Sardar Vallabhbhai Patel Poems in Hindi – दोस्तों इस पोस्ट में कुछ बेहतरीन सरदार वल्लभभाई पटेल पर कविता का संग्रह दिया गया हैं. स्कूलों में भी Class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, & 10 के बच्चों को Poem on Sardar Patel in Hindi पढ़ाया जाता हैं. उनके लिए यह सभी Short Poem on Sardar Vallabhbhai Patel in Hindi बहुत ही उपयोगी होगी.
सरदार वल्लभभाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को नाडियाड गुजरात में हुआ था. भारत की आजादी में इनका महत्वपूर्ण योगदान रहा हैं. इन्हें लौह पुरुष के नाम से भी जाना जाता हैं. इनके जन्मदिन को एकता दिवस के रूप में मनाया जाता हैं. यह एक विद्वान, दूरदर्शी, कुशल राजनेता के साथ एक सच्चे देशभक्त थे. इन्होनें देश को एकजुट करने में अहम भूमिका निभाई थी.
दोस्तों आइए अब नीचे कुछ Sardar Vallabhbhai Patel Poems in Hindi में दिया गया हैं. इसे पढ़ते हैं. हमें उम्मीद हैं की यह सभी सरदार वल्लभभाई पटेल पर कविता आपको पसंद आएगी. इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें.
सरदार वल्लभभाई पटेल पर कविता, Sardar Vallabhbhai Patel Poems in Hindi
1. Poem on Sardar Patel in Hindi
खुशबू से जिसकी महका सारा हिन्दुस्तान
वो थे वल्लभ भाई पटेल भारत की शान।
प्रतिभाशाली, व्यक्तित्व के धनी थे सरदार
भारत की आजादी के नायक थे महान।।
आजादी के बाद बिखरी रियासतों का
किया एकीकरण,लौह पुरुष कहलाये।
स्वाध्याय से प्रांरभिक शिक्षा ली फिर लंदन
जाकर बैरिस्टर की पढ़ाई में प्रथम आये।।
बारडोली सत्याग्रह की सफलता के बाद
सरदार की उपाधि वहां की महिलाओं ने दी
दुश्मनों के लिए लौह पुरुष थे सरदार पटेल
इनको मरणोपरांत भारत रत्न की उपाधि दी।।
हृदय कोमल,आवाज में सिंह सी दहाड़ थी
भारतीय राजनीति के प्रखण्ड विद्वान थे।।
शत् शत् नमन ऐसे महान व्यक्ति को
वे भारत की आन बान और शान थे।।
– उषा अग्रवाल
2. सरदार वल्लभभाई पटेल पर कविता
लोह पुरुष की ऐसी छवि
ना देखी, ना सोची कभी
आवाज में सिंह सी दहाड़ थी
ह्रदय में कोमलता की पुकार थी
एकता का स्वरूप जो इसने रचा
देश का मानचित्र पल भर में बदला
गरीबो का सरदार था वो
दुश्मनों के लिए लोहा था वो
आंधी की तरह बहता गया
ज्वालामुखी सा धधकता गया
बनकर गाँधी का अहिंसा का शस्त्र
महकता गया विश्व में जैसे कोई ब्रहास्त्र
इतिहास के गलियारे खोजते हैं जिसे
ऐसे सरदार पटेल अब ना मिलते पुरे विश्व में
3. Sardar Vallabhbhai Patel Poems in Hindi
देश भक्ति थी जिसके रग में.
सबल बने, भारत इस जग में.
एकीकरण के स्वप्न को जिसने.
यथार्थ में बदल दिया, भुजबल से.
भारत के सरदार देश के लाल
शत- शत नमन तुम्हे है !!
नडियाद के वीर, भारतरत्न.
बारडोली सत्याग्रह के सरदार.
जिसके समक्ष हरा निज़ाम.
जिसके समक्ष हरा निज़ाम.
आताताइयों का झूठा स्वाभिमान.
भारत के सरदार देश के लाल
शत- शत नमन तुम्हे है !!
4. Short Poem on Sardar Vallabhbhai Patel in Hindi
वह सरदार पटेल चाहिये,
जो किसानो के हक की बात करें,
इनके दुःख-दर्द मिटाने के लिए लड़े,
जिसकी ईमानदारी और विनम्रता की बातें सब करें.
वह सरदार पटेल चाहिए,
जो अपनी आखों को क्रोध से लाल करें,
अन्याय के खिलाफ़ मजबूत हाथों से लड़े,
जिसकी आवाज से दुश्मन भी काप उठे.
