तक स्मरण के योग्य हो – चिरस्मरणीय
(318) – जो मीठा बोले – मधुरभाषी
(319) – जिसे प्यास लगी हो – पिपासु/प्यासा
(320) – जानने को इच्छुक/इच्छावाला – जिज्ञासु
(321) – जानने की इच्छा – जिज्ञासा
(322) – जो आँखों के सामने हो – प्रत्यक्ष
(323) – जो सब देशों का हो – सार्वदेशिक
(324) – लेख की नकल – प्रतिलिपि
(325) – लिखनेवाला – लेखक
(326) – बोलनेवाला – वक्ता
(327) – सुननेवाला – श्रोता
(328) – बाँचनेवाला – वाचक
(329) – पढ़नेवाला – पाठक
(330) – पन्द्रह दिनों का समूह – पक्ष
(331) – जो तीनों कालों की बात जानता हो – त्रिकालज्ञ
(332) – जिसे कर्तव्य न सूझ रहा हो – कर्त्तव्यविमूढ़
(333) – जो बरतन बेचने का काम करे – कसेरा
(334) – जिसका पति जीवित हो – सधवा
(335) – जिसका धव (पति) मर गया हो – विधवा
(336) – जिसमें विष न हो – निर्विष
(337) – जिसका कोई आसरा न हो – निराश्रित
(338) – चारों ओर चक्कर काटना – परिक्रमा
(339) – बुरी बुद्धिवाला – कुबुद्धि
(340) – ऊपर कहा गया। – उपर्युक्त
(341) – नीचे लिखा हुआ – निम्नलिखित
(342) – जो बहुत कुछ जानता हो – बहुज्ञ
(343) – गर्भिणी स्त्री की लालसा – उकौना
(344) – त्वचा के ऊपर निकला हुआ मस्सा – इल्ला
(345) – अँगुलियों में होनेवाला फोड़ा – इकौता
(346) – दो दिशाओं के बीच की दिशा – उपदिशा
(347) – उभरा या लाँधा हुआ – उत्क्रान्त
(348) – स्वप्न में बकझक करना – उचावा
(349) – गरमी से उत्पन्न – उष्मज
(350) – आकाश से तारे का टूटना – उपप्लव
(351) – अन्य देश का पुरुष – उपही
(352) – छाती का घाव – उरक्षत
(353) – लाली मिल हुआ काले रंग का – ऊदा
(354) – ऊपर गया हुआ – ऊर्ध्वगत
(355) – ऊपर जानेवाला – ऊर्ध्वगामी
(356) – जो छाती के बल चले – उरग
(357) – तिनकों से बना घर – उटज
(358) – भूमि को भेदकर निकलनेवाला – उद्भिद्
(359) – नई योजना का सर्वप्रथम काम में लाने का उत्सव – उद्घाटन
(360) – जो उड़ा जा रहा हो – उड्डीयमान
(361) – जो इन्द्रियों के बाहर हो – इन्द्रियातीत
(362) – ऐसी भूमि जो उपजाऊ नहीं हो – ऊसर
(363) – उपासना करने योग्य – उपास्य
(364) – अभिनय करने योग्य – अभिनेय
(365) – जो अपमानित हो चुका हो – अनादृत
(366) – जिसका अनुभव किया जा सके – अनुभवजन्य
(367) – जिसे पान करने से अमर हो जाय – अमृत
(368) – चोट खाया हुआ – आहत
(369) – किसी को भय से बचाने का वचन देना – अभयदान
(370) – किसी के शरीर की रक्षा करनेवाला – अंगरक्षक
(371) – अनुसंधान की इच्छा – अनुसंधित्सा
(372) – राजा का बगीचा – आक्रीड
(373) – आम का बगीचा – अमराई
(374) – बच्चे को पहले–पहल अन्न खिलाना – अन्नप्राशन
(375) – जिसका पति आनेवाला है – आगमिष्यत्पतिका
(376) – जिसका पति आया हुआ है – आगत्पतिका
(377) – उच्च वर्ण के पुरुष के साथ निम्न वर्ण की स्त्री का विवाह – अनुलोम विवाह
(378) – जिस पेड़ के पत्ते झड़ गए हों – अपर्ण
