Rahat Indori Famous Shayari – दोस्तों इस पोस्ट में आपके लिए कुछ Famous Rahat Indori Shayari in Hindi का संग्रह लाएं हैं. यह सभी शायरी राहत इंदौरी साहब द्वारा लिखी गई हैं. यहाँ पर दिए गए सभी Rahat Indori Shayri आपको बहुत ही पसंद आयगी.
डॉ. राहत इंदौरी उर्दू के प्रसिद्ध लोकप्रिय शायरों में से एक थे. उन्होंने हिन्दी फिल्मों के लिए भी बहुत सारे गीत लिखे हैं. उर्दू शायरी के लिए इनकी पहचान विश्व स्तर पर थी. इन्होने शायरी के साथ हिन्दी भाषा में कविता और गजले भी लिखी हैं.
राहत इंदौरी साहब का वास्तविक नाम राहत कुरैशी था. इनका जन्म 1 जनवरी 1950 को मध्यप्रदेश के इंदौर में हुआ था. उनके पिता का नाम रफ्तुल्लाह कुरैशी और माता जी का नाम मकबूल उन मिसा वेगम था.
स्कूली शिक्षा उन्होंने इंदौर के नूतन स्कूल से पूरी की और 1973 में अपना स्नातक इस्लामिया करीमिया कालेज से पूरा किया. उसके बाद बरकतुल्ला विश्वविद्यालय से उर्दू साहित्य में MA किया और गोल्ड मेडलिस्ट रहे. 11 अगस्त 2020 को उनका निधन हो गया. आज राहत इंदौरी साहब हमारे बिच नहीं रहे उनका उर्दू साहित्य में योगदान के लिए वह हमेशा याद किए जायेंगे.
अब आइए कुछ Rahat Indori Famous Shayari को पढ़ते हैं. हम्मे उम्मीद हैं की यह सभी Rahat Indori Shayari in Hindi में पसंद आयगी. इस Rahat Indori Shayri को अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें.
राहत इंदौरी की मशहूर शायरी, Rahat Indori Famous Shayari
(1) आते जाते हैं कई रंग मेरे चेहरे पर,
लोग लेते हैं मजा ज़िक्र तुम्हारा कर के।
Aate Jate Hain Kayi Rang Mere Chehre Par,
Log Lete Hain Mazaa Zikr Tumhara Kar Ke.
(2) बहुत गुरूर है दरिया को अपने होने पर,
जो मेरी प्यास से उलझे तो धज्जियाँ उड़ जाएँ।
Bahut Guroor Hai Dariya Ko Apne Hone Par,
Jo Meri Pyaas Se Uljhe Toh Dhajjiyan Ud Jayein.
(3) मैंने अपनी खुश्क आँखों से लहू छलका दिया,
इक समंदर कह रहा था मुझको पानी चाहिए।
Maine Apni Khushk Aankhon Se Lahoo Chalka Diya,
Ik Samandar Keh Raha Tha Mujhko Paani Chahiye.
(4) फूलो की दुकाने खोलो, खुशबू का व्यापार करो
इश्क खता हैं, तो ये खता एक बार नहीं, सौ बार करो।
Phoolo Kee Dukaane Kholo, Khushboo Ka Vyapar Karo
Ishq Khata Hain, to Ye Khata Ek Baar Nahin, Sau Baar Karo.
