राष्ट्रीय एकता पर कविता, Rashtriya Ekta Poem in Hindi

Rashtriya Ekta Poem in Hindi – यहाँ पर आपको कुछ बेहतरीन राष्ट्रीय एकता पर कविता का संग्रह दिया गया हैं. एकता का अर्थ एक साथ होना होता हैं. अपने देश के प्रति सभी व्यक्ति को राष्ट्रीय हित में एकता को बनाए रखनी चाहिए. राष्ट्रीय एकता को अधार मानकर हमारे लोकप्रिय कवियों ने अनेकों Hindi Poem on Rashtriya Ekta Diwas पर लिखी हैं.

भारत में प्रत्येक वर्ष भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी सरदार वल्ल्भ भाई पटेल के जन्म दिन 31 अक्तूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता हैं. भारत के एकजुट राष्ट्र बनाने में सरदार वल्ल्भ भाई पटेल की अहम भूमिका रही हैं. इन्होने 562 रियासतों को एकरिकरण किया था. इस योगदान के लिए इन्हें लोह्पुरुष की उपाधि से सम्मानित किया जाता हैं. राष्ट्रीय एकता दिवस की शुरुआत 2014 में हुई थी.

अब आइए Rashtriya Ekta Poem in Hindi को पढ़ते हैं. यह सभी Hindi Poem on Rashtriya Ekta Diwas आपको पसंद आएगी. यह सभी राष्ट्रीय एकता पर कविता हमें एक साथ मिलजुल कर रहने के लिए प्रेरित करते हैं. इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें.

राष्ट्रीय एकता पर कविता, Rashtriya Ekta Poem in Hindi

Rashtriya Ekta Poem in Hindi

1. Rashtriya Ekta Poem in Hindi – राष्ट्र की एकता ही हैं उसका आधार

राष्ट्र की एकता ही हैं उसका आधार
न थोपों उस पर सांप्रदायिक विचार
क्यूँ करते हो भेद ईश्वर के बन्दों में
हर मज़हब सिखाता हैं प्रेम बाँटो सब में
क्यूँ करते हो वैचारिक लड़ाई
बनता हैं यह भारत माँ के लिए दुखदाई
एक भूमि का टुकड़ा नहीं हैं मेरा देश
मेरी माँ का हैं यह सुंदर परिवेश
इसके उद्धार में ही हैं अलौकिक प्रकाश
सबके साथ में ही हैं सबका विकास
एकता ही हैं अंत दुखों का
एकता में ही हैं कल्याण अपनों का

2. राष्ट्रीय एकता पर कविता – राष्ट्रीय एकता है ऐसी भावना

राष्ट्रीय एकता है ऐसी भावना
जो लोगों में पैदा करती है सदभावना
हमारा भारत देश है राष्ट्रीय एकता की
जीती जागती मिशाल
मेरा भारत है धर्मों का देश
फिर भी पिरोया हुआ राष्ट्रीय एकता
के सूत्र में यह देश
मेरे देश भारत की शक्ति है
इसकी राष्ट्रीय एकता की पहचान
जब भी मेरे देश की एकता है टूटी
तभी वहां के लोगों की किस्मत है फूटी
अखंडता और शांति को बनाये रखना है जरूरी है
इसीलिए देश के लोगो में राष्ट्रीय एकता है बहुत जरूरी
आईये सभी मिलकर एकता के सूत्र में बंध जाएं
गीले सिक्वे भुलाकर एक दूसरे के गले लग जाएं

3. Rashtriya Ekta Par Kavita – इस राष्ट्र की एकता को हमेशा बनाए रखें

इस राष्ट्र की एकता को हमेशा बनाए रखें
दिल में इस जज्बे को हमेशा जगाए रखें
एकता के परिवेश में, जब वह रूप हमने पाया
अपना भारत देश ही, सोने की चिड़िया कहलाया
भारत माता के सपूतों क्यों
एक दूसरे पर वार करते हो
क्यों देश की अखंडता को, तार तार करते हो
राष्ट्र के महापुरुषों ने, एकता का प्रचार किया था
सांप्रदायिक विचार का, बहिष्कार किया था
सब में प्रेम बांटना ही, अपनी पहचान होनी चाहिए
इसी धारणा की सभी के मन में
ऊंची आवाज होनी चाहिए
ईश्वर के बच्चों में भेद मत होने दीजिए
हर मजहब एक दिखें, सीख सब को दीजिए