(379) – अनिश्चित जीविका – आकाशवृत्ति
(380) – महल के भीतर का भाग – अन्तःपुर
(381) – जो शोक करने योग्य न हो – अशोच्य
(382) – जो जन्म लेते ही मर जाय – आदण्डपात
(383) – जिसका अनुभव किया गया हो – अनुभूत
(384) – जिसका दूसरा उपाय न हो – अनन्योपाय
(385) – अनुमान किया हुआ – अनुमानित
(386) – वृक्षों को जल से थोड़ा सींचना – आसेक
(387) – उत्कंठा सहित मन का वेग – आवेग
(388) – मंत्र–द्वारा देवता को बुलाना – आवाहन
(389) – घर के सामने का मंच – आलिन्द
(390) – भारतवर्ष का उत्तरी भाग – आर्यावर्त
(391) – दर्पण जड़ी अंगूठी, जिसे स्त्रियाँ अँगूठे में पहनती हैं – आरसी
(392) – तुलना द्वारा प्राप्त – आपेक्षिक
(393) – विपत्ति के समय विधान करने का धर्म – आपद्धर्म
(394) – बंधक रखा हुआ – आधीकृत
(395) – धूप से बचने का छाता – आतपत्र
(396) – आठ पदवाला – अष्टपदी
(397) – असम्बद्ध विषय का – अविवक्षित
(398) – लोहे का काम करनेवाला – लोहार
(399) – पानी भरनेवाला – अम्बुवाह
(400) – इन्द्रपुरी की वेश्या – अमरांगना
(401) – शाप दिया हुआ – अभिशप्त
(402) – स्वर्ग की वेश्या – अप्सरा
(403) – जिसकी आकृति का कोई और न मिले – अप्रतिरूप
(404) – देह का दाहिना भाग – अपसव्य
(405) – दूध पिलानेवाली धाय – अन्ना
(406) – जिसके जल का प्रवाह गुप्त हो – अन्तस्सलिल
(407) – जल से परिपूर्ण – अनूप
(408) – प्रेम उत्पन्न करनेवाला – अनुरंजक
(409) – अनुभव प्राप्त – अनुभवी
(410) – हित न चाहनेवाला – अनहितू
(411) – उतरती युवावस्था का – अधेर
(412) – अध्ययन किया हुआ – अधीत
(413) – रथ पर चढ़ा हुआ योद्धा – अधिरथ
(414) – वह व्यक्ति जिसके एक के ऊपर दूसरा दाँत हो – अधिकदन्ती
(415) – होठों पर चढ़ी पान की लाली – अधरज
(416) – आज के दिन से पूर्व का काल – अनद्यतनभूत
(417) – शीघ्रता का अभाव – अत्वरा
(418) – जो ऊँचा न हो – अतुंग
(419) – जिसका ज्ञान इन्द्रियों के द्वारा न हो – अतिन्द्रिय
(420) – मर्यादा का उल्लंघन करके किया हुआ – अतिकृत
(421) – व्यर्थ प्रलाप करना – अतिकथा
(422) – अति सूक्ष्म परिमाण – अणिमा
(423) – ठहाका लगाकर हँसना – अट्टहास
(424) – न टूटने वाला – अटूट
(425) – घर के सबसे ऊपर के खंड की कोठरी – अटारी
(426) – जिसका जन्म न हो – अज/अजन्मा
(427) – प्रसूता को दिया जानेवाला भोजन – अछवानी
(428) – बिना चिन्ता किया हुआ – अचिन्तित
(429) – जिसकी चिकित्सा न हो सके – अचिकित्स्य
(430) – सेना के आगे लड़नेवाला योद्धा – अग्रयोधा
(431) – निंदा न किया हुआ – अगर्हित
(432) – जो पासे के खेल में धूर्त हो – अक्षधूर्त
(433) – जिसके पास कुछ भी नहीं हो – अकिंचन
(434) – पीसे हुए चावल की मिठाई – अँदरसा
(435) – अंग पोंछने का वस्त्र – अंगोछा
(436) – आलस्य में अँभाई लेते हुए देह टूटना – अंगड़ाई
(437) – दागकर छोड़ा गया साँड़ – अंकिल
(438) – वह गणित जिसमें संख्याओं का प्रयोग हो – अंकगणित