(5) एक चिंगारी नज़र आई थी बस्ती में उसे
वो अलग हट गया आँधी को इशारा कर के
Ek Chingaaree Nazar Aaee Thee Bastee Mein Use
Vo Alag Hat Gaya Aandhi Ko Ishara Kar Ke
(6) नींद से मेरा ताल्लुक़ ही नहीं बरसों से
ख़्वाब आ आ के मेरी छत पे टहलते क्यूं हैं
Neend Se Mera Taalluq Hee Nahin Barason Se
Khvaab Aa Aa Ke Meree Chhat Pe Tahalate Kyun Hain
Rahat Indori Shayari in Hindi
(7) अंदर का ज़हर चूम लिया धुल के आ गए
कितने शरीफ़ लोग थे सब खुल के आ गए
Andar Ka Zahar Choom Liya Dhul Ke Aa Gaye
Kitane Shareef Log The Sab Khul Ke Aa Gaye
(8) इन रातों से अपना रिश्ता जाने कैसा रिश्ता है
नींदें कमरों में जागी हैं ख़्वाब छतों पर बिखरे हैं
In Raaton Se Apana Rishta Jaane Kaisa Rishta Hai
Neenden Kamaron Mein Jaagi Hai Khwaab Chhaton Par Bikhre Hain
(9) उस की याद आई है साँसो ज़रा आहिस्ता चलो
धड़कनों से भी इबादत में ख़लल पड़ता है
(10) शाख़ों से टूट जाएँ वो पत्ते नहीं हैं हम
आँधी से कोई कह दे कि औक़ात में रहे
(11) रोज़ तारों को नुमाइश में ख़लल पड़ता है
चाँद पागल है अँधेरे में निकल पड़ता है
(12) हम से पहले भी मुसाफ़िर कई गुज़रे होंगे
कम से कम राह के पत्थर तो हटाते जाते
Rahat Indori Famous Shayari
(13) ना हम-सफ़र ना किसी हम-नशीं से निकलेगा
हमारे पाँव का काँटा हमीं से निकलेगा।
(14) दो ग़ज सही ये मेरी मिल्कियत तो है
ऐ मौत तूने मुझे जमींदार कर दिया।
(15) मैं वो दरिया हूँ की हर बूंद भँवर है जिसकी,
तुमने अच्छा ही किया मुझसे किनारा करके।
(16) मज़ा चखा के ही माना हूँ मैं भी दुनिया को
समझ रही थी की ऐसे ही छोड़ दूंगा उसे।
(17) प्यास तो अपनी सात समन्दर जैसी थी,
ना हक हमने बारिश का अहसान लिया।
(18) फूक़ डालूगा मैं किसी रोज़ दिल की दुनिया
ये तेरा ख़त तो नहीं है की जला भी न सकूं।
Rahat Indori Shayari
(19) एक ही नदी के है यह दो किनारे दोस्तो
दोस्ताना ज़िन्दगी से, मौत से यारी रखो।
(20) आँखों में पानी रखो होठों पे चिंगारी रखो
जिंदा रहना है तो तरकीबें बहुत सारी रखो।
(21) लोग हर मोड़ पे रूक रूक के संभलते क्यूँ है
इतना डरते है तो घर से निकलते क्यूँ है।
(22) ज़ुबाँ तो खोल नज़र तो मिला जवाब तो दे
मैं कितनी बार लूटा हूँ मुझे हिसाब तो दे।
(23) इश्क ने गूथें थे जो गजरे नुकीले हो गए
तेरे हाथों में तो ये कंगन भी ढीले हो गए
(24) जवानिओं में जवानी को धुल करते हैं
जो लोग भूल नहीं करते, भूल करते हैं
Rahat Indori Famous Shayari
(25) ख़याल था कि ये पथराव रोक दें चल कर
जो होश आया तो देखा लहू लहू हम थे
(26) बोतलें खोल कर तो पी बरसों
आज दिल खोल कर भी पी जाए
(27) बीमार को मरज़ की दवा देनी चाहिए
मैं पीना चाहता हूँ पिला देनी चाहिए
(28) अब तो हर हाथ का पत्थर हमें पहचानता है
उम्र गुज़री है तिरे शहर में आते जाते
(29) शहर क्या देखें कि हर मंज़र में जाले पड़ गए
ऐसी गर्मी है कि पीले फूल काले पड़ गए
(30) ये ज़रूरी है कि आँखों का भरम क़ाएम रहे
नींद रक्खो या न रक्खो ख़्वाब मेयारी रखो
Rahat Indori ki Shayari
(31) ये हवाएँ उड़ न जाएँ ले के काग़ज़ का बदन
दोस्तो मुझ पर कोई पत्थर ज़रा भारी रखो
(32) वो चाहता था कि कासा ख़रीद ले मेरा
मैं उस के ताज की क़ीमत लगा के लौट आया
(33) रोज़ पत्थर की हिमायत में ग़ज़ल लिखते हैं
रोज़ शीशों से कोई काम निकल पड़ता है
(34) अब हम मकान में ताला लगाने वाले हैं
पता चला हैं की मेहमान आने वाले हैं||
Ab hum makaan ke tala lagaane wale hain
Pata chala hain ki mehaman aane wale hain
(35) मैं ने अपनी ख़ुश्क आँखों से लहू छलका दिया
इक समुंदर कह रहा था मुझ को पानी चाहिए
(36) मैं आ कर दुश्मनों में बस गया हूँ
यहाँ हमदर्द हैं दो-चार मेरे
Rahat Indori Best Shayari
(37) दोस्ती जब किसी से की जाए
दुश्मनों की भी राय ली जाए
(38) उसे अब के वफ़ाओं से गुजर जाने की जल्दी थी,
मगर इस बार मुझ को अपने घर जाने की जल्दी थी,
मैं आखिर कौन सा मौसम तुम्हारे नाम कर देता,
यहाँ हर एक मौसम को गुजर जाने की जल्दी थी।
Use Ab Ke Wafaon Se Gujar Jaane Ki Jaldi Thi,
Magar Iss Baar Mujhko Apne Ghar Jaane Ki Jaldi Thi,
Main Aakhir Kaun Sa Mausam Tumhare Naam Kar Deta,
Yehan Har Ek Mausam Ko Gujar Jaane Ki Jaldi Thi.
