Shayari on Eyes in Hindi : दोस्तों आज इस पोस्ट में कुछ बेहतरीन और लोकप्रिय आँखों पर शायरी का संग्रह दिया गया हैं. किसी की आँखें बहुत कुछ कह जाती हैं. आँखें किसी के दिल का हाल को बयाँ कर देती हैं.
आइये कुछ नीचे Shayari on Eyes in Hindi में दिए गए हैं. इसे पढ़ते हैं. हमें उम्मीद हैं की यह सभी आँखों पर शायरी आपको पसंद आयगी. इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें.
आँखों पर शायरी, Shayari on Eyes in Hindi
(1) करीब आ तेरी आँखों में देख लूँ खुद को,
बहुत दिनों से मैंने आइना नहीं देखा
(2) तैरना तो आता था हमें लेकिन,
तेरी आखों में डूब जाना अच्छा लगा !
(3) तेरी आँखों के जादू से
तू ख़ुद नहीं है वाकिफ़
ये उसे भी जीना सिखा देती हैं
जिसे मरने का शौक़ हो।
(4) जीना मुहाल कर रखा है मेरी इन आँखों ने,
खुली हो तो तलाश तेरी बंद हो तो ख्वाब तेरे।
(5) नशीली आँखों से वो जब हमें देखते हैं,
हम घबरा कर आँखें झुका लेते हैं,
कौन मिलाये उन आँखों से आँखें,
सुना है वो आँखों से अपना बना लेते हैं।
(6) जो उनकी आँखों से बयां होते हैं,
वो लफ्ज़ शायरी में कहाँ होते हैं।
(7) कोई दीवाना दौड़ के लिपट न जाये कहीं,
आँखों में आँखें डालकर देखा न कीजिए।
(8) बस इक लतीफ तबस्सुम बस इक हसीन नजर,
मरीजे-गम की हालत सुधर तो सकती है।
(9) मैं उम्र भर जिनका न कोई दे सका जवाब,
वह इक नजर में, इतने सवालात कर गये।
(10) सौ सौ उम्मीदें बंधती है, इक-इक निगाह पर,
मुझको न ऐसे प्यार से देखा करे कोई।
आँखों पर शायरी
(11) फिर न कीजे मेरी गुस्ताख निगाहों का गिला,
देखिये आपने फिर प्यार से देखा मुझको।
(12) खुलते हैं मुझ पे राज कई इस जहान के,
उसकी हसीन आँखों में जब झाँकता हूँ मैं।
(13) रात बड़ी मुश्किल से खुद को सुलाया है मैंने,
अपनी आँखों को तेरे ख्वाब का लालच देकर।
(14) निगाहों से कत्ल कर दे न हो तकलीफ दोनों को,
तुझे खंजर उठाने की मुझे गर्दन झुकाने की।
(15) जाने क्यों डूब जाता हूँ हर बार इन्हें देख कर,
इक दरिया हैं या पूरा समंदर हैं तेरी आँखें।
(16) इतने सवाल थे मेरे पास कि
मेरी उम्र से न सिमट सके,
जितने जवाब थे तेरे पास सभी
तेरी एक निगाह में आ गए।
(17) यह मुस्कुराती हुई आँखें
जिनमें रक्स करती है बहार,
शफक की, गुल की,
बिजलियों की शोखियाँ लिये हुए।
(18) बिना पूछे ही सुलझ जाती हैं सवालों की गुत्थियाँ,
कुछ आँखें इतनी हाज़िर-जवाब होती हैं।
(19) इश्क के फूल खिलते हैं तेरी खूबसूरत आँखों में,
जहाँ देखे तू एक नजर वहाँ खुशबू बिखर जाए।
(20) उठती नहीं है आँख किसी और की तरफ,
पाबन्द कर गयी है किसी की नजर मुझे,
ईमान की तो ये है कि ईमान अब कहाँ,
काफ़िर बना गई तेरी काफ़िर-नज़र मुझे।
2 Line Shayari on Eyes in Hindi
(21) खुदा तो उसकी आँखों में था,
हम खामखाँ आयतें पढ़ते रहे।
(22) ख़्वाब लफ्जों में नहीं ढलते,
काश आँखें पढ़ा करे कोई।
(23) लोग नज़रों को भी पढ़ लेते हैं,
अपनी आँखों को झुकाए रखना।
(24) दिल की बातें बता जाती हैं आँखें,
धड़कनों को जगा जाती हैं आँखें,
दिल पे चलता नहीं जादू चेहरे का कभी,
दिल को तो दीवाना बना जाती हैं आँखें।
(25) आँखों में नमी सी है चुप-चुप से वो बैठे हैं,