(439) – तट का जो भाग जल के भीतर हो – अन्तरीप
(440) – जबरन नरक में धकेलना या बेगार – आजू
(441) – मानसिक भाव छिपाना – अवहित्था
(442) – दूसरे के गुणों में दोष निकालना – असूया
(443) – नाटक में बड़ी बहन – अत्तिका
(444) – न कहने योग्य वचन – अवाच्य
(445) – बार–बार बोलना – अनुलाप
(446) – माँ–बहन संबंधी गाली – आक्षारणा
(447) – दो या तीन बार कहना – आमेडित
(448) – झूठा मुकदमा – अभ्याख्यान
(449) – जो व्याकरण द्वारा सिद्ध न हो – अपभ्रंश
(450) – पश्चिम दिशा – प्रतीची
(451) – पूरब दिशा – प्राची
(452) – उत्तर दिशा – उदीची
(453) – दक्षिण दिशा – अवाची
(454) – आत्मा या अपने आप पर विश्वास – आत्मविश्वास
(455) – जो प्रमाण से सिद्ध न हो – अप्रमेय
(456) – जिसे मापा न जा सके – अपरिमेय
(457) – जिसकी आशा न की गई हो – अप्रत्याशित
(458) – जो भेदा या तोड़ा न जा सके – अभेद्य
(459) – बिना प्रयास के – अनायास
(460) – आदि से अन्त तक – आद्योपान्त
(461) – न खाने योग्य – अखाद्य
(462) – जिसे जीता न जा सके – अजेय
(463) – आलोचना के योग्य – आलोच्य
(464) – बालक से लेकर वृद्ध तक – आबालवृद्ध
(465) – सिर से लेकर पैर तक – आपादमस्तक
(466) – आलोचना करनेवाला – आलोचक
(467) – बिना वेतन के – अवैतनिक
(468) – जो पुरुष अभिनय करे – अभिनेता
(469) – जो स्त्री अभिनय करे – अभिनेत्री
(470) – जो अल्प बोलनेवाला है – अल्पभाषी
(471) – बढ़ा–चढ़ाकर कहना – अतिशयोक्ति
(472) – जो नहीं हो सकता – असंभव
(473) – जो स्त्री सूर्य भी न देख सके – असूर्यम्पश्या
(474) – जिसके पार न देखा जा सके – अपारदर्शी
(475) – जिसके आने की तिथि ज्ञात न हो – अतिथि
(476) – किसी विशेष वस्तु की हार्दिक इच्छा – अभिलापा
(477) – किसी श्रेष्ठ का मान या स्वागत – अभिनन्दन
(478) – मोहजनित प्रेम – आसक्ति
(479) – वह हथियार जो फेंककर चलाया जाय – अस्त्र
(480) – किसी के दुःख से दुखी होकर उसपर दया करना – अनुकम्पा
(481) – किसी छोटे से प्रसन्न हो उसका उपकार करना – अनुग्रह
(482) – जो साधा न जा सके – असाध्य
(483) – जो नई चीज निकाले या खोज करे – आविष्कार
(484) – जिस पुस्तक में आठ अध्याय हो – अष्टाध्यायी
(485) – जिसका शत्रु पैदा नहीं लिया – अजातशत्रु
(486) – जो कभी मरे नहीं – अमर
(487) – जिसे भय न हो – निर्भय/अभय
(488) – जो ऋण ले – अधमर्ण
(489) – जो थोड़ा जानता हो – अल्पज्ञ
(490) – जिसका नाथ (सहारा) न हो – अनाथ/यतीम
(491) – जिसे ईश्वर या वेद में विश्वास हो – आस्तिक
(492) – जिसे ईश्वर या वेद में विश्वास न हो – नास्तिक
(493) – जो जाँच या परीक्षा बहुत कठिन हो – अग्नि–परीक्षा
(494) – पर्वत के ऊपर की समभूमि – अधित्यका
(495) – दोपहर के बाद का समय – अपराह्न
(496) – कुबेर की नगरी – अलकापुरी
(497) – इन्द्र की पुरी – अमरावती
(498) – जिसकी संख्या सीमित न हो – असंख्य