(39) तेरी हर बात मोहब्बत में गँवारा करके,
दिल के बाज़ार में बैठे हैं खसारा करके,
मैं वो दरिया हूँ कि हर बूंद भंवर है जिसकी,
तुमने अच्छा ही किया मुझसे किनारा करके।
Teri Har Baat Mohabbat Mein Ganwara Karke,
Dil Ke Bajaar Mein Baithe Hain Khasaara Karke,
Main Woh Dariya Hun Ke Har Boond Bhanwar Hai Jiski,
Tumne Achha Hi Kiya Hai Mujhse Kinaara Karke.
(40) चेहरों के लिए आईने कुर्बान किये हैं,
इस शौक में अपने बड़े नुकसान किये हैं,
महफ़िल में मुझे गालियाँ देकर है बहुत खुश,
जिस शख्स पर मैंने बड़े एहसान किये है।
Chehron Ke Liye Aayine Kurbaan Kiye Hain,
Iss Shauk Mein Apne Bade Nuksaan Kiye Hain,
Mehfil Mein Mujhe Gaaliyan Dekar Hai Bahut Khush,
Jis Shakhs Par Maine Bade Ehsaan Kiye Hain.
(41) लू भी चलती थी तो बादे-शबा कहते थे,
पांव फैलाये अंधेरो को दिया कहते थे,
उनका अंजाम तुझे याद नही है शायद,
और भी लोग थे जो खुद को खुदा कहते थे।
Loo Bhi Chalti Thi Toh Baad-e-Shaba Kehte The,
Paanv Failaye Andheron Ko Diya Kehte The,
Unka Anjaam Tujhe Yaad Nahi Hai Shayad,
Aur Bhi Log The Jo Khud Ko Khuda Kehte The.
Rahat Indori Shayari in Hindi
(42) अब ना मैं हूँ, ना बाकी हैं ज़माने मेरे,
फिर भी मशहूर हैं शहरों में फ़साने मेरे,
ज़िन्दगी है तो नए ज़ख्म भी लग जाएंगे,
अब भी बाकी हैं कई दोस्त पुराने मेरे।
Ab Na Main Hun, Na Baaki Hai Zamane Mere,
Fir Bhi MashHoor Hain Shaharon Mein Fasane Mere,
Zindagi Hai Toh Naye Zakhm Bhi Lag Jayenge,
Ab Bhi Baaki Hain Kayi Dost Puraane Mere.
(43) जागने की भी, जगाने की भी, आदत हो जाए
काश तुझको किसी शायर से मोहब्बत हो जाए
दूर हम कितने दिन से हैं, ये कभी गौर किया
फिर न कहना जो अमानत में खयानत हो जाए||
(44) गुलाब, ख्वाब, दवा, ज़हर, जाम क्या क्या हैं
में आ गया हु बता इंतज़ाम क्या क्या हैं
फ़क़ीर, शाह, कलंदर, इमाम क्या क्या हैं
तुझे पता नहीं तेरा गुलाम क्या क्या हैं||
(45) मोड़ होता है जवानी का सँभलने के लिए,
और सब लोग यहीं आ के फिसलते क्यूं हैं।
Rahat Indori Famous Shayari
(46) फैसला जो कुछ भी हो, हमें मंजूर होना चाहिए,
जंग हो या इश्क हो, भरपूर होना चाहिए।
(47) सब प्यासे हैं सबका अपना ज़रिया है, बढ़िया है,
हर कुल्हड़ में छोटा-मोटा दरिया है, बढ़िया है।
(48) सलिक़ा जिनको सिखाया था हमने चलने का,
वो लोग आज हमें दायें-बायें करने लगे।
(49) वो एक सवाल है फिर उसका सामना होगा,
दुआ करो की सलामत मेरी ज़बान रहे।
(50) इस बार एक और भी दीवार गिर गयी,
बारिश ने मेरे घर को हवादार कर दिया।
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