नाजुक सी निगाहों में नाजुक सा फसाना है।
(26) कश्तियाँ मौजों में तूफान में लंगर डूबे,
हम बचे थे तो किनारे पे पहुँच कर डूबे,
मैं तो कतरा था नजर उनसे मिलाता कैसे,
ऐसी आँखें… कि समंदर के समंदर डूबे।
(27) ये आँखे न होती,
ये नजारा न होता,
आँखों से मोहब्बत पढ़ने
का फ़साना न होता।
(28) नशे की आदत तेरी आँखों ने लगाई है,
वर्ना कभी हम भी
होश मे ज़िया करते थे।
(29) ये आँखें है जो तुम्हारी किसी
ग़ज़ल की तरह खुबसूरत है,
कोई पढ़ ले इन्हें एक दफा
तो शायर हो जाए।
(30) तेरी सूरत जो भरी रहती है
आँखों में सदा,
अजनबी चेहरे भी
पहचाने से लगते हैं मुझे।
Khubsurat Aankhon ki Shayari
(31) किसी ने धूल क्या झोंकी आखों में,
पहले से बेहतर दिखने लगा हमें।
(32) क़ैद ख़ाने हैं बिन सलाख़ों के,
कुछ यूँ चर्चे हैं तुम्हारी आँखों के।
(33) यूँ ही गुजर जाती है
शाम अंजुमन में,
कुछ तेरी आँखों के बहाने
कुछ तेरी बातो के बहाने।
(34) आँखों पर तेरी निगाहों
ने दस्तख़त क्या किए,
हमने साँसों की वसीयत
तुम्हारे नाम कर दी।
(35) देखकर काजल की लकीरें
उनकी आँखों में,
पहली दफ़ा ये जाना कि ये चाँद
की ख़ूबसूरती रात से क्यूं है।
(36) तेरी आँखों के जादू से
तू ख़ुद नहीं है वाकिफ़,
ये उसे भी जीना सिखा देती हैं
जिसे मरने का शौक़ हो।
(37) मेरे होठों ने हर बात छुपा कर रखी थी,
आँखों को ये हुनर कभी आया ही नहीं।
(38) अगर कुछ सीखना ही है
तो आँखों को पढ़ना सीख लो,
वरना लफ़्ज़ों के मतलब तो
हजारों निकाल लेते है।
(39) बिना पूछे ही सुलझ जाती हैं
सवालों की गुत्थियाँ,
कुछ आँखें इतनी
हाज़िर जवाब होती हैं।
(40) दिल तो यूँ ही बदनाम हैं इश्क़ में,
सारा क़ुसूर ही बहकती नजरों का हैं।
Shayari on Eyes in Hindi
(41) न जाने क्या कशिश है
उसकी मदहोश आँखों मैं,
नज़र अंदाज़ जितना भी करों
नज़र उसी पर जाती है।
(42) सुना है तेरी आँखों मैं
सितारे जगमगाते हैं,
इजाज़त हो तो मैं भी
अपने दिल मै रोशनी कर लू।
(43) वो बोलते रहे हम सुनते रहे,
जवाब आँखों में था
वो जुबान में ढूंढते रहे।
(44) जाने क्यों डूब जाता हूँ
हर बार इन्हें देख कर,
इक दरिया हैं या
पूरा समंदर हैं तेरी आँखें।
(45) आँखे मिलाने का शौक न था,
तुम्हें देखा तो आदत खराब हो गयी।
(46) लाजमी तो नही है कि
तुझे आँखों से ही देखूँ,
तेरी याद का आना भी
तेरे दीदार से कम नही।
(47) सुकून की तलाश में तुम्हारी आँखों में झाँका था,
किसे पता था कम्बखत दिल का दर्द और मिल जाएगा !
(48) पानी में तैरना सीख ले मेरे दोस्त,
आँखों में डूबने वालों का अंजाम बुरा होता है !
(49) चलो हम उजड़े शहर के शहजादे ही सही,
मगर तुम्हारी आँखे बताती है विरान तुम भी हो !
(50) नशीली आँखों से वो जब हमें देखते हैं,
हम घबराकर आँखें झुका लेते हैं,
कौन मिलाए उनकी आँखों से ऑंखें,
सुना है वो आँखों से अपना बना लेते हैं !
(51) तैरना तो आता था हमें लेकिन,
तेरी आखों में डूब जाना अच्छा लगा !
(52) उठती नही है आँख किसी और की तरफ
पाबन्द कर गयी है किसी की नजर मुझे !
(53) अब तो उससे मिलना और भी
ज़रूरी हो गया है सुना है उसकी
आँखो मै मेरा अक्स नज़र आता है !
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