4. Ekta Diwas Par Kavita – जब भी मेरे देश की एकता है टूटी

जब भी मेरे देश की एकता है टूटी
तभी वहां के लोगों की किस्मत है फूटी

अखंडता और शांति को बनाये रखना है जरूरी है
इसीलिए देश के लोगो में राष्ट्रीय एकता है बहुत जरूरी

आईये सभी मिलकर एकता के सूत्र में बंध जाएं
गीले सिक्वे भुलाकर एक दूसरे के गले लग जाएं

राष्ट्रीय एकता पर कविता

5. Hindi Poem on Rashtriya Ekta – मैं नहीं तू, तू नहीं मैं

मैं नहीं तू, तू नहीं मैं
कब तक चलेगा ये मतभेद
कैसे अनपढ़ हैं कहने वाले
जो देश को सांप्रदायिक सोच देते हैं
फूट डालो और राज करो
कैसे वो ये नारा भुला बैठे हैं
अंग्रेज हो या कोई हमने ही तो अवसर दिया
आपसी लड़ाई में हमने मातृभूमि को गँवा दिया
आज भी उसी सोच के गुलाम हैं हम
खुद ही अपने देश के शत्रु बन रहे हैं हम
फिर से कही मौका न दे बैठे
चलो सुलझाये और आज साथ आकर बैठे

6. Rashtriya Ekta Poem in Hindi – भारत माता की बगिया में

भारत माता की बगिया में,
नये नये फिर फूल खिलायें.
मधुर सुगंध बहा कर इनकी,
सारा जग फिर से महकायें.
अपने घर के सारे झगड़े,
आपस में मिल कर सुलझायें.
शक्ति एकता में कितनी है,
यह रहस्य सबको समझायें.
सत्य न्याय के पाठ पर चलना,
निज जीवन आदर्श बनायें.
जीवन संघर्षों से लड़ना,
जन जन को फिर से सिखलायें.
ज्ञानदीप की ज्योति जला कर,
एक नया विश्वास जगायें.
मानव में फिर मानवता भर,
मानव को आदर्श बनायें.
हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई,
सब भाई भाई बन जायें.
अपने अपने भेद भूला कर,
आओ मिल कर देश बनायें.

7. राष्ट्रीय एकता पर कविता – देखता हूं जब भी कभी में इन खिलती हुई बहारों को

देखता हूं जब भी कभी में इन खिलती हुई बहारों को
याद आ जाते हैं वो सपने में स्वर्ग के सभी नज़ारे
मेरा देश है बड़ा विशाल इसमें तो हैं सभी ही सितारे
हैं कहीं विशाल पर्वत तो कहीं हैं नदियां नालें
यहां वसतें हैं ऐसे जवान गाती है दुनिया जिनके गुणगान
है नहीं किसी की हिम्मत जो कर सकें उनका अपमान
यहां है भाषा अलग अलग और पहनावा है अलग अलग
फिर भी अपने देश के प्रति उठती है उनमें उमंग
कितना विशाल है मेरा देश यह देखकर होता है मुझे मान
मेरी सदा यही है कामना वसदा रहे मेरा देश भारत महान

यह भी पढ़ें:-

तिरंगा पर कविता
अनुशासन पर कविता
ब्रोकेन हार्ट कविता
योग पर कुछ कविताएँ

आपको यह Rashtriya Ekta Poem in Hindi कैसी लगी अपने Comments के माध्यम से ज़रूर बताइयेगा। इसे अपने Facebook दोस्तों के साथ Share जरुर करे.

Leave a Comment