वह सरदार पटेल चाहिए,
जो भारत को एकता का पाठ पढाये,
हर मजहबों को गले मिलने का सबक सिखाये,
जो हर वक्त सच के साथ खड़ा रहकर दिखाये.
वह सरदार पटेल चाहिए,
जो देश के लिए कुर्बान हो,
जिसका हृदय विशाल हो,
आने वाली पीढ़ियों के लिए मिशाल हो
5. खंड खंड को जोड़ जिसने
खंड खंड को जोड़ जिसने
अखंड राष्ट्र का सृजन किया
उन शिल्पी वल्लभ को सबने
लोहपुरुष कह नमन किया
बापू के अनुयायी थे
खेड़ा से रण में रखे कदम
भर हुंकार बरदौली में बोले
न दे लगान की रत्ती हम
वाणी में थी सिंह गर्जना
उर में थे अनुराग नरम
बढ़ी ख्याति अखिल हिन्द में
चूर किया सत्ता का भ्रम
अत्याचार के शासन का
दृढ होकर जिसने दमन किया
उन युग शिल्पी को सबने
लौहपुरुष कह नमन किया
सदियों से जो नहीं था हुआ,
चंद दिनों में सफल किया
पांच सौ पैसठ रजवाड़ों को
कूटनीति से विलय किया.
जूनागढ़ से जनमत लेकर
कश्मीर से सुलह किया
सबक सिखा करके निजाम को
हैदराबाद में समर किया.
इस्पात के ढाँचे की सेवा का
नए रूप में गठन किया
उन युग शिल्पी वल्लभ को सबने
लोहपुरुष कह नमन किया.
साहस धैर्य की अनुपम दृष्टि
हिय में थे संजोय हुए
धरा से उठकर बने हिमालय
जिनकी गुरुता गगन छुए
अतुल त्याग की मूरत थे वे
लोभ न जिनके निकट गये
अखंड राष्ट्र एकता हेतु
तन मन धन से अर्पित भए
उर में धारण कर सेवा भाव
फिर कुरीतियों का दमन किया
उन युग शिल्पी वल्लभ को सबने
लोहपुरुष कह नमन किया.
कायम रखने राष्ट्र एकता
उच्च पदों का त्याग किया
विजयी होकर लोभ क्रोध पर
देशहित का साथ दिया
दूरदर्शिता की शक्ति थी
चीन के प्रति चेताया था
अमर हुए जब ज्ञात तब
खुद को घर न बनाया था
धन्य हो गई धरा हिन्द की
जो भारत भू पर जन्म लिया
उन युग शिल्पी वल्लभ को सबने
लोहपुरुष कह नमन किया.
खंड खंड को जोड़ के जिसने
अखंड राष्ट्र का सृजन किया
उन युग शिल्पी वल्लभ को सबने
लोहपुरुष कह नमन किया.
6. पटेल सच्चें वीर सैनानी थे
पटेल सच्चें वीर सैनानी थे।
भारत क़ी सारी क़हानी थे।।
थें निडर भारतमाता के सेवक़।
थें अडिग़ अग्रेजो के संबाधक़।
दुश्मन थर-थर कापा क़रते थे।
थे राज़नीति के प्रबल सम्बंधक।
सरदार युवाशक्ति क़ी बानी थें।
पटेल सच्चें वीर सेनानी थें।
भाईं स्वतन्त्रता के लिये लडे थे।
आज़ादी के नुतन पृष्ट गढे थे।
झ़ुके नही रुकें नही बढे लक्ष्य पर।
थप्पड बर्बंरता के गाल जडे थे।
बल्लभ जी पानीदार पानी थें।
पटेल सच्चें वीर सैनानी थें।
मनुष्य को प्रसन्न रहना चाहिये।
हमे मुस्क़राते रहना चाहिये।
अद्वितीय नारे दिये पटेल ने।
हथौडे को ठन्डा रहना चाहिये।
अखण्ड भारत की निशानीं थे।
पटेल सच्चें वीर सैनानी थें।
गाधीजी ने लौह पुरुष क़हा।
ज़नमानस ने सरदार क़हा।
गुज़रात प्रान्त धन्य-धन्य हुआं।
भारत ने सर्वोंच्च नागरिक़ कहा।
निर्भंय योद्धा स्वाभिमानी थें।
पटेल सच्चें वीर सैनानी थे।
अपनी दृढ इच्छाशक्ति से।
पावन वसुन्धरा की भक्ति से।
ख़ेड़ा संघर्षं याद आज़ भी।
झ़ुकाया अंग्रेजो को युक्ति से।
भारत रत्न क़़ो दृश्य ज़वानी थें।
पटेल सच्चें वीर सेनानी थें।
– भास्कर सिंह माणिक
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