(499) – जो होने से पूर्व किसी बात का अनुमान करे – अनागतविधाता
(500) – जो मनुष्य के लिए उचित न हो – अमानुषिक
(501) – साधारण नियम के विरुद्ध बात – अपवाद
(502) – बिना विचार किए विश्वास करना – अंधविश्वास
(503) – नकल करने योग्य – अनुकरणीय
(504) – जिसे काटा न जा सके – अकाट्य
(505) – जिसे टाला न जा सके – अनिवार्य
(506) – जिसका वर्णन न हो सके – अवर्णनीय
(507) – अनेक राष्ट्रों में आपस में होनेवाली बात – अन्तर्राष्ट्रीय
(508) – दूसरे के अन्दर की गहराई ताड़नेवाला – अन्तर्दर्शी
(509) – दूसरे के मन की बात जाननेवाला – अन्तर्यामी
(510) – अंडे से पैदा लेनेवाला – अंडज
(511) – जो आयुर्वेद से संबंध रखे – आयुर्वेदिक
(512) – जो पढ़ा–लिखा न हो – अनपढ़
(513) – जो दूसरों का बुरा करे – अपकारी
(514) – अपनी ही हत्या करनेवाला – आत्मघाती
(515) – स्वयं अपने को मार डालना – आत्महत्या
(516) – जो साध्य न हो – असाध्य
(517) – जिस पर विश्वास न हो – अविश्वसनीय
(518) – जिसका अपराध सिद्ध हो – अपराधी
(519) – जिसपर मुकदमा हो। – अभियुक्त
(520) – जो परीक्षा में पास हो – उत्तीर्ण
(521) – जो परीक्षा में पास न हो – अनुत्तीर्ण
(522) – जिसका अन्त न हो। – अनन्त
(523) – जिसका आदि न हो – अनादि
(524) – जिसकी तुलना न हो – अतुलनीय
(525) – अर्थ या धन से संबंधित – आर्थिक
(526) – अनुवाद किया हुआ – अनूदित
(527) – अनुवाद करनेवाला – अनुवादक
(528) – जो अर्थशास्त्र का विद्वान् हो – अर्थशास्त्री
(529) – आचार्य की पत्नी – आचार्यानी
(530) – जो सँवारा या साफ न किया गया हो – अपरिमार्जित
(531) – जो लौकिक या सांसारिक प्रतीत न हो। – अलौकिक
(532) – जिसका उल्लंघन करना उचित न हो – अनुल्लंघनीय
(533) – जो सोचा भी न गया हो – अतर्कित
(534) – जो उचित समय पर न हो – असामयिक
(535) – श्रद्धा से जल पीना – आचमन
(536) – जो क्षय न हो सके – अक्षय
(537) – कम अक्लवाला – अल्पबुद्धि
(538) – अधः (नीचे) लिखा हुआ – अधोलिखित
(539) – आशा से कहीं बढ़कर – आशातीत
(540) – जो जातियों के बीच में हो – अन्तर्जातीय
(541) – जो बूढ़ा (पुराना) न हो – अजर
(542) – जो न जानता हो – अज्ञ
(543) – ऐसे स्थान पर निवास जहाँ कोई पता न पा सके – अज्ञातवास
(544) – जिसके समान दूसरा न हो – अद्वितीय
(545) – जिसके समान अन्य न हो – अनन्य
(546) – जो दिखाई न दे – अदृश्य
(547) – जिसका पार न हो – अपार
(548) – जो दूर की न देखे/सोचे – अदूरदर्शी
(549) – जिसका मूल्य न हो। – अमूल्य
(550) – जिसकी उपमा न हो – अनुपम
(551) – जिसका जन्म बाद/पीछे हुआ हो – अनुज
(552) – जिसका जन्म पहले हुआ हो – अग्रज
(553) – जिसे सबसे पहले गिनना उचित हो – अग्रगण्य
(554) – जहाँ पहुँचा न जा सके – अगम्य
(555) – जो क्षमा न किया जा सके – अक्षम्य
(556) – अनेक शब्द – एक शब